Monday, October 28

नेपाल के नए नक्शे को लेकर नेपाल की संसद में संविधान संशोधन पर चर्चा शुरू, भारत के सभी प्रयासों को लगा बड़ा झटका

काठमांडू।(vor desk )। भारत के भूभाग पर दावा पेश करते हुए नक्शा प्रकाशित करने के बाद अब संसद में संविधान संशोधन के जरिए इसको वैधानिकता देने के लिए इस पर संसद की प्रतिनिधि सभा में चर्चा शुरू की गई है।

संसद में सहभागी सभी दलों ने इसके पक्ष में बोलना शुरू किया है। प्रमुख प्रतिपक्षी दल नेपाली कांग्रेस तो पहले ही समर्थन करने का घोषणा कर चुकी है। लेकिन भारत के पक्ष में रहने वाली मधेशी पार्टी ने भी संसद में इसका विरोध नहीं किया है।

पिछले हफ्ते नेपाल की संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव पेश किया गया था। सरकार के तरफ से जिस दिन नक्शा संबंधित संविधान संशोधन प्रस्ताव को संसद में पेश किया था उसी दिन नेपाल के राजपत्र में इसे प्रकाशित कर दिया गया था।

हालांकि नेपाल में संविधान संशोधन का प्रस्ताव पारित करने के लिए कम से कम एक महीने का समय‌ चाहिए होता है। लेकिन भारत विरोधी राष्ट्रवाद को हवा देने के लिए प्रधानमंत्री ओली इसे जल्द से जल्द पारित कराने हेतु संबंधित नियमों को निलम्बित करते हुए फास्ट ट्रैक रास्ता‌ अख्तियार किया है।

सरकार के द्वारा पेश किए गए संविधान संशोधन पर आज ही बहस पूरा करा कर ७२ घंटे का समय दिया जाएगा। यदि उस दौरान कोइ संशोधन पेश नहीं हुआ तो उस पर मतदान कराया जाएगा।

नेपाल के नए और विवादित नक्शे को संविधान का अंग बनाने के लिए ओली सरकार के द्वारा पेश किए गए संशोधन प्रस्ताव पर सभी दलों का समर्थन मिलने के बाद इसका पारित होना तय है।

भारत के लिए यह एक बड़ा झटका है कि नेपाल का कोई भी राजनीतिक दल सरकार के इस कदम के खिलाफ में नहीं है। नेपाल सरकार के द्वारा पेश किए गए संविधान संशोधन पर विपक्षी दलों का विरोध हो इसके लिए भारतीय दूतावास से लेकर दिल्ली तक ने बहुत प्रयास किया था। लेकिन पहले नेपाली कांग्रेस ने इसके पक्ष में मतदान करने का फैसला कर लिया था।

इसके बाद नेपाल की दो मधेशी दलों को अभी दो दिन पहले ही रविवार को आपस में विलय करा कर ३४ सांसदों का नयां दल रातों रात तयार किया गया। लेकिन अभी संसद में जब संशोधन पर चर्चा शुरू हुई तो इस नए दल के तरफ से बोलने वाले सांसद ने भी इसका विरोध नहीं किया। अगर यह सर्वसम्मत से पास हो जाता है तो और कोई भी दल इसका विरोध नहीं करती है तो यह समझ लेना चाहिए कि नेपाल भारत के हाथ से पूरी तरह फेल हो गया है।

नेपाल की राजनीति पर पकड़ बनाने की जिम्मेदारी भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को मिला हुआ है। इसी रॉ के दबाब में रातो रात दो अलग अलग विपरीत ध्रुवों की पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी को जबरन एक करा कर गत रविवार को समाजवादी जनता पार्टी बनाया गया ताकि नेपाल सरकार के इस कदम का विरोध किया जा सके। लेकिन फिलहाल,ऐसा होता नही दिख रहा।(रिपोर्ट:काठमांडू से पंकज दास )

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