Thursday, May 9

अच्छी सेहत के लिए मुहं -दांत की स्वच्छता पर दें ध्यान,नहीं तो जा सकती है जान:डॉ0 मोनिका

रक्सौल।( vor desk )।शरीर के सभी अंगों की तरह मुंह को स्वस्थ रखना जरूरी है। मुंह में होने वाली कोई भी तकलीफ पीड़ादायक होती है। जब भी मुंह को साफ रखने की बात होती है तो दांतों की साफ-सफाई की बात की जाती है लेकिन, दांतों के साथ-साथ मसूड़ों को भी स्वस्थ रखना जरूरी है। मसूड़ों के कमजोर होने पर कई तरह की अन्य परेशानियां शुरू हो सकती हैं।

उक्त बातें शहर के कोइरीया टोला स्थित अत्याधुनिक सुविधा-संसाधन से युक्त ‘एस.आर. डेंटल हॉस्पिटल’ की संचालिका व डेंटिस्ट डॉ0 मोनिका ने कही।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ मसूड़ों से मुंह की खूबसूरती बढ़ती है, साथ ही दांतों को सुरक्षा प्रदान करते हैं। मुंह में पाए जाने वाले कुछ बैक्टीरिया और खाने के कण मसूड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। दांतों और मसूड़ों में होनी वाली किसी भी समस्या पर डेंटिस्ट से संपर्क करना सबसे सही विकल्प है।

उन्होंने बताया कि मुंह में बहुत सारे बैक्टीरिया पाए जाते हैं। कुछ अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं। कुछ बैक्टीरिया हानिकारक होते हैं जो बीमारी और संक्रमण का कारण बनते हैं। यदि आप ठीक से फ्लॉस या ब्रश नहीं करते हैं, तो हानिकारक बैक्टीरिया आपके मुंह में जन्म ले लेते हैं और दांतों पर प्लाक (plaque) जमना शुरू हो जाता है। इससे मसूड़ों में सूजन और मसूड़ों (Gums) के रोगों (जैसे-पीरियोडोंटाइटिस, जिंजीवाइटिस) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में, नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करने से मुंह से हानिकारक बैक्टीरिया दूर रहते हैं।

उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि मसूड़ों (Gums) की बीमारी कुछ प्रकार के कैंसर में योगदान दे सकती है, खासतौर से अग्नाशय का कैंसर (pancreatic cancer)। हो सकता है कि मुंह में बैक्टीरिया से निकलने वाले पदार्थ कैंसर कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हों।

हार्ट अटैक का खतरा :

डॉ0 मोनिका के मुताबिक, मसूड़ों (Gums) के रोग होने से दिल का दौरा (heart attack) पड़ने का खतरा लगभग 50% तक बढ़ सकता है। दरअसल, मसूड़ों (Gums) से खून आने की वजह से बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश करके आपके पूरे शरीर में फैल सकते हैं। इससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है। वहीं, ओरल हाइजीन को मेंटेन करने से दिल की बीमारियों (heart diseases) का खतरा कम किया जा सकता है।

मसूड़ों (Gums) की बीमारी और संक्रमण का दूर रहना अच्छी डेंटल हाइजीन के फायदे हैं जो की हमारे लंग्स के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। ओरल केयर न करने से मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया की वजह से मसूड़ों की बीमारी और संक्रमण हो सकता है। ये बैक्टीरिया सांस के द्वारा फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं। इससे श्वसन संबंधी संक्रमण जैसे क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है।

ओरल हाइजीन के फायदे यहीं खत्म नहीं होते हैं। अच्छी डेंटल हाइजीन से हेल्दी प्रेग्नेंसी को भी बढ़ावा मिलता है। कुछ अध्ययनों में गम डिजीज और प्रेग्नेंसी कॉम्प्लीकेशन्स (प्री-मेच्योर/प्री-टर्म प्रेग्नंसी और लो-बर्थ वेट) के बीच संबंध पाया गया। गर्भावस्था के दौरान खराब मौखिक स्वच्छता से मां और शिशु के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।

उन्होंने बताया कि दांतों की बीमारियां भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बनती जा रहीं हैं। भारत में दांतो की खराबी से 60 से 65 प्रतिशत और पेरियोडोंटल बीमारियों (Periodontal diseases) से 50 से 90 प्रतिशत जनसंख्या प्रभावित है। ज्यादातर दांतों की समस्याएं इनेमल (enamel) पर एसिड के प्रभाव की वजह से होती हैं। जिसका मुख्य कारण आजकल का अनहेल्दी खानपान है।

*कैसे रखें मुहं व दांत को स्वस्थ्य

डेंटिस्ट डॉ 0मोनिका ने बताया कि सरल व सुविधा जनक तरीका है कि सुबह नाश्ते के पहले और शाम को खाने के बाद ब्रश करके सोएं। इस आदत मात्र से मुख एवं दंत की अनेक बीमारियां दूर हो जाती है। यहां तक की शाम को ब्रश करने से हार्ट अटैक की संभावना भी कम होती है। मसूड़ों से खून आना, बदबू आना, या सूझन आना पायरिया रोग की दस्तक है। इसका सटीक व सुलभ तरीका है कि आप डेंटल के पास जाकर दांतों की सफाई कराएं। रही बात दांतों में कीड़ा लगने से गरम व ठंडा पानी लगने, दर्द होने की तो इसके लिए रूट कैनाल ट्रीटमेंट बेहतर है। अब बात आती है दांतों के चमकदार बनाने की तो इसके लिए मुख्य तौर पर जंक फूड के खान पान से बचे, कोशिश करें कि एसिड बनाने वाली चीजें न खाए। हरी सब्जी व पौष्टिक आहार को भोजन में शामिल करें। इससे दांत चमकदार होंगे।

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