Sunday, November 24

विवादित निजी क्लीनिक के असली संचालक को खोजने में जुटी स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम,एक ही भवन में दो नाम से क्लिनिक संचालन के सामने आने से उलझा पेंच

रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल के कौडीहार चौक से लगे सैनिक सड़क स्थित निजी क्लीनिक में बीते सप्ताह एक मरीज की संदेहास्पद मौत और हुए बवाल मामले की जांच के लिए जांच टीम गठित कर दी गई है।इस बीच जांच आगे बढ़ने के बाद जांच टीम भी असमंजस में दिख रही है,क्योंकि,एक ही एक मंजिला भवन में दो नाम से क्लीनिक का संचालन हो रहा था।कहा जा रहा है कि इस फर्जीवाड़ा का उद्देश्य रहस्यमय स्थिति बनाए रखना था।यही कारण है की मामला फंसते ही संचालक सहित सभी क्लीनिक बंद कर फरार हो गए है।संचालक के अब तक सामने नहीं आने के पीछे माना जा रहा है कि उक्त क्लीनिक गैर निबंधित और नियम उलंघन कर चल रहा था।जांच टीम को इस बात को पता लगाने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है कि इस क्लिनिक का असली मालिक अथवा संचालक कौन हैं?फिलहाल उसे चिन्हित करने में जांच टीम जुटी हुई है।

जानकारी के मुताबिक,जांच टीम जब जांच को पहुंची तो क्लीनिक भवन के बाहर दो बड़े साइन बोर्ड पर सिटी हेल्थ केयर अंकित था।जांच में उसके पुर्जा पर तीन डॉक्टरों का नाम अंकित है ।जिसमे क्लीनिक के पुर्जे पर डा अभिषेक नंदन, डा रीता जैन, डा कोणार्क कोंडलैया का नाम छपा हुआ है।जबकि,मुख्य गेट के बाएं और गेट पर लगे ग्रील के अंदर होप क्लीनिक के साइन बोर्ड लगा था, जिसमे डा शबनम आसिफ और डा कहकशा आसिफ का नाम अंकित था।मोबाइल से बात चीत पर जांच टीम को उन्होंने सफाई दी कि मार्च माह में ही वे क्लीनिक छोड़ चुके हैं।वे फिलहाल मोतिहारी में रह कर क्लिनिक चला रही हैं।हालाकि,उन्हे भी जांच के दायरे में रखा गया है।

सूत्रों ने बताया कि जांच टीम ने जब आस पास पूछ ताछ की तो यह बात सामने आई है कि इस क्लीनिक का नाम पहले भी बदला गया था।स्थानीय लोगों ने दावा किया कि पूर्व में भी मरीज के साथ हुए विवादित घटना के बाद क्लीनिक का नाम बदल दिया गया था।जांच कर रहे सीनियर मेडिकल ऑफिसर डा सेराज अहमद और डा अमित कुमार जायसवाल के नेतृत्व वाली जांच टीम इस बारे में कई क्लू मिलने की खबर है,जिसको गोपनीय रख कर जांच की जा रही है।सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद से क्लीनिक संचालक अब तक सामने नहीं आया है।वहां ताला बंद है,सभी स्टाफ फरार हैं।बोर्ड पर रजिस्ट्रेशन नंबर भी अंकित नहीं है।आस पास के लोगों का दावा है कि संचालक ही दूसरे डॉक्टर के नाम पर इलाज और ऑपरेशन करता था।घटना के बाद पुलिस टीम ने भी जांच की थी।उस वक्त भी होप क्लीनिक और सिटी हेल्थ केयर के पुर्जे क्लीनिक में पाए गए थे।

हालाकि,शव का पोस्टमार्टम नही होने और क्लीनिक को तत्काल सिल नही किए जाने से जांच में साक्ष्य जुटाने से संबंधित कई दिक्कत आ रही है।पूछने पर अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है।क्लिनिक संचालक और डॉक्टरों को रर्जिस्ट्रेशन ,डॉक्टर लिस्ट सहित अन्य जरूरी प्रपत्र के साथ उपस्थित हो कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected , Contact VorDesk for content and images!!