Saturday, November 23

नेपाल से अपने वतन पहुँचे 211 लोगों का हुआ स्वागत,गुंजा भारत माता की जय,पीएम मोदी जिंदाबाद!

रक्सौल।( vor desk )।केंद्र सरकार के ‘वंदेमातरम योजना ‘ के तहत नेपाल से 211 भारतीय नागरिकों की वतन वापसी हुई ,तो,अपनी मातृभूमि में पावँ रखते हीं अपने देश पहुँचे लोगों ने भारत माता का नमन कर वंदेमातरम का नारा बुलंद किया।भारत माता की जय के साथ ही पीएम मोदी जिंदाबाद के नारे भी गूंजते रहे।

रक्सौल के पनटोका स्थित इंटिग्रेटड चेक पोस्ट पर पहुंचने पर इनका फूल माला पहनाने के साथ ही ताली बजा कर स्वागत हुआ।डीएम कपिल शीर्षत अशोक व एसपी नवीन चन्द्र झा समेत सीमा क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियो ने सभी का स्वागत किया।इस क्रम में जूस व वेलकम किट भी प्रदान किया गया।जिसमें मास्क व सैनिटाइजर आदि था।

सभी को नेपाल के पर्सा जिला के बीरगंज से तीन बस समेत पांच वाहनों से यहां लाया गया।पर्सा जिला के प्रमुख जिलाधिकारी विष्णु कुमार कार्की व एसपी गंगा पंत तथा एपीएफ के एसपी दीपेंद्र कुँवर समेत अन्य नेपाली अधिकारियों ने भारतीय महावाणिज्य दूत नितेश कुमार की उपस्थिति में इन्हें पूर्वी चंपारण के डीएम कपिल शीर्षत अशोक के जिम्मे लगाया।

भारत मे लॉक डाउन के साथ ही नेपाल में भी लॉक डाउन घोषित हुआ।साथ ही बॉर्डर भी सील कर दिया गया।इसमे ऐसे भी लोग थे,जो ,सीमा सील होने के बाद बॉर्डर पहुंच गए थे,लेकिन, उन्हें इंट्री नही मिली।इसमे ज्यादातर बिहार के नागरिक थे।पर्सा जिला के एपीएफ के एसपी दीपेंद्र कुँवर ने बताया कि इसमें 99 नागरिक ठाकुर राम कॉलेज में क्वरेंटाइन थे।बाकी प्रशासन के निर्देश पर अपने परिजनों के यहां होम क्वरेंटाइन में थे।इसमे एक कोरोना से मुक्त हुए समेत 25 जमाती व शेष कामगार व व्यापारी आदि वर्ग के थे।जो अचानक लॉक डाउन में फंस गए थे।

इस दौरान आदर्श नगर ग्रीन सिटी सामुदायिक केंद्र के अध्यक्ष प्रकाश खेतान व उनकी टीम इन लोगों के साथ पहुंची और सहयोगी भूमिका में दिखी।

आंखों देखी:वतन वापसी के खुशियों का पल

बताया गया कि इसमें महिला, बच्चे व छात्र भी शामिल थे।साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में थे,जिन्हें इस बात की खुशी थी कि वे अपने घर पर ईद मना सकेंगें।

आईसीपी प्रवेश से पहले इन्हें कतारबद्व किया गया।फिर,सुरक्षा के बीच मेडिकल टीम की स्क्रीनिग के बाद प्रवेश दिया गया।सीवील सर्जन डॉक्टर रिजवान अहमद व रक्सौल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा व डब्लू एचओ के डॉक्टर सुभान अली के देख रेख में स्क्रिनिग हुई।मेडिकल टीम में डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह,डॉ अजय कुमार,डॉ सुनील कुमार,डॉ प्रहस्त,यूनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार,स्वास्थ्य कर्मी दीप राज आदि शामिल थे।

तदोपरांत,सुरक्षा घेरा में एससबी द्वारा इनका पूरा डाटा लिया गया।कस्टम ने लगेज की जांच की।इमिग्रेशन विभाग द्वारा इन्हें क्लियरेंस दिया गया।प्रक्रिया में सहयोग हेतु हेल्प डेस्क भी बनाया गया था।

इन प्रक्रिया के बाद सभी को फ़ूड स्टॉल लाया गया।जहां गर्मागर्म खाना परोसा गया।तदोपरांत,इन्हें बसों से मोतिहारी ले जाया गया।जहां से उनके गंतव्य जिला तक भेजने की व्यवस्था की जानी थी।

करीब 50 दिनों बाद हुई वतन वापसी के बाद सभी के चेहरे पर सकूँन भरा मुस्कान तैर रहा था।राजू सहनी, उमेश दास, हरेंद्र शर्मा,सुधीर राय,आजाद आलम समेत अन्य लोग स्वदेश वापसी की खुशी छुपा नही पा रहे थे।

इस क्रम में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने पत्रकारों से कहा कि काफी इमोशनल फिलिंग के साथ भारतीय नागरिकों का हम सबने स्वागत किया है। वंदे मातरम योजना अंतर्गत हमारे भारतीय नागरिक हमारे महान राष्ट्र में आ रहे है।यह सिलसिला अभी चलता रहेगा।आज आने वाले लोगों के लिए कॉन्सोलेट जेनरल ऑफ इंडिया ने जो पत्र दिया है उसके अनुसार 250 लोगों की सूची है। वैसे नेपाल में फंसे अब तक करीब 15 सौ रजिस्टर्ड लोग हैं, जिनकी संख्या बदलते क्रम में बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि हमारी मेडिकल टीम यहाँ मौजूद है, जो हर आने वाले लोगों की जाँच करेगी।संक्रमित पाए जाने पर यहां एम्बुलेस से आइसोलेशन सेंटर भेजने की व्यवस्था है।इधर,एसपी नवीन चन्द्र झा ने बताया कि जब तक यह मूवमेंट चलती रहेगी,पुलिस सुरक्षा में रहेगी।प्रतिदिन ढाई सौ से पांच सौ लोगों के नेपाल से आने का अनुमान है। मौके पर एसडीओ अमित कुमार, डीएसपी संजय कुमार झा,कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार, आईसीपी प्रबन्धक विशाल कुमार मिश्रा,ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के डीएसपी कुमार पंकज ,इमिग्रेशन के सहायक अधिकारी प्रेम सिंह,एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट राजकुमार कुमावत, एलआरडीसी मनीष कुमार, बीडीओ कुमार प्रशांत, इंस्पेक्टर अभय कुमार,हरैया ओपी प्रभारी धुरुव नारायण सिंह के साथ बडे संख्या में सीमा क्षेत्र के अधिकारीगण उपस्थित थे।

बता दे कि इंडो नेपाल बॉर्डर सील है।बिहार सीमा से केवल रक्सौल बॉर्डर से ही आवाजाही की अनुमति है।लेकिन,यह केवल मालवाहक ट्रक टैंकर के लिए ही है।कोरोना संकट को ले कर बॉर्डर सील होने के बाद पहली बार नागरिक आवाजाही के लिए सरकारी स्तर पर बॉर्डर से एक दूसरे देश के नागरिकों को लाने व भेजने पर सहमति बनी है।

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