‘का हो श्री श्री 108 विश्वगुरु मोदी जी महाराज, हमरे बिहार को काहे हरमेसा भुला जाते हैं ?’
व्यंग्य / आपदा में अवसर
'का हो श्री श्री 108 विश्वगुरु मोदी जी महाराज, आपको सारी दुनिया के कल्याण की बात याद रहती है, हमरे बिहार को काहे हरमेसा भुला जाते हैं ?'
'आपको क्या हुआ, सुशासन बाबू ? आप तो हमारे एन.डी.ए के सबसे मजबूत सहयोगी हैं।'
'बिहार को स्पेशल स्टेटस और स्पेशल पैकेज तो आप दिए नहीं। वादा तेरा वादा ही रह गया। यहां जो थोड़ा-बहुत है वह भी हर बरसात में नेपाल से आनेवाले पानी में डूब जाता है। इधर या उधर कोई कुछ नहीं करता। अभी साल भर पहले नेपाल वाले ओली जी हमरी नाक में दम किए हुए थे। बिहार की जमीन पर दावा भी ठोके और आधा बिहार को डुबा भी मारे। अबकी साल नहीं कुछ करिएगा तो प्रलये नू आएगा बिहार में ?'
'तो इसमें समस्या क्या है ? जैसे को तैसा वाला मुहाबरा भुला गए क्या ? वो नेपाल का पानी बिहार में घुसाते हैं। आप बिहार का पानी नेपाल में घुसा दीजिए। हिसाब बराबर।'
'ऐ महाराज, ई ...