रक्सौल।(vor desk)।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ने वाली एक बड़ी रेल परियोजना को मंजूरी दी है। इसके तहत नरकटियागंज-रक्सौल -सीतामढ़ी और सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर रेलवे लाइन का दोहरी करण किया जाएगा। यह उत्तर बिहार का ड्रीम प्रोजेक्ट है।इसके निर्माण से उत्तर बिहार और राज्य के अन्य जिलों के लिए सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर उपलब्ध हो सकेगा।इस बड़ी परियोजना से जनकपुरी, लुंबिनी, अयोध्या जैसे धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी भी आसान होगी। इससे बिहार समेत पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। रेल के साथ बंदरगाहों की भी कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
रक्सौल सहित विभिन्न स्टेशन पर आयोजित बैठक को विडियो कांफ्रेसिंग से अपने संबोधन में केंद्रीय सूचना प्रसारण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना 4553 करोड़ रुपये की है। इससे बिहार में कनेक्टिविटी को अभूतपूर्व मजबूती मिलेगी।इसके तहत40 से अधिक ओवर ब्रिज और 300से ज्यादा पुल पुलिया बनेगा। डब्बल रेल लाइन निर्माण के बाद 160की स्पीड से ट्रेन चलेगी।उन्होंने यह भी कहा कि दीपावली व छठ पर्व को देखते हुए प्रधानमंत्री के द्वारा सात हजार स्पेशल ट्रेन पूरे देशभर में चलाया जा रहा है। जिसमें दो लाख पैसेंजर आसानी से घर आ सकते है।
यहां विडियो कांफ्रेंसिंग मीट का आयोजन रक्सौल स्टेशन स्थित स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय कक्ष में आयोजित थी। इस ऑन लाइन मीटिंग में वाल्मीकि नगर के सांसद सह मंत्री सतीश चंद्र दूबे, पश्चिम चंपारण के सांसद डा. संजय जायसवाल,शिवहर सांसद लवली आनंद के साथ कई सांसद शामिल थे।मौके पर समस्तीपुर मंडल के सीनियर डीएमई शिशिर चंद्रशेखर, एसीएम पीआरपी सिंह ,स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह, डीसीआई संजय कुमार, मुख्य चल टिकट निरीक्षक सुधीर मिश्रा, भाजपा नेता सह नप के उप सभापति पति राकेश कुशवाहा, भाजपा नगर अध्यक्ष कन्हैया सर्राफ, भाजपा नेता कमलेश कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
विकास में मिलेगी मदद
करीब256किलो मीटर के नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण से बिहार के 168 गांव के 12 लाख लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और 9 नये रेलवे स्टेशन का निर्माण होगा। इस मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से राज्य के दो आकांक्षी जिलों सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में कनेक्टिविटी मजबूत होगी और इससे 388 गांव के 9 लाख लोगों को फायदा होगा।यह रूट कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट जैसे उत्पादों के परिवहन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
रेल लाइन के दोहरीकरण से हर साल लगभग 31 मिलियन टन माल की अतिरिक्त ढुलाई होने की संभावना है।रेलवे ऊर्जा खपत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए परिवहन का सबसे बेहतर साधन है।इस रेल लाइन के निर्माण से लॉजिस्टिक कॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी। एक अनुमान के अनुसार इस लाइन के निर्माण के बाद 168 करोड़ किलो कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जो 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।यह प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान योजना के तहत तैयार किया गया है। सरकार की कोशिश मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
सांसद डा संजय जायसवाल ने किया स्वागत,जताया आभार
पश्चिम चंपारण के भाजपा सांसद डा संजय जायसवाल ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति का निर्णय स्वागत योग्य है।इसके लिए पीएम मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार है।उन्होंने कहा कि इससे सीमावर्ती क्षेत्र के नॉर्थ ईस्ट रेलवे का विकास होगा। नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण से नेपाल तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी। साथ ही उत्तर-पूर्व भारत और सीमा क्षेत्र पर परिवहन की सुविधा आसान होने से यात्री और माल ढुलाई बढ़ेगी, जिससे इस इलाके में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी।उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत से राजधानी दिल्ली की कॉनेटिविटी बढ़ेगी और दूरी कम होगी। रक्सौल हब बनेगा।सिंगल लाइन की कमी से ट्रेनों का परिचालन कम होता था,जो अब दूर होगी।नेपाल के लोगों के रेल सुविधा बढ़ेगी।इस प्रोजेक्ट को पांच वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर मोदी सरकार का विशेष जोर है। रेल, सड़क और पोर्ट नेटवर्क को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है।