रक्सौल।(vor desk )।लॉक डाउन व सीमा सील होने के कारण नेपाल और भारत में फंसे दोनों देशों के नागरिकों के वतन वापसी की पहल शुरू हो गई है।द्विपक्षीय सहमति होने के बाद मंगलवार को भारतीय नागरिको की पहली टोली नेपाल से रक्सौल पहुंचने वाली है।इसको ले कर प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है।
बीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य सूत्रों ने बताया है कि मंगलवार को इंटिग्रेटड चेक पोस्ट के रास्ते भारतीय नागरिक रक्सौल पहुँचेगें।
बताया गया है कि आईसीपी पहुंचने पर उनके स्क्रिनिंग व मेडिकल जांच आदि के बाद उन्हें वेलकम किट दे उन्हें गंतव्य तक भेजा जायेगा।सूत्रों के मुताबिक, इन्हें वाहनों से उनके जिला में भेजने की तैयारी है।
बता दे कि आईसीपी पर इनके स्वागत व आवश्यक प्रक्रिया को ले कर सभी बंदोबस्त कर लिए गए हैं।इन्हें वहां मास्क ,सैनिटाइजर ,साबुन आदि प्रदान किया जाएगा।आईसीपी पर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।चार नम्बर गेट पर सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए गए हैं।यहां के अधिकारियों व कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।रक्सौल पीएचसी की एक विशेष मेडिकल टीम तैनात कर दी गई है।
सनद रहे कि इस मामले को ले कर रक्सौल आईसीपी में डीएम कपिल शीर्षत अशोक व एसपी नवीन चन्द्र झा तथा भारतीय महावाणिज्य दूत नितेश कुमार,ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के अधिकारी कुमार पंकज ,एसएसबी कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा,कस्टम उपायुक्त आसुतोष कुमार आदि की एक मीटिंग हुई थी।जिसके बाद इसकी तैयारी शुरू हुई।लगातार मीटिंग व तैयारी की समीक्षा जारी रही।रविवार की संध्या भी आईसीपी में एडीएम शशि शेखर व एसएसपी शैशव यादव के नेतृत्व में तैयारी की समीक्षा की गई थी।
डीएम श्री अशोक के मुताबिक,पर्सा व बारा जिला आदि समेत नेपाल के विभिन्न जिलों से करीब 1500 लोगो पहली सूची मिली है।जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
उधर,दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि वैसे लोगों की वापसी की पहल की गई है ,जो, भारत के विभिन्न हिस्सों के रहने वाले है।इसमे तीर्थ यात्री,व्यापारी,छात्र व कामगार व अन्य शामिल हैं।
इस बीच,सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि पहली खेप में करीब 500 भारतीय नागरिकों के पहुंचने की सम्भावना है।इसके बाद क्रमिक तौर पर नेपाल के क्वरेंटाइन सेंटर से लाने की योजना है।जबकि,उन्होंने दुतावास के अधिकारियों से हुई बात चीत के हवाले से बताया कि नेपाली अधिकारियों की तैयारी पूरी नही होने समेत अन्य वजहों से फिलवक्त नेपाली नागरिको को यहां से भेजने में विलम्ब हो रहा है।इसके लिए थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है।उनके मुताबिक, करीब 6 हजार भारतीय नागरिकों का रजिस्ट्रेशन दूतावास के माध्यम से किया गया है।संख्या बढ़ सकती है।नियम कायदों के दायरे में उनकी वतन वापसी होनी है।
इस कवायद के बीच रक्सौल स्थित आपदा राहत केंद्र व क्वरेंटाइन सेंटर पर रह रहे करीब 125 नेपाली नागरिकों की आश भी जगी है कि वे वतन जा सकेंगे।लेकिन,उनके लिए कोई निर्णय नही होने से वे अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।क्योंकि,इसमे अधिकांश क्वरेंटाइन की अवधि पूरी कर ली है।लेकिन,महीनों बाद भी बॉर्डर नही खुलने से वे फंसे हुए हैं और अपने वतन जाने के लिए आरजू मिन्नत कर रहे हैं।उनके साथ महिलाएं व बच्चे भी हैं।उनकी मजबूरी है कि वे अन्तरष्ट्रीय सीमा के बंधन में बंध गए हैं।सीमा पर रह कर भी नेपाल में पावँ नही रख सकते,क्योंकि,बोर्डर पर कड़ा पहरा है।जाने की इजाजत नही है।कोरोना वायरस फैंलने के आशंका के कारण नेपाल आसानी से उन्हें लेने को तैयार नहीं!
वस्तुतःयूपी के बाद बिहार नेपाल सीमा भी खुलने वाली है।केवल उनके लिए जो सरकार के द्वारा एक दूसरे देश मे भेजे जाने वाले हैं।यह केवल, बिहार के रक्सौल बॉर्डर से ही सम्भव हो रहा है।क्योंकि,बॉर्डर सील है।किसी को आने जाने की फिलहाल अनुमति नही दी जा रही।
बढ़ता रहे बिहार फिर एक बार नीतीश कुमार बहुत अच्छा से बिहार वासियों को ध्यान में रखते हुए देखभाल करते हैं
हम लोग के जिला का डीएम साहब बहुत अच्छे हैं एसपी साहब भी अच्छे हैं प्रशासन बहुत मुस्तैद है कोरोना वायरस को रोकने के लिए डॉक्टर साहब भी ध्यान लगाएं हैं पूरे जिले का इस बारिश को रोकने के लिए जान पर लगा दिए हैं doctor Sahib तहे दिल से बहुत-बहुत धन्यवाद मैं आप लोग के लिए भगवन से प्राथना करूँगा की आप लोग अच्छे से रहे जय माता दी ?