Monday, November 25

कपड़ा के आड़ में ड्रग्स तस्करी का भंडाफोड़,25 करोड़ का 86 किलो ब्राउन सुगर फैमली का मादक पदार्थ बरामद!

रक्सौल(vor desk)। भारत नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती शहर रक्सौल में कपड़ा की तस्करी के आड़ में ड्रग्स के धंधे का खुलासा हुआ है।एसएसबी व कस्टम टीम ने 86 किलो400 ब्राउन शुगर फैमिली के मादक पदार्थ की बड़ी खेप बरामद हुई है। स्थानीय बाजार में इसकी कीमत 20 से 25 करोड़ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 258 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है।इस बरामदगी से सीमा क्षेत्र में सनसनी है।

मिली जानकारी के मुताबिक,कस्टम और एसएसबी की संयुक्त छापेमारी में उक्त सफलता मिली।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्सौल के सरिसवा नदी तट पर बसे रक्सौल के वार्ड 7 के अहरिवा टोला से लगे प्रेम नगर बस्ती में कस्टम और एसएसबी की टीम ने संयुक्त छापेमारी की। इस दौरान कपड़े के बंडल जप्त किए गए।इसकी कीमत लगभग 18 लाख के आसपास मानी गई।तस्करों ने इस अभियान के क्रम में पथर व कीचड़ से हमला भी किया।एक भी तस्कर हाथ नही लगे।इसकी खूब चर्चा भी रही ।

बोरे में कपड़े बरामद किए जाने के बाद यह कतई आभास नही था कि इस बंडलों में ड्रग्स भी हो सकता है।
संदेह पर सघन रूप से छापेमारी चली।इस दौरान नदी तट से कुछ और बोरिया और भी बरामद हुई। कि ये जप्ती 11 सितंबर को ही हुई थी।सघन छापेमारी में 19 बोरे कपड़े बरामद किए गए, इनमें से 3 बोरे मेंं ड्रग्स बरामद हुआ ।आशंका है कि यह ब्राउन सुगर फैमली का मादक पदार्थ है।

ब्राउन शुगर की फैमिली का मटेरियल

कस्टम के उपायुक्त आसुतोष कुमार सिंह ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये बरामद मटेरियल नारकोटिक्स ब्राउन शुगर की ही फैमिली का है।रक्सौल के सरिसवा नदी के किनारे अहिरवा टोला गांव में प्रेम नगर मोहल्ला से ये बरामदगी की गई। ये गांव भारत नेपाल सीमा के सबसे ज्यादा नजदीकी है. जहां तस्करों को तस्करी करने का सबसे सुगम रास्ता माना जाता है।

बताया गया कि स्थानीय स्तर पर केमिकल जांच में इस बात की पुष्टि कर ली गई है कि बरामद मटेरियल ब्राउन शुगर फैमली का नारकोटिक्स है।कस्टम के सहायक आयुक्त आशुतोष कुमार ने कहा कि अब इसकी एक और पुष्टि के लिए सेम्पल कोलकाता भेजा जा रहा है।ताकि इसे कंफर्म किया जा सके।

कस्टम उपायुक्त श्री सिंह ने यह भी कहा कि कोरोना काल के बॉर्डर सील होने की स्थिति में सीमा पर तस्करी निरोधक कार्रवाई का एक हिस्सा है। उन्होंने बताया कि जांचोपरांत ड्रग्स की पुष्टि होते ही जब्त पाउडर को एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया जाएगा। साथ ही तस्करी के मामले में शामिल लोगों को चिन्हित करने की कार्रवाई भी चल रही है कि कपड़ा के आड़ में ड्रग्स की तस्करी कौन कर रहा है। कस्टम उपायुक्त श्री सिंह ने बताया कि कस्टम आयुक्त रंजीत कुमार ने छापेमारी में शामिल कस्टम व एसएसबी अधिकारियों की प्रशंसा की। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। 11 सितंबर को कस्टम टीम ने प्रेमनगर मोहल्ले में छापेमारी की थी।

हालांकि,जब तक लैब से जांच रिपोर्ट नही आ जाती ,तब तक यकीन के साथ इसे ब्राउन सुगर नही कहा जा सकता।जैसा कि उस दावे पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

( रिपोर्ट:लव कुमार )

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