रक्सौल।(vor desk)।प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय पनटोका में राष्ट्रीय गौरव दिवस सह उलगुलान आंदोलन के प्रवर्तक भगवान बिरसा की जयंती एचएम गीता रानी की अध्यक्षता में आहूत हुई।इस मौके पर ‘धरती आबा’ के नाम से मशहूर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी भगवान बिरसा के तैलीय चित्र पर शिक्षक,शिक्षिकाओं व छात्र छात्राओं ने बारी बारी पुष्पार्चन कर उन्हें नमन किया।इस मौके पर शिक्षकों ने उनके जीवनी व कृतित्वों पर प्रकाश डाला तथा इससे प्रेरणा लेकर जल,जंगल और जमीन के संरक्षण के साथ देश और समाज के प्रति समर्पित होकर कार्य करने का संदेश दिया। शिक्षक मुनेश राम ने बताया कि भगवान बिरसा इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व रहे हैं। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातू गाँव में हुआ था। वे मुंडा जनजाति से संबंधित थे और आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले प्रमुख नेता थे।
बिरसा मुंडा ने ‘अंग्रेजों अपनो देश वापस जाओ’ का नारा देकर उलगुलान का ठीक वैसे ही नेतृत्व किया जैसे बाद में स्वतंत्रता की लड़ाई के दूसरे नायकों ने इसी तरह के नारे देकर देशवासियों के भीतर जोश पैदा किया।
वही,वरीय शिक्षक प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिरसा मुंडा ने मुंडाओं को जल, जंगल, जमीन की रक्षा के हेतु बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। बिरसा मुंडा का पूरा आंदोलन 1895 से लेकर 1900 तक चला। इसमें भी 1899 दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के अंत तक काफी तीव्र रहा। पहली गिरफ्तारी अगस्त 1895 में बंदगांव से हुई।वही,एचएम गीता रानी ने उन्हें देश का महान क्रांतिकारी और युग परिवर्तनकारी व्यक्तित्व करार दिया।मौके पर शिक्षक कुंदन कुमार,शिक्षिका रूपा कुमारी,बबिता कुमारी,दीक्षा कुमारी,ग्रामीण रविशंकर कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।