Thursday, May 9

पाक के खिलाफ लड़ाई लड़ चुके पायलट बाबा ने कहा-‘भारत की मर्जी पर है पाक,वरना नामोनिशान मिट जाएगा

सीमा जागरण मंच द्वारा रक्सौल में हुआ स्वागत,बैठक में भारत नेपाल रिश्ते व सीमा के हालात पर हुई चर्चा!

रक्सौल।( vor desk )।भारत-नेपाल समेत दुनियां के देशों में चर्चित पायलट बाबा का रक्सौल बॉर्डर पर खूब स्वागत हुआ।सीमा जागरण मंच व नेपाल हिन्दू महासंघ द्वारा यहां उनकी अगवानी की गई।इस दौरान सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित बैठक में भारत -नेपाल के रिश्तों व सीमा के हालात पर चर्चा हुई।

अपने विदेशी शिष्याओं के साथ पहुचे पायलट बाबा करीब दो घण्टे रक्सौल में उक्त बैठक व कार्यक्रमो से निपटने के बाद vor team से बात चीत में कहा कि- ‘पाकिस्तान भारत का कुछ भी नही बिगाड़ सकता।कश्मीर पहले भी भारत का था।अब भी है।कल भी रहेगा।जम्मू कश्मीर को ले कर जो मिस्टेक पहले हुई थी।उसे सुधार लिया गया है।भारतीय लोगों को वहां आने-जाने रहने और कुछ करने का अधिकार मिल गया है।भारत सरकार को यह स्टैंड बहुत पहले ले लेना चाहिए था।

हिन्दू धर्म गुरु व जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर पायलट बाबा ने कहा कि विश्व की सभ्यता संस्कृति में पाक की कोई जगह नही रह गई है।यूनाइटेड नेशन में उसका कोई महत्व नही है।विश्व समुदाय को पाक पर न भरोसा है।न ही उसका कोई महत्व।आतंकवादी देश बन कर वह अलग थलग पड़ गया है।

पाकिस्तान व चीन के खिलाफ 1962,1965 व 1971 हुई लड़ाई में भारतीय वायु सेना के पायलट के रूप में योगदान दे चुके बिहार के रोहतास के मूल निवासी कपिल सिंह अब पायलट बाबा के रूप में चर्चित हैं।उन्होंने पाकिस्तान के रुख को बाल हठ बताते हुए कहा कि भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है।हम उसे हानी नही पहुचाना चाहते।हम उसे छोड़े हुए हैं। उसका भारत से कोई मुकाबला नही है।एक कबीलाई देश भारत का कुछ नही बिगाड़ सकता। भारत जिस दिन चाहेगा, पाकिस्तान का नामो निशान दुनियां से मिट जाएगा।

उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि एक अच्छा व्यक्ति भारत का प्रधानमंत्री बना है।जो राष्ट्र की चिंता करता है।वे राष्ट्रवादी पीएम हैं।उनके नेतृत्व में देश समर्थ व मजबूत बना है।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण का वक़्त निकट आ गया है।पायलट बाबा ने आगे कहा कि नेपाल और भारत पहले से ही हिन्दू राष्ट्र रहे हैं ।इन्हें हिन्दू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता नही है।यहां दर्जनों कल्चर हैं लेकिन, मूल सभ्यता हिंदुत्व है।उन्होंने कहा कि हिन्दू संस्कृति को मजबूत करने की जरूरत है।

उनके साथ उनके सहयोगी डॉ0 अनिल कुमार मिश्रा समेत विदेशी शिष्या ओक्साना बराबोंवा उर्फ अन्नपूर्णा,शैरोन वालेस उर्फ सन्नी माता,कवेरिंग लूसिया उर्फ यज्ञा गिरी,स्ट्रैवेस्का उर्फ आशा,अलक्जेंद्ररा उर्फ अनुसूईया गिरी शामिल थे।जबकि,मौके पर राम नरेश सिंह,शिक्षक बीपी गुप्ता,डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह,उमेश सिकरिया,ओम ठाकुर,अभिमन्यु सिंह,कृष्णा यादव,नितेश कुमार सिंह, राहुल गुप्ता,तनु अग्रवाल आदि मौजूद थे।

एयरफोर्स पायलट से बाबा:
बनारस से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद बाबा का चयन भारतीय एयर फोर्स में हो गया था। जहां उन्होंने 1962, 1965 और 1971 में पाक और चीन के खिलाफ हुई लड़ाई में पायलट के रूप में विशेष सेवाएं दी थी, जिसके लिए भारत सरकार से उन्हें कई अवार्ड्स भी मिले हैं। संत बनने से पहले पायलट बाबा ने बॉलीबुड की कुछ फिल्मों में काम किया है। उन्होंने फिल्म एक फूल दो माली में भी अभिनय किया है। बाबा ने राज कपूर, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी आदि कलाकारों की फिल्मों में भी छोटे-छोटे चरित्र निभाए हैं। ऐसे बने पायलट बाबा 1972 के बाद इनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जब बाबा की मुलाकात हरि गिरी जी महाराज से हुई। हरि बाबा को उन्होंने गुरु मान लिया। इसके बाद कपिल का मन धर्म और आधात्म के क्षेत्र में पूरी तरह लग गया था। वे पायलट बाबा बन गए और हरि गिरी जी महाराज के साथ लगभग 14 वर्षों तक हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों में कठिन साधना की। आज पायलट बाबा जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वरों में से एक हैं। बाबा के 17 शिष्य भी महामंडलेश्वर हैं। बाबा और उनके शिष्य धर्म-आध्यात्म के क्षेत्र में कई जनकल्याणकारी काम कर रहे हैं।

चमत्कार से बदली जिंदगी:
बाबा बताते है कि एक बार पूर्वोत्तर में मिग विमान उड़ा रहा था। अचानक मैं विमान पर नियंत्रण खो बैठा। तभी मुझे कॉकपिट में अपने गुरु हरि बाबा के दर्शन हुए।उन्होंने विमान को सुरक्षित उतारने में मेरी मदद की।बस मैने नई जिंदगी जीने का फ़ैसला कर लिया।बाबा कहते हैं कि नए जीवन से उन्हें शांति मिली है।
आशिर्वाद की होड़
बाबा का आशीर्वाद पाने वालों की होड़ में भारत ही नहीं जापान, यूरोप और अमरीका के श्रद्धालू भी शामिल हैं। देश के दिग्गज राजनीतिज्ञ इनकी शरण में रहते आये हैं।


-समाधि के लिए चर्चित बाबा

‘पायलट बाबा’
केसरिया चादर और चमकीली सुनहरी रंग की शॉल में लिपटे बाबा सिर पर टोपी लगाए होते हैं और यही टोपी उनके अतीत की थोड़ी बहुत याद दिलाती है। पायलट बाबा समाधि दिलाने के लिए मशहूर हैं।

उनका दावा है कि उन्होंने 100 बार समाधि की प्रक्रिया को अंजाम दिया है और इसमें से सबसे लंबी समाधि 33 दिनों की थी।

बाबा कहते हैं, “मैने नौ दिन तक जल समाधि ली है. इसके अलावा एक बार हवा रहित कमरे में भी रहा हूँ.”

उनका कहना है, “समाधि चेतना के उच्च स्तर के पाने का तरीका है. आप शरीर और दिमाग से परे चले जाते हैं. आप सांस लेना रोक देते हैं और इस तरह आपकी भीतर की यात्रा शुरू हो जाती है. आप सच से रूबरू होते हैं और फिर आप समंदर बन जाते हैं.”

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