रक्सौल।( vor desk )।भारतीय जनता पार्टी शिक्षक प्रकोष्ठ के बिहार प्रदेश संयोजक प्रोफ़ेसर डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री बिहार सरकार को पत्र लिखकर शिक्षकों को भुगतान नहीं किये जाने पर चिंता व्यक्त की है । प्रो0 सिन्हा ने वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत संचालित होने वाले लगभग 1450 शिक्षण संस्थानों को शीघ्रातिशीघ्र अनुदान की राशि का भुगतान करने का आग्रह किया है ।प्रो0 सिन्हा ने कहा है कि इन संस्थानों में कार्यरत कर्मियों की परीक्षा फल आधारित अनुदान दिया जाता है और वह भी विगत 6 वर्षों से नहीं दिया गया है। इंटर महाविद्यालय के शिक्षकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चित्रित 630 करोड़ की राशि का भुगतान भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति उच्च माध्यमिक द्वारा रोक रखा गया है। ज्ञातव्य है कि बिहार प्रदेश में लगभग 225 डिग्री कॉलेज 507 इंटर कॉलेज एवं 715 माध्यमिक स्कूल है। ये सभी वित्त रहित शिक्षा नीति के तहत संचालित हैं और इनमें लगभग 50- 55 हजार कर्मी कार्यरत है जिनके द्वारा लाखों का भरण पोषण होता है । कोरोना की वैश्विक महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि अपने प्रवासी मजदूरों, गरीब एवं असहाय लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए बिहार सरकार ने प्रशंसनीय कार्य किया है। खासकर लॉक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की आर्थिक मदद करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बन गया है ।यह हम सबों के लिए गौरव की बात है। प्रो0 सिन्हा ने कहा कि शिक्षक संवर्ग केवल विशाल मानव संसाधन का हिस्सा ही नहीं बल्कि राज्य के सर्वांगीण विकास की भी रीढ़ है ।उसकी अनदेखी किसी भी तरह राज्य हित में नहीं है। प्रो0 सिन्हा ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से संबंध इंटर और डिग्री महाविद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों के लिए तथा अनुदानित विद्यालयों के लिए बकाया की राशि का अविलंब भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है। प्रो0 सिन्हा ने नियोजित नियमित लाखों हड़ताली शिक्षकों से शीघ्र वार्ता कर सम्मानजनक समझौता करने का भी आग्रह किया है । इस विकट परिस्थितियों में इन शिक्षकों के मार्च तक का भुगतान करने की अपील की है ताकि कोरोना जैसे महामारी में इन्हें भी राहत मिल सके बिहार एक लोक कल्याणकारी राज्य है एवं शिक्षकों की समस्याओं पर गंभीरता पूर्वक विचार करेंगे ऐसी आशा प्रो0 सिन्हा ने व्यक्त की है।