रक्सौल।( vor desk )।विगत 25 मार्च से 2020 से कोरोना महामारी (कोविड 19) पूरे भारत मे लॉक डाउन की घोषणा के बाद नेपाल सरकार भी लॉक डाउन की घोषणा कर दी और भारत नेपाल सीमा पूरी तरह सील कर दी गई। जिससे हजारो नेपाली नागरिक भारतीय क्षेत्र में और हजारों भारतीय नागरिक नेपाल क्षेत्र में अचानक फंस गए। जिससे हजारो मरीज ,पर्यटक, विधार्थी ,मजदूर एवं अन्य जो आवागमन के अभाव में जहाँ तहाँ नेपाल में भी और भारत मे भी फंस गए। इस गंभीर समस्या को लेकर लगातार वीरगंज वाणिज्य महादूतावास से संपर्क करने के बाद भारतीय नागरिकों का नेपाल से भारत की ओर सुपुर्दगी की कार्यवाही शुरू हो गई है।
इसके लिए सीमा जागरण मंच की तरफ से मंच के बिहार प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने वीरगंज (नेपाल )के भारतीय महादूतावास सहित अन्य अधिकारियों के साथ पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी एवं नेपाल वीरगंज के जिलाधिकारी को आभार व्यक्त किया है और इसे सुखद सकरात्मक पहल करार दिया है।बताया गया कि मंगलवार तक बीरगंज महावाणिज्य से करीब 6000 भारतीयों ने रक्सौल सीमा द्वारा भारत मे प्रवेश के लिए आवेदन दिया है ।
इस क्रम में श्री अग्रवाल ने बीरगंज महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों से फ़ोन पर वार्ता कर दो सूत्री मांग रखी।जिसमे कहा गया कि बहुत से ऐसे भारतीय है जो भारत के विभिन्न प्रदेशों के है औऱ वे अपने सवारी साधन से अपने गंतव्य स्थान पर जाना चाहते है ।उन्हें सवारी का अन्तराष्ट्रीय परमिट प्राप्त हो। ऐसी व्यस्था की जाय । और कुछ वैसे लोग है जो अपनी सवारी साधन करने में असमर्थ है। जो दिल्ली और कलकत्ता या आस पास के राज्य में जाने वाले हैं, उनके जाने लिए रक्सौल रेलवे स्टेशन से व्यस्था की जाय ताकि उनके गंतव्य तक जाने में सहूलियत मिले ।
इधर नेपाल के भी नागरिक जो भारत के विभिन्न सीमाओं पर फंसे हुए है उन्हें भी नेपाल सरकार से बात कर प्रत्यर्पण कराने की बात की जाए ।श्री अग्रवाल ने इस बारे में भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं सांसद व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से रक्सौल से कोलकाता एवं दिल्ली के लिए नेपाल मे फंसे भारतियों के लिए ट्रेन चलाने के लिए आग्रह किया है ।इस बीच श्री प्रधान ने आश्वासन दिया है कि एक दो दिनों मे ट्रेन चलने की घोषणा भी हो जाएगी ।
बताया गया कि इसकी सूचना भारतीय राज दूतावास के अधिकारियों को भी दी जा चुकी है ।