
रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल के हवाई अड्डा रोड में न्याय नेटवर्क परियोजना और स्वच्छ रक्सौल के कार्यकर्ताओं की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें मानव तस्करी की बढ़ती घटनाओं और प्रशासन की निष्क्रियता पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि दोनों संगठन मिलकर इस गंभीर अपराध के खिलाफ अभियान तेज करेंगे।
स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष लाखों बच्चे भारत से गायब हो रहे हैं, जिनका कोई सुराग नहीं मिल पाता। हालांकि सरकार और कई गैर-सरकारी संगठन इस दिशा में कार्यरत हैं, फिर भी बच्चों की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही। स्वच्छ रक्सौल और न्याय नेटवर्क परियोजना ने प्रशासन की मदद से अब तक सैकड़ों बच्चों को बचाया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के सहयोग की कमी के कारण कई बच्चे लापता हो जाते हैं।
रणजीत सिंह ने बताया कि 26 जनवरी 2025 को एक 18 वर्षीय लड़का और 16 वर्षीय लड़की को पुलिस ने सहायता देने के बजाय भगा दिया, जबकि इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (CWC) को पहले ही दी जा चुकी थी। यह प्रशासन की घोर लापरवाही को दर्शाता है और मानव तस्करी के खिलाफ चल रहे प्रयासों को कमजोर करता है। न्याय नेटवर्क परियोजना के गौरव कुमार राव, मथुरा कुमार, राकेश रंजन स्वच्छ रक्सौल से साबरा खातुन, रितिका श्रीवास्तव
मुख्य मांगें और आगामी कदम:
- पुलिस प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए और मानव तस्करी के मामलों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
- सभी लापता बच्चों की खोज और बचाव के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए।
- जनता और युवाओं को जागरूक करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाए।
- मीडिया और नागरिक समाज इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए, ताकि प्रशासन को कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य किया जा सके।
संयुक्त पहल के तहत आगे की रणनीति:
स्वच्छ रक्सौल और न्याय नेटवर्क परियोजना मिलकर जनजागरूकता अभियान, प्रशासनिक अधिकारियों से संवाद, मीडिया के माध्यम से मुद्दे को उठाना और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई करेंगे।
रणजीत सिंह ने कहा की अगर प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो हम न्याय के लिए उच्च अधिकारियों, राज्य सरकार और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का रुख करेंगे।