Saturday, October 26

चार दिन की बेटी को ले कर चार नदी पार कर नेपाल से वतन पहुंची यूपी की महिला!

रक्सौल।(vor desk )।चार दिन की बेटी को ले कर सीमा क्षेत्र में चार नदी पार कर अपने वतन पहुंची यूपी की महिला रोला देवी की आंखे भर आईं,जब उन्हें रक्सौल में खाना परोसा गया।उसकी बेटी दूध के लिए चिल्ला चिल्ला कर रो रही थी।स्थानीय लोगों ने दूध उपलब्ध कराया ,तो,रोला-सुबकते हुये कह पड़ी-साब !ऑपरेशन हुआ है।बच्ची का नाडा नही कटा है।वहां के अधिकारी ने कहा कि हम लोग कोई मदद नही करेंगे,अपने देश चले जाओ।तो क्या करते चोरी से छाती इतना पानी भरे नदी को बच्ची के साथ पार किया।अब किसी तरह रक्सौल तो पहुंच गए,अब हम घर पहुंचना चाहते हैं।हम यूपी के बरेली के पास शाहजहाँ पुर के रहने वाले हैं।नेपाल में ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे।

दरअसल,यह कहानी किसी एक की नही,बल्कि,हर उस मजबूर मजदूर की है,जो,लॉक डाउन में दर दर की ठोकर खा रहा है।

सीमा सील होने के कारण नेपाल में भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं।जिसमे मजदूर -कामगार और उनके परिजन शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने नेपाल से उन्हें यहा लाने के लिए वंदेमातरम मिशन शुरू किया है।पर अधिकांश मजदूर अनपढ़ हैं।उन्हें पता ही नही की रजिस्ट्रेशन कैसे कराना है।उनकी पहुंच भी भारतीय दुतावास तक नही है।ऐसे में चोरी छिपे भारत प्रवेश उनकी मजबूरी है।

यही कारण है कि लगातार भारतीय मजदूर चोरी छिपे आ रहे हैं।शुक्रवार को भी बड़े पैमाने पर भारतीय नागरिक रक्सौल पहुँच गए।शहर कोइरिया टोला स्थित नव निर्मित सैनिक रोड में शंकर मंदिर के पास नेपाल से यूपी के करीब 55 प्रवासी मजदूर इकठे हुए,तब हड़कंम्प मचा।जिसमें महिला- पुरुष के साथ बच्चे भी शामिल थे।यही नही एक ऐसी महिला भी थी,जिसने हाल ही में शिशु को जन्म दिया और उसका नाडा भी नही कटा है।इसके अलावे भी एक महिला थी,जो हाल ही में बच्चे की मां बनी थी। बताया गया कि पैदल चल कर आने के बाद वे थके व भूखे प्यासे यहाँ परेशान थे।तब स्थानीय लोगों व कुछ समाजिक संगठनों ने उनको भोजन कराया। इस दौरान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले धर्मेंद्र पाल, सर्वेश विश्कर्मा, मिना देवी,मनोज कुमार,राधेश्याम, रोली वर्मा,दिनेश वर्मा, कमलेश पटेल,रामशरण वर्मा,उर्मिला देवी,रचना कुमारी,राजेश कुमार,धर्मेंद्र, मोहनी देवी ,डोरी लाल आदि लोगों ने बताया कि नेपाली प्रशासन ने कहा कि आप देश चले जाइये।यहां कोई मदद नही मिलेगी।हमारे पास पैसे खत्म हो गए थे।भूखे मरने से अच्छा जान बचा कर चले आना था।इसीलिए हम ग्रामीण रास्तों से बॉर्डर पार चले आये।उन्होंने बताया कि नेपाल के बारा जिला में ईंट भट्ठा पर काम करते थे। भारत विकास परिषद के सचिव उमेश सिकरिया,टिंकू सिंह,प्रशांत कुमार,विजय कुमार आदि ने बताया कि सभी को बिस्कुट चाय पानी पिलाया गया।प्रशासन को सूचना भी दी गई।लेकिन,कोई सुध नही ली गई।वहीं, शहर के श्री राम रसोइया व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने उन्हें भोजन कराया।

बताया गया कि स्थानीय नागरिकों की पहल पर इन सभी को एक ट्रक से शुक्रवार की देर रात्रि यूपी के लिए रवाना कर दिया गया।( रिपोर्ट:गणेश शंकर/राकेश कुमार )

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