
पटना/रक्सौल।(Vor desk)।रक्सौल नगर परिषद की सभापति धुरपति देवी के कुर्सी पर संकट मंडराता दिख रहा है।पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के ले कर वे लगातार निशाने पर हैं और विवादों से पीछा नहीं छूट रहा।ताजा मामले में रक्सौल नगर परिषद में भ्रष्टाचार और अवैध बहाली मामले में बिहार के नगर विकास सह आवास विभाग ने दो सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है।सभापति धुरपति देवी पर आरोप है कि विभागीय प्रतिबंध के बावजूद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए समूह ग (लिपकीय संवर्ग) समूह घ (चतुर्थ वर्गीय) में अवैध बहाली की गई।इसमें मनीष कुमार पिता स्व मोहन लाल यादव की बहाली समूह ग़ अंतर्गत निम्नवर्गीय लिपिक(सहायक) के पद पर की गई,जिसे विभाग के निर्देशों का उल्लंघन हैं।
वहीं, 12अक्टूबर 2024 को बोर्ड बैठक के बाद अगले बैठक में बिना बोर्ड बैठक के स्वीकृति लिए 6 करोड़ 63 लाख 99 हजार 500 रु के उपकरण की खरीद की गई।
यही नहीं ,12अक्टूबर 2024 की बोर्ड बैठक के उपरांत अगली बैठक 31जुलाई2024 को आहुत की गई,जो बिहार नगर पालिका अधिनियम 20070की धारा 48 के तहत नियमों का सरासर उल्लंघन है।
उप सभापति के शिकायत पर बढ़ी करवाई
इस बारे में उपमुख्य पार्षद पुष्पा देवी समेत दर्जनों पार्षदों ने मोतिहारी डीएम सौरभ जोरवाल को आवेदन दे कर बिंदुवार शिकायत की थी और जांच की गुहार के साथ ही करवाई की मांग की थी।आवेदन में कहा कि रक्सौल नगरपरिषद के सभापति धुरपति देवी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए समूह ग (लिपकीय संवर्ग) समूह घ (चतुर्थ वर्गीय) में अवैध बहाली की गई है।इसमें नियम उल्लंघन कर उन्होंने अपनी नाती की भी नियुक्ति कर दी है।
वहीं, बिना बोर्ड बैठक के स्वीकृति के बाजार भाव से महंगे मूल्य पर 6 करोड़ 63 लाख 99 हजार 500 रुपए के उपकरण की खरीद की गई।रक्सौल शहर को साफ, सुंदर और साफ बनाने के नाम पर रक्सौल नगर परिषद में सरकारी खजाने में लूट मची है।तय दामों से तीन गुणा अधिक मूल्य पर इस सब उपकरण की खरीदारी हुई है।जनता के पैसे को नगर परिषद के सभापति और अधिकारी मिलकर लूट मचा रहे है।लिपकीय और चतुर्थवर्गीय संवर्ग में अपने रिश्तेदार की बहाली की गई है। अवैध बहाली में पैसे की खूब उगाही की गई है।
नगर विकास विभाग ने मांगा जवाब
आधारिक सूत्रों का कहना है कि डीएम के रिपोर्ट के बाद विभाग संजीदा दिख रही है।विभाग ने चार बिंदुओं पर सभापति से स्पष्टीकरण मांगा है।बता दे कि रक्सौल नगर परिषद के उप सभापति पुष्पा देवी के आरोप के बाद डीएम सौरव जोरवाल ने वरीय एडीएम के अध्यक्षता में एक जांच कमिटी का गठन किया। जांच टीम ने रक्सौल नगर परिषद पहुंचकर कार्यपालक पदाधिकारी डा मनीष कुमार की उपस्थिति में कई फाइलें देखी और गहन पूछ ताछ की।विभाग के दिशा निर्देश को पढ़ा।बारीक जांच के बाद जांच कमिटी ने डीएम को जांच रिपोर्ट सौंप दिया। जिसमें उपसभापति के आरोप की पुष्टि करते हुए विभाग के दिशानिर्देश का उल्लंघन माना।जिस को गंभीरता से लेते हुए डीएम श्री जोरवाल ने अग्रतर करवाई के लिए जांच प्रतिवेदन नगर विकास और आवास विभाग को अग्रतर कर्रवाई के लिए भेज दिया।इसके बाद विभाग के अवर सचिव राजेश्वर राज ने रक्सौल नगर परिषद के सभापति धुरपति देवी से दो सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब मांगा है।
विगत 25फरवरी2025को जारी कारण बताओ नोटिस में अवर सचिव ने कहा है कि जिलाधिकारी के जांच प्रतिवेदन में आपके विरुद्ध प्रतिवेदित उक्त आरोप के आलोक मे बिंदुवार स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति के दो सप्ताह के अंदर प्राप्त नहीं होने पर समझा जाएगा कि इस संबंध में आपको कुछ नहीं कहना है।विभाग बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007की धारा25 के प्रावधान के आलोक में आपके विरुद्ध करवाई को स्वतंत्र होगा ।
बताते चले कि रक्सौल नगर परिषद घोटाला को ले कर सूबे स्तर पर बदनाम हो चुका है।पूर्व में बूचड़खाना घोटाला में सभापति ,उप सभापति,कार्यपालक पदाधिकारी तक करवाई के जद में आए थे।सूबे में डायरेक्ट चेयरमैन के चुनाव के बाद उम्मीद बंधी थी।लेकिन,भ्रष्टाचार और घोटाला के आरोप के साथ ही नगर परिषद में सियासी उठापटक के बीच अब करवाई बढ़ने से खलबली मच गई है।इससे पहले चुनाव आयोग ने भी इस पर संज्ञान लिया था।
इस पूरे परिदृश्य के बीच रक्सौल नगर में विकास प्रभावित दिख रहा है,तो,हर जुबां पर विकास से ज्यादा घोटाले का चर्चा कायम है। सबकी नजर विभाग के अग्रतर कर्रवाई पर टिकी है,जिसमे सभापति की कुर्सी पर खतरा भी हो सकता है।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)