रक्सौल।( vor desk )।लंबे इंतजार के बाद नेपाली नागरिकों की वतन वापसी हुई।लॉक डाउन व सीमा सील होने के कारण वे यहां फंसे हुए थे। नेपाली नागरिकों को बुधवार की सुबह से भेजना शुरू हुआ,जो देर शाम तक चलता रहा।बताया गया कि करीब 500 से ज्यादा नेपाली नागरिक अपने देश लौटे।इनमें तीर्थ यात्री, मजदूर,विद्यार्थी समेत महिला व बच्चे भी शामिल थे।
रक्सौल-बीरगंज मैत्री पुल पर सीमा क्षेत्र के
मौजूद अधिकारियों ने ताली बजा कर नेपाली नागरिकों के वतन वापसी का स्वागत किया।
इस दौरान नेपाली नागरिकों के चेहरे खुशी से चमक रहे थे।जब उन्हें जाने का अनुमति मिल गई तो उछलते कूदते नेपाल के बीरगंज की रवाना हुए।इस क्रम में भारत नेपाल मैत्री अमर रहे,हिप हिप हुर्रे का नारा लगाया।उन्होंने भारतीय अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापन किया और आभार जताते हुए कहा कि भारत सरकार व नागरिकों ने बहुत प्यार दिया।कोई कमी नही हुई।इसमे कुछ ऐसे भी नागरिक थे,जो,करिब 60 दिनों से यहां फंसे हुए थे।लौटने वाले नागरिकों में पर्सा, बारा, रौतहट,चितवन,मकवानपुर,रु कुम,दांग ,काठमांडू समेत करीब 32 जिलों के थे।इसमे लौट रहे बच्चों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी।
बताया गया कि सबसे पहले रक्सौल के हजारीमल हाई स्कूल स्थित कोरोना आपदा राहत केंद्र पर रह रहे करीब 103 नेपालियों को बीरगंज रवाना किया गया।उन्हें लेने के लिए बीरगंज( पर्सा )की एसपी गंगा पंत,डीएसपी बीरेंद्र बहादुर शाही,आर्म्ड पुलिस फोर्स के एसपी दीपेंद्र कुँवर सदल बल आये थे।उन्होंने सभी का अभिवादन किया।
दुतवास के सूचना अधिकारी बी कुमार समेत अन्य अधिकारी मोनिटरिंग में जुटे दिखे। अधिकारियों के मुताबिक,यह सभी रक्सौल अनुमण्डल के विभिन्न कोरेनटाइन सेंटर पर रखे गए थे।इस मौके पर एसडीओ अमित कुमार,डीएसपी संजय झा,अपर अनुमण्डल पदाधिकारी सर्वेश कुमार,डीसीएलआर मनीष कुमार,बीडीओ कुमार प्रशांत,इमिग्रेशन विभाग के डीएसपी के पंकज ,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनन्द,एसएसबी के सहायक कमांडेन्ट राजकुमार कुमावत ,इंस्पेक्टर अभय कुमार समेत कस्टम के अधिकारी समेत सीमा क्षेत्र के अधिकारी मौजूद थे।(रिपोर्ट:गणेश शंकर )