रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल नगर परिषद में एक बार फिर सियासी उठा पटक और कुर्सी बचाने का ‘ खेल ‘शुरू हुआ है।
रक्सौल के 25 वार्ड में वार्ड 12 की पार्षद रोहिणी शाह विपक्ष की नेत्री मानी जाती हैं ।लेकिन,उनकी भूमिका इस बार तटस्थ है।यानी कि उन्होंने हॉर्स ट्रेडिंग से अपने को अलग कर रखा है।
वहीं,सत्ता के निकट रहे पार्षदों की चर्चा इस अविश्वास प्रस्ताव के ‘खेल’ में गिनाया जा रहा है।
इसी क्रम में रक्सौल नगर परिषद की सभापति उषा देवी पर वार्ड 09 के पार्षद कुंदन कुमार सहित कुल 14 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है ।जिसके लिए सदन की बैठक 26 जून को आहूत की गई है।
बताया गया है कि इस अविश्वास प्रस्ताव के तहत सभापति उषा देवी पर कई गम्भीर आरोप लगाया है।’जिसके निदान के लिए जनता सपने देखती रही है।
अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोप में वर्णित है कि आपने सदन का विश्वास खो दिया है, इसलिए यह अविश्वास प्रस्ताव समर्पित है। सभी पार्षदों के वार्ड में विकास राशि को एक समान न देते हुए समर्थक पार्षदों में राशि अधिक दी गयी है। जबकि नगर परिषद के आंतरिक राजस्व को बढ़ाने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया ।तथा होल्डिंग टैक्स, पेशा कर आदि में वृद्धि हेतु पार्ट एसेसमेंट नहीं कराया गया। जिससे राजस्व की हानि हो रही है। इन आरोपों के बाद लगाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने एक पत्र जारी कर सभी पार्षदों को यह सूचना देते हुए कहा है कि 26 जून 2020 अर्थात कल 11 बजे दिन में नव निर्मित नगर परिषद भवन में सदन की बैठक आहूत है।
बताया गया है कि उप सभापति काशीनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में सभापति पर लगाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हेतु विशेष बैठक में भाग लेने का आग्रह किया गया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उप सभापति इस ‘कुर्सी के खेल’ में क्या कुछ करते हैं!
फिलहाल,रक्सौल में आम लोग नगर परिषद की ‘सियासत’ को वर्षात और बाढ़ के पहले पुरानी मूद्रा में टुकुर टुकर देख रहे हैं।जबकि,कतिपय नगर पार्षदों के चेहरे पर ‘सत्ता की सतरंगी चमक खूब दिख रही है।यूं,नेपाल बॉर्डर सील होने की वजह से नेपाली वादियों में रमने का अहसास इस बार नही मिल सका,लेकिन, पार्षदो के राजगीर टूर की रक्सौल में खूब चर्चा है।