Saturday, November 23

शराब पीते नकरदेई थाना के दारोगा का विडियो वायरल, एसपी स्वर्ण प्रभात ने किया निलंबित, रक्सौल डीएसपी को मिला जांच का जिम्मा!

मोतिहारी/रक्सौल।(vor desk)।बिहार में शराब बंदी है।सरकार इसे सफल बनाने में जुटी रहती है।बिहार पुलिस पर शराब बंदी को सफल बनाने का दारोमदार भी है।लेकिन,बिहार पुलिस के एक अधिकारी की शराब सेवन की वायरल होती तस्वीर कई सवाल खड़े कर रही है।शराब बंदी के हकीकत की पोल भी खोलती दिख रही है।मामला सामने आने पर पुलिस महकमे ने अधिकारी को निलंबित कर दिया है।विडियो वायरल होने के बाद इस प्रकरण पर चर्चा थम नहीं रही है।इस बीच सूचना है की उक्त आरोपी पुलिस अधिकारी को रक्सौल थाना में हिरासत में रखा गया है।डीएसपी के नेतृत्व में करीब चार घंटे तक लंबी पुछ ताछ की गई है और मामले में अग्रतर करवाई जारी है।

बता दे कि पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल अनुमंडल अंतर्गत नकरदेई थाना में पदस्थापित दारोगा का शराब पार्टी करते हुए वीडियो वायरल हुआ है। मामले में एसपी स्वर्ण प्रभात ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दारोगा को निलंबित कर दिया है।

दरअसल,नकरदेई थाने में पदस्थापित अपर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार यादव का शराब पीते वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई।विडियो में दरोगा एक कमरे में बैठे दिख रहे हैं। मेज पर अंग्रेजी शराब की बोतल और पंक्षी का कबाब सहित अन्य परिकार साफ दिख रहा है।मोबाइल पर बात करते और वहां उपस्थित सख्स द्वारा पैग बनाने का दृश्य भी है,हालाकि,दूसरे किसी का चेहरा इस विडियो में नही दिख रहा। दारोगा जी कथित रूप से रिश्वत लेन देन की बात चीत के बीच विडियो में यह कहते सुने जा रहे हैं कि जिसका नमक खाते हैं,उसका कीमत अदा करते हैं।चर्चा है की उक्त दारोगा रक्सौल में थे और यही आयोजित पार्टी ने विडियो बना कर वायरल किया गया।

एसपी ने दारोगा को निलंबित करने के साथ ही इस मामले की जांच का जिम्मा रक्सौल एसडीपीओ को एसपी ने दिया है। एसडीपीओ इस मामले में 24 घंटे के अंदर जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में आरोपी दारोगा ने कहा कि केस संख्या 11/24 के मामले में वे जांच करने गए थे।उन्होंने शराब सेवन से इंकार करते हुए यह कहा कि वे मिट भुजा खा रहे हैं।

इस संबंध में चल रही चर्चाओं के अनुसार, दारोगा किसी केस को मैनेज करने के लिए अभियुक्तों से मिलने गए हुए थे। इनको अभियुक्त पक्ष के लोगों ने ही बुलाया था। बताया जाता है कि उक्त दर्ज केस के दारोगा जी जांच अधिकारी थे और अभियुक्तों का खूब दोहन कर रहे थे। इससे वे लोग परेशान हो चूके थे। अंत में इन लोगों ने दारोगा जी को लेन-देन कर केस मैनेज करने का झांसा दिया था।

चूंकि दारोगा जी कई बार इन लोगों से लेन-देन कर चुके थे। कभी भी कोई समस्या नहीं हुई थी। इसलिए दारोगा जी बेखौफ़ होकर इन लोगों के बुलावे पर गए।बेझिझक इन लोगों के साथ शराब पीने लगे।बताते है की पार्टी आयोजित थी, सो इन्होंने यह सोचा भी नही कि विडियो बना कर वायरल कर दिया जाएगा।जब मामला सामने आया,तब तक बुलाने वालो की गोटी लाल हो चुकी थी और महोदय पर गाज गिरने में देर नहीं लगी।विडियो वायरल होने से एक पुलिस अधिकारी के रूप में उनके फर्ज,जिम्मेवारी और नैतिकता पर भी सवाल उठ चले हैं। हालांकि, इस मामले में रक्सौल एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार जांच कर रहे हैं और जांच के बाद इस मामले में सत्यता का पता चल सकेगा कि वास्तविक मामला क्या है।विडियो कब की है।इसकी सच्चाई क्या है।फिलहाल,बिहार की शराब बंदी में पुलिस की इस भूमिका की चर्चा थम नहीं रही।यह इसलिए भी कि शराब की तस्करी, होम डिलीवरी और गली मुहल्ले में शराब सेवन का खेल किसी से छुपा नहीं।

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