Monday, November 25

अब तक नेपाल से करीब 8500 लोग वतन लौटे, दूतावास ने किया इंट्री के लिए पहुँचे लोगों के लिए रहने- खाने की व्यवस्था!

रक्सौल।(vor desk )। लॉक डाउन व सीमा सील होने के कारण नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की वतन वापसी नौंवे दिन भी जारी रही।वंदे भारत मिशन के तहत शनिवार को जहाँ 2006 , रविवार को 892,सोमवार 1197 को वहीं, मंगलवार को 2362 लोगो की वतन वापसी हुई।फॉर्म भरने व पहचान पत्र की जांच के बाद उन्हें इंट्री दी गई। रक्सौल पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा व डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने स्क्रिनिंग किया।उसके बाद उनके समानो की जांच हुई।भोजन कराने के बाद उन्हें गंतव्य तक भेजा गया।

इधर,voiceofraxaul.com में प्रकाशित खबर के बाद आइसीपी गेट पर इंट्री से वंचित लोगों को रहने व खाने का प्रबंध किया गया है।वहीं,गेट नम्बर चार से कतार बद्ध कर लोगों को इंट्री दी जा रही है।बीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दुतावास के सूचना अधिकारी बी सुरेश कुमार ने बताया कि इंट्री के लिए पहुंचे भारतीय नागरिकों के रहने के लिए शिविर की व्यवस्था के साथ खान पान का प्रबंध किया गया है।

बताया गया कि इसी कड़ी में शनिवार की रात्रि दुतावास के पहल पर इंट्री से वंचित करीब 700 लोगो को सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल के नेतृत्व में भोजन कराया गया।वहीं, उसके बाद से लगातार मंच द्वारा प्रतिदिन करीब हजार लोगों के भोजन का प्रबंध किया जा रहा है।


दुतावास के मुताबिक ,अब तक करीब साढ़े आठ हजार लोगों की वतन वापसी हो चुकी है।वहीं,करीब 20 हजार भारतीय लौटने के लिए दुतावास के सम्पर्क में है।इसी कारण नेपाल के विभिन्न शहरों-महानगरो से बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों का बीरगंज आना जारी है।

बता दे कि शुक्रवार को हजारों लोगो को इंट्री नही मिल सकी थी।जिससे उन्हें नो मेंस लैंण्ड पर भूखे प्यासे रात बितानी पड़ी थी।पर्सा जिला के अलौ के स्थानीय नागरिकों व सामाजिक संगठनों ने उनके खान पान का प्रबंध किया था।

वहीँ, लू और बारिश में भींगने से भी अनेको लोग प्रभावित हुए।

इधर,पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक ने 1 जून से फेज 2 की व्यवस्था की बेहतरी के लिए कई निर्देश भी जारी किया है।

ताकि,आने वाले लोगों को कष्ट न हो।इसी कड़ी में आइसीपी में माइकिंग,पेयजल और टेंट की व्यवस्था में क्रमिक सुधार होने की सूचना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!