Sunday, November 24

ओली सरकार द्वारा ‘भारतीय बहूओं’ को टार्गेट करने के बाद नेपाल में सड़क पर उतरे मधेशी,जम कर हुआ विरोध -प्रदर्शन!

काठमांडू/रक्सौल।( vor desk )।देश का विवादित नया नक्शा पास कराने के बाद नेपाली सरकार ने भारत को एक और बड़ा झटका दिया है। नेपाली की ओली सरकार ने नागरिकता कानून में बड़ा बदलाव का फैसला कर भारतीय बेटियों पर निशाना साधा है। अब बहू बनकर नेपाल जाने वाली भारतीय बेटियों को वहां की नागरिकता के लिए सात साल इंतजार करना होगा।इसको ले कर नेपाली संसद की राज्य व्यवस्था समिति से रविवार को यह प्रस्ताव बहुमत से पास कर दिया है।इसे कानूनी रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।बता दे कि करीब दो वर्षों से यह मामला लंबित चला आ रहा था।इसको ले कर नेपाली कांग्रेस ने नोट ऑफ डिसेंट भी लिखा है।नेपाली कांग्रेस,राजपा व समाजवादी पार्टी खुल कर इसके विरोध में है।बावजुद,भारत-नेपाल के सदियों पुराने बेटी रोटी के सम्बंध को धत्ता बताते हुए बहुमत के नशे में चूर नेपाल की केपी ओली सरकार इस कानून को लागू करने पर अड़ी हुई है।

इस बीच,नेपाल की सड़कों पर इसका खुला विरोध शुरू हो गया है।नेपाली कांग्रेस समेत जनता समाजवादी पार्टी व सीके राउत के जनमत पार्टी नेपाल पार्टी
बीरगंज ,कलैया,नवल परासी समेत प्रदेश दो के विभिन्न जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया है।प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ जम कर नारेेबाजी की।

बीरगंज के घण्टाघर घर चौक पर पूर्व मंत्री व नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य अजय चौसरिया ,तो,कलैया में केंद्रीय सदस्य व पूर्व सांसद राधे चन्द्र यादव ने विरोध प्रदर्शन व नुक्कड़ सभा की कमान संभाली।


वहीं, नेपाली कांग्रेस के नेपाल महिला संघ की कार्यकर्ता भी सड़को पर विरोध प्रदर्शन में मोर्चा संभालती दिखीं।
महिला नेतृ एवं बीरगंज महानगर की उपप्रमुख शान्ति कार्की, किरण सरकार, उमा प्याकुरेल, मनोजा चौधरी, प्रदेश सभा सदस्य ओम प्रकाश शर्मा, संबिधान सभा के सदस्य अनिल रुङ्गटा आदि ने एक स्वर से कहा कि बेटी रोटी का रिश्ता तोड़ने वाले इस कानून को लागू नही होने दिया जाएगा।इसके खिलाफ हम कड़ा आंदोलन करेंगे।

बीरगंज घण्टाघर में विरोध सभा को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री व नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य अजय चौरसिया ने कहा कि केपी ओली सरकार रामायण काल से चले आ रहे भारत के रिश्ते को तोड़ कर देश मे कम्युनिष्ट शासन थोपने की तैयारी में है।भारत से दुराव कराने के षड़यंत्र में हमारी पतोहू को पीड़ा पहुँचाने की कोशिश में है।जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा।उन्होंने कहा कि भारत ने मधेश का एक इंच भी जमीन कब्जा नही किया है।उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे बॉर्डर सील होने के बाद नेपाल सरकार केवल 20 बॉर्डर को खोल कर खुली सीमा को बन्द करने की तैयारी में है। ।भारत समेत अन्य देशों से आई पतोहू को तुरंत नागरिकता देने का प्रवधान खत्म नही होने दिया जाएगा।इसके लिए कड़ा व निर्णायक आंदोलन होगा

वहीं,जनता समाजवादी पार्टी के बीरगंज महा नगर अध्यक्ष ईश्वर चन्द्र यादव ने कहा कि
नागरिकता अधिनियम संशोधन विधेयक वापस नहीं होने पर मधेस आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन होगा।


‘उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,’ हम अधिकारों के लिए मधेश आंदोलन में दिए बलिदानों से परे हथियार उठा सकते हैं।


विरोध प्रदर्शन में पार्टी के उपाध्यक्ष शेख रुस्तम, सचिव संदिप श्रीवास्तव, सह–सचिव फिरोज अंसारी, पर्सा क्षेत्र नं. 1का सांसद प्रतिनिधी घनश्याम गुप्ता, नगर समिति सदस्य समसाद अंसारी, वीरगंज महानगर युवा कमिटीको उपाध्यक्ष , विधार्थी जिल्ला अध्यक्ष एजाबाबु राँकी,तत्कालिन समाजवादी प्रदेश 2 को युवा सचिव मनोज यादव, ठाकुर राम एकाई अध्यक्ष हरेन्द्र साह, आदि शामिल थे।

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