रक्सौल में आयोजित हुई बैठक,जन अधिकारों व सुविधा बहाली के लिए बापू के सिद्धांत पर चलने का संकल्प
रक्सौल ।( vor desk )।घोड़ासहन नहर पथ की बदहाली व नरकटियागंज -रक्सौल-सीतामढ़ी रेल खण्ड की उपेक्षा के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन होगा।इस कड़ी में आगामी 12अक्टूबर को सिकटा से रक्सौल होते घोड़ासहन तक चंपारण सत्याग्रह पद यात्रा की शुरुवात होगी।जिसका मकसद सरकार का ध्यानाकर्षण करने के साथ इस पीड़ा के समाधान के लिए आवाज उठाना है।इसको ले कर शहर के श्री सत्य नारायण मारवाड़ी पंचायती मन्दिर में समाजसेवी जगदीश प्रसाद की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई।जिसमे शिवहर लोक सभा क्षेत्र के पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी सह समाजिक कार्यकर्ता प्रभु नारायण ने कहा कि इस क्षेत्र की आजादी के बाद से ही लगातार उपेक्षा की जा रही है।बार बार टेंडर के बाद भी सड़क का कार्य आगे नही बढ़ रहा।नरकटियागंज -रक्सौल सीतामढ़ी रेल खण्ड पर पहले दर्जनों ट्रेन चलती थी।जिसमे लखनऊ -आसाम एक्सप्रेस,गंडक एक्सप्रेस,क्रांति जैसी ट्रेन शामिल थी।अब ट्रेन के लिए बारह घण्टे इंतजार करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि हम न बुलेट ट्रेन मांग रहे हैं।न एक्सप्रेस हाइवे।हम केवल घोड़ासहन नहर सड़क का निर्माण और इस रेल खण्ड पर यात्री सुविधा की बहाली के लिए ट्रेन परिचालन की मांग कर रहे हैं।यदि यह नही हो सकता ,तो,सरकार सुविधा के मामले में आजादी के पहले की स्थिति बहाल कर दे।हम उसी में खुश रह लेंगे।कोई शिकायत नही करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब जनता की पीड़ा कोई नही सुने,तो,सत्याग्रह की याद आती है।हम बापू के पद चिन्हों पर चलते हुए पद यात्रा करेंगें।जरूरत पड़ी तो असहयोग आंदोलन की राह भी पकड़ेंगे।
इस बैठक में सीमा जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने कहा कि यह रेल व सड़क सीमावर्ती क्षेत्र के लिए ‘लाइफ लाइन ‘है।बावजूद इसकी उपेक्षा हो रही है।लेकिन,अब इसके लिए निर्णायक सँघर्ष जरूरी है।जब टेंडर होता है,तो,उसे रद्द कर दिया जाता है।कोई न कोई पेंच फसा दिया जाता है। आजादी के 72 साल बाद भी घोड़ासहन, छौड़ादानो , आदापुर, रक्सौल, भेलाही, सिकटा जैसा महत्वपूर्ण रोड उपेक्षित है।
वहीं,स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने कहा कि बार बार आश्वासन एवं टेण्डर के बाद भी सिकटा से घोड़ासहन तक ना तो रोड़ बन पा रहा है ना रेलवे सेवा का विस्तार हो पा रहा है। रोड निर्माण एवं रेल के विस्तार हेतु दिनाँक 12-10- 2019 को पदयात्रा शुरू कर अपने आवाज को बुलंद करने का काम करेंगे।उन्होंने कहा कि यदि जनप्रतिनिधि मुखर व जनता की पीड़ा को समझने वाले होते तो यह दिन नही देखना पड़ता।
बैठक में तय हुआ कि शांतिपूर्ण पद यात्रा पश्चिम चंपारण के सिकटा से शुरू होगी।जो रक्सौल -आदापुर-छौड़ादानों होते घोड़ासहन पहुँचेगी।जिसमे बड़ी संख्या में जन सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। बताया गया कि 12 अक्टूबर से सिकटा स्टेशन चौक से शुरू हो कर भेलाही,13 अक्टूबर को भेलाही से रक्सौल,14 अक्टूबर को रक्सौल से आदापुर,15 अक्टुबर को आदापुर से छौड़ादानों व 16 अक्टूबर को छौड़ादानों से घोड़ासहन पहुच कर पद यात्रा का समापन होगा।बैठक में जगदीश प्रसाद,शिक्षक विशंभर प्रसाद,राजन चौरसिया इत्यादि अन्य लोग शामिल थे।