Saturday, November 23

नेपाली सांसद प्रदीप यादव को रक्सौल कोरोना राहत केंद्र में नेपालियों से मिलना पड़ा महंगा,किये गए क्वरेंटाइन!

  • सांसद यादव के अनधिकृत भारत दौरे से गृह मंत्रालय सख्त,जिलाधिकारी से पूछा कैसे किया सीमा पार?
  • पर्सा जिला प्रशासन ने सांसद प्रदीप यादव समेत दो नेपाली पत्रकार व ड्राइवर को भी किया गया क्वरेंटाइन,जांच शुरू
  • सांसद ने कहा-जिलाधिकारी ने फोन कर कहा कि इज्जत की बात है,इसलिए घर पर हूँ, देखता हूँ क्या करना है!
  • भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने कहा-सांसद को मिलता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट,मित्र राष्ट्र जाने में कोई रोक नही!

रक्सौल।(vor desk )।नेपाल सरकार से बिना अनुमति लिए नेपाल के पर्सा जिला के सांसद प्रदीप यादव द्वारा रक्सौल स्थित कोरोना आपदा राहत केंद्र के दौरे का मामला तूल पकड़ गया है।

लॉक डाउन व सीमा सिल होने के बावजूद अधिकृत रूप से भारत जाने व लौटने के साथ क्वरेंटाइन किये गए लोगों से मुलाकात करने के मामले को नेपाल के गृह मंत्रालय ने गम्भीरता से लिया है।गृह मंत्रालय के निर्देश पर पर्सा जिला प्रशासन ने सांसद यादव समेत चार लोगों को क्वरेंटाइन कर दिया है।साथ ही कोरोना को ले कर जारी नियम-निर्देश के के उल्लंघन व बिना अनुमति सीमा पार करने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है।इस बात की भी जांच की जा रही है कि वे बेरोक टोक रक्सौल कैसे चले गए?जब गए तो उन्हें लौटने कैसे दिया गया।जबकि, सीमा सील है।किसी नागरिक को आने जाने की अनुमति नही है।

इस बाबत गृह मंत्रालय के सह प्रवक्ता उमाकांत अधिकारी ने कहा है कि इसमे बड़े छोटे की कोई बात नही है।कानून सभी के लिए समान होता है।उन्होंने बताया कि सांसद को क्वरेंटाइन करने के साथ ही मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।

निर्देश के बाद पर्सा जिला के जिकाधिकारी विष्णु कार्की ‘एक्शन’ में आ गए।सांसद समेत दो पत्रकार व वाहन चला कर लाने ले जाने वाले ड्राइवर को क्वरेंटाइन कर दिया गया।वहीं,मेडिकल टीम ने चारों की स्वास्थ्य की जांच भी की है।

गौरतलब है कि पर्सा जिला के क्षेत्र संख्या 1 के सांसद व उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के नेता प्रदीप यादव बुधवार की दोपहर करीब तीन बजे अपने वाहन से दो नेपाली पत्रकार व ड्राइवर के साथ रक्सौल मुख्य पथ स्थित हजारीमल हाई स्कूल स्थित कोरोना आपदा राहत केंद्र के दौरे पर आए थे।

इस दौरान उन्होंने नेपाल के रुकुम,पर्वत व बारा जिला के कुल 15 लोगों से मुलाकात की थी।इसमे 13 लोग बोधगया में दैनिक मजदूरी करते थे।नेपाल जाने के क्रम में यहां फंस गए थे।जिसमे महिला व बच्चे भी हैं।

सांसद ने उन्हें मास्क, सेनेटाइजर, फल,बिस्किट,जूस पानी की बोतल आदि वितरित किया था।

इस क्रम में वे केंद्र के विभिन्न कमरे में पहुच कर उक्त नेपाली नागरिकों से मिले थे। जिन्हें प्रशासन ने क्वरेंटाइन कर रखा है।इस दौरान एलआरडीसी मनीष कुमार,नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी गौतम आनंद ,एसएसबी के सहायक कमांडेंट राज कुमार कुमावत समेत रक्सौल के प्रशासनिक व नप के अन्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

वापस जाने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया में फ़ोटो और जानकारी शेयर की।मीडिया में भी खबर आई।उसके बाद लॉक डाउन में घर मे लॉक पर्सा जिला के संविधान सभा सदस्य विचारी यादव ने मामले की जांच की मांग कर दी।कहा कि यदि भारत के क्वरेंटाइन से लौट कर सांसद खुले घूमते रहे ,तो,बीरगंज में संक्रमण फैंलने का खतरा हो सकता है।इसकी जिम्मेवारी पर्सा जिला के जिलाधिकारी को लेनी होगी।
वहीं,नेपाली कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद अनिल रूंगटा ने बॉर्डर सील होने के बाद अनधिकृत रूप से आने जाने को आड़े हाथों लेते हुए जांच की मांग की।
तो, नेकपा के बीरगंज के अध्यक्ष रोहबर अंसारी ने उनके बिना अनुमति व नियम उलंग्घन पर सवाल खड़े किए और कार्रवाई की मांग की।कहा कि इससे बीरगंज खतरे में है ।

यह मामला गृह मंत्रालय तक पहुच गया।सवाल पूछा गया कि आखिर वे किसकी अनुमति से भारत गए?वहा क्वरेंटाइन किये गए लोगों से कैसे और क्यों मिले?आशंका प्रकट की गई कि इससे संक्रमण का खतरा है।जब जिलाधिकारी कार्की से पूछा गया तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए।
इस पर गृह मंत्रालय एक्शन में आ गई।जिसके बाद पर्सा जिला के जिलाधिकारी विष्णु कुमार कार्की के नेतृत्व में सांसद समेत कुल चार लोगों को क्वरेंटाइन करते हुए जांच व आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी।

क्या कहा सांसद प्रदीप ने:

इधर,सांसद प्रदीप यादव का कहना है कि सवाल करने वालो में डर होना स्वाभाविक है।यह सकरात्मक भी है।उन्होंने कहा कि मुझे कोरोना गाइड लाइन के बारे में पता है।मैंने डब्लू एचओ के गाइड लाइन का पालन किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं जनता का सेवक हूँ।मुझे पता लगा कि नेपाली नागरिक भारत के रक्सौल में क्वरेंटाइन किये गए हैं।वे घर आने के लिए परेशान हैं।इसीलिए सीमा क्षेत्र का सांसद होने के नाते मैं वहां समझाने गया था,क्योंकि,वे भाग कर घर जाने के फिराक मे थे।
उन्होंने कहा की मैं घर मे ही हूँ।जिलाधिकारी को सूचना दे कर गया था।लेकिन,अब उनके बयान मीडिया में अलग -अलग हैं।

उन्होंने कहा जिलाधिकारी ने फोन कर आग्रह किया है कि हमारे इज्जत की बात है।होम क्वरेंटाइन में रहिए।मैं तब से अभी तक घर मे हूँ। शाम में सोंच कर बताऊंगा कि आगे क्या करना है।

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