Saturday, November 23

कोरोना से बचाव के लिए छिड़काव के लिए तरस रहे शहरवासी,जहाँ, हुआ वहां बढ़ गया मच्छड़ का प्रकोप!

फायरबिग्रेड वाहन से छिड़काव कराते एसडीओ अमित कुमार

रक्सौल।(vor desk )।एक लॉक डाउन में सीमा पार नेपाल के बीरगंज की महानगरपालिका सफाई व छिड़काव के लिए काफी सक्रिय दिखी।सड़को पर रोज पानी डाला जाता रहा।वहीं,रक्सौल नगर परिषद की खनापूर्ती अभियान जारी रही।नगर के विभिन्न वार्डो में या तो कुछ वार्ड पार्षदो ने मोर्चा संभाला या फिर युवाओं या सामाजिक सँगठनो ने।लेकिन,नगर परिषद प्रशासन की निष्क्रियता का ही परिणाम रहा कि एसडीओ अमित कुमार ने मुख्य पथ समेत अनेको गली मोहल्ले में फायर बिग्रेड वाहनों से छिड़काव कराया।

किंतु, सूत्रों का कहना है कि नगर के दर्जनों मुहल्लों व वार्डो में आज तक छिड़काव नही हो सका।इसका एक कारण कतिपय नगर पार्षदो की निष्क्रियता होना रहा,या फिर विपक्षी खेमे में शामिल रहना बताया गया।

परन्तु, जहां छिड़काव हुआ वहां भी मच्छड़ तक का प्रकोप कम नही हुआ।आरोप लगा कि छिड़काव कम खनापूर्ती ज्यादा हुई।

मजे की बात यह रही किरोसिन व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया गया।ज्यादातर नाले में हुआ।लेकिन नाले की सफाई नही हुई थी।इस बार उड़ाही हुई ही नही।उड़ाही का काम अब शुरू हुआ,जब यह छिड़काव लगभग बन्द हो गया।

शहर के मुख्य पथ स्थित कुमार मेडिकल हॉल के सञ्चालक मनोज कुमार की शिकायत थी कि नाले का उड़ाही कर दुकानो के आगे कचरा लगा दिया गया।यह कब उठेगा भगवान मालिक है।स्लैब भी तोड़ दिया गया।

इधर,बैंक रोड के उमेश सिकरिया व राहुल कुमार गुप्ता का कहना था कि नगर परिषद की फॉगिंग के बाद मच्छड़ भी नही घटते।नाले में छिड़काव के बाद ये मच्छड़ घर मे सोने तक नही देते।

उधर,शहर के दर्जनों वार्डो में यह शिकायत है कि कोरोना के प्रकोप के बावजूद लापरवाही जारी रही।जो मानवता व जन स्वास्थ्य के नाम पर खिलवाड़ है।

शहर में कई जगह छिड़काव से लोग इस उम्मीद में थे कि उनके वार्ड या मुहल्ले मे भी छिड़काव होगा।लेकिन ऐसा नही होने से शिकायत व आक्रोश देखा गया।

रक्सौल के वार्ड 19 अंतर्गत कौड़िहार चौक के महावीर नगर के गौतम मिश्रा,नवीन मिश्रा,राजा पांडे,पन्नालाल गुप्ता,अजय शर्मा ,विवेक श्रीवास्तव ,सतीश श्रीवास्तव का आरोप है कि उनके मुहल्ले में साफ सफाई तक नही हुई।छिड़काव की मांग पर कोई सुनवाई नही हो रही।

कुल मिला कर कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन व नगर परिषद की भूमिका खानापूर्ती से ज्यादा नही रही।जबकि खुद पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी कपिल शीर्षत अशोक ने छिड़काव के लिए निर्देशित किया था।बावजूद, धरातल पर जो होना चाहिए,नही हुआ।यही कारण था कि नटराज सेवा संगम के कार्यकर्ताओं ने खुद से बाजार में घूम घूम कर छिड़काव किया।तो,कई वार्ड पार्षद या उनके परिजन खुद से छिड़काव में जुटे दिखे।
हालांकि,नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी आनन्द गौतम ने कहा कि छिड़काव अभियान जारी है।जहां बाकी है।वहां छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा।


लेकिन,रक्सौल पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शरत चन्द्र शर्मा की माने तो पहले ही उन्होंने कोरोना को ले कर नगर परिषद को सफाई व छिड़काव के लिए आगाह किया था।

चमकी बुखार को ले कर भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।,लेकिन,मौजूदा हालात यह बताते है कि कोरोना हो या न हो,लेकिन,डेंगू से ही लोग प्रभवित हो जाएंगे।यह तो संयोग है कि डेंगू रोग प्रभावित लोग की संख्या भी रक्सौल में नगण्य रही।

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