Monday, May 20

स्वच्छ रक्सौल के रणजीत सिंह ने कहा-‘समस्याओं का शव जले’,’नही तो हमें जला दे प्रशासन’

अनवरत धरने के तीसरे दिन रेलवे अधिकारी करते रहे मान- मनौव्वल,नही डिगे रणजीत सिंह

एबीभीपी व रालोसपा समेत विभिन्न दल व संस्था के प्रतिनिधियों ने किया आंदोलन का समर्थन

रक्सौल।(vor desk)।स्वतन्त्रता दिवस यानी 15 अगस्त से जारी स्वच्छ रक्सौल के आंदोलन के तहत अनवरत धरना के तीसरे दिन भी संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह के नेतृत्व में आंदोलनकारी धरना स्थल पर जमे रहे।प्रशासन को दिए गए अल्टीमेटम का शनिवार अंतिम दिन था।घोषणा के तहत रविवार से युवा आंदोलनकारी रणजीत सिंह आमरण अनशन शुरू करेंगे।इसको ले कर शहर में चर्चा परिचर्चा के बीच समर्थन देने पहुचने वालों की कतार लगी रही।तो,जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों की कुभम्भकर्णी निद्रा नही टूट सकी है।इसी बीच रेलवे के अधिकारियों का मान मनौव्वल शुरू रहा।रक्सौल रेलवे के स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह व डीसीआई वरुण सिंह धरना स्थल पहुचे और समझाने बुझाने की कोशिश की।इस पर रणजीत सिंह ने अपना मांग पत्र सौपते हुए साफ साफ कह दिया कि अब अकेले में कोई बात नही होगी।मंच पर आ कर मांगो को पूरा करने की घोषणा कीजिये।हमे समस्या का निदान।चाहिए।यह आंदोलन शहरवासियों का है।जो हो खुल्लमखुल्ला हो।हम झूठे आश्वासन पर गुमराह नही होने वाले ।


इधर, युवा अधिवक्ता रविन्द्र कुमार सिंह ने धरना स्थल पर नैतिक समर्थन देते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो हम क प्रशासनिक वायदा खिलाफी के विरुद्द कोर्ट जाएंगे।इससे पहले भी दो बार अनशन तोड़वाया गया।लेकिन,वायदे पूरे नही हुए।
इसी तरह समाजिक कार्यकर्ता नुरुल्लाह खान ने आह्वान किया की शहरवासी एकजुट हो कर रणजीत सिंह के आंदोलन को समर्थन करें।
जबकि, रालोसपा के छात्र इकाई के प्रदेश नेता सुनील कुशवाहा ने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य सरकार रक्सौल की उपेक्षा कर रही है।यहां के जन प्रतिनिधि को केवल वोट बटोरने से मतलब है। इधर,स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह के नेतृत्व में रविवार को शहर के गण्य मान्य लोगों की एक बैठक बुलाई गई है।जिसमे अगली रणनीति का निर्णय व एलान होगा।उन्होंने इस दौरान कहा कि रविवार से आमरण अनशन शुरू होगा।हमने प्रशासन को समस्या निदान की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की थी।उसकी आज अंतिम तिथि थी।जो खत्म हुई।अब आमरण अनशन ही विकल्प है। उन्होंने अपने 14 सूत्री मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक रक्सौल रेलवे के पूर्वी व पश्चिमी रेलवे ढाला पर ओवरब्रिज का निर्माण, वीरगंज नेपाल से रक्सौल आने वाले नेपाली नम्बर के वाहनों का रक्सौल में इंट्री सिस्टम लागू करने, नगर परिषद द्वारा आवारा पशु का नियंत्रण करने, आधा अधुरा बने स्टेशन रोड के पूर्ण निर्माण कराने और उसका जाँच करा कर कार्रवाई करने, स्टेशन रोड पर गिरने वाले कूड़ा कचरा की साफ सफाई कराने, नो मेंस लैंड स्थित सरिसवा नदी में वीरगंज नेपाल महानगरपालिका द्वारा प्रतिदिन गिराए जा रहे कूड़ा कचरा पर रोक लगाये जाने, सरकारी स्कूलों में गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, स्टेशन के उतर और दक्षिण दोनों तरफ एफओबी निर्माण करने आदि विभिन्न समस्याओ के समाधान के लिए ठोस कदम नही उठाया जाता ,तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा।धरना स्थल पर समस्याओं का शव यथावत रहेगा।प्रशासन या तो समस्या के शव को जलाए।नही तो हमे जला दे।हम इसके लिए सर पर कफ़न बांध कर बैठ चुके हैं। इस दौरान हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है।रहेगा। इस बीच आन्दोलन के प्रति अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और ई रिक्सा संघ सहित विभिन्न संगठनों ने भी अपना समर्थन जताया है।

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