रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल एयरपोर्ट को संचालन में लाने को लेकर प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है।जल्द ही विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण का कार्य शुरू होगा।इसको ले कर गुरुवार को दिल्ली और दरभंगा के अधिकारियों की टीम रक्सौल पहुंची।टीम ने एयरपोर्ट निर्माण को लेकर स्थलगत निरीक्षण और सर्वे किया। लौटने के बाद इस सर्वे की रिपोर्ट उड्डयन मंत्रालय को सौंपा जाएगा।ताकि,निर्माण संबंधी प्रक्रिया आगे बढ़ सके।टीम ने दावा किया है कि जल्द ही यहां एयरपोर्ट को बनाने का काम शुरू किया जाएगा।यह भी संभावना जताई गई है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस सिलसिले में रक्सौल पहुंच सकते हैं, ताकि,भूमि अधिग्रहण,शिलान्यास और पुनर्निमाण कार्य शीघ्र शुरू हो सके।इसको ले कर क्षेत्रीय भाजपा सांसद डा संजय जायसवाल लगातार प्रयासरत हैं।उन्होंने संसद में भी इस मामले को जोर शोर से कई बार उठाया है।
अधिकारियों ने किया सर्वे
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण नई दिल्ली मुख्यालय के उप महाप्रबंधक( स्ट्रक्चर )प्रवीण कुमार के नेतृत्व में टीम पहुंची। टीम ने रक्सौल एयरपोर्ट के रनवे को लेकर जांच की। इस दौरान प्रवीण कुमार ने बताया कि रक्सौल में अभी 1500 मीटर का रन-वे मौजूद है, इससे बड़ा रन-वे बनाया जाना है।इसको ले कर जिला प्रशासन ने पश्चिम दिशा में रन वे बनाने का प्रस्ताव दिया है।जिसको ले कर टीम रक्सौल हवाई अड्डा के पश्चिम तरफ इसको बढ़ाने की संभावनाओं का अध्ययन किया।अधिकारियों कहना है कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण चाहती है कि एक बार ही ऐसी संरचना तैयार हो जाए,ताकि,भविष्य में सामरिक और व्यवसायिक दृष्टिकोण से विस्तार की जरूरत ना हो। बड़े यात्री विमान और एयरफोर्स के विमान भी समय के अनुसार उड़ान भर सकें।इसको ले कर विभाग द्वारा डीपीआर बनाया जा रहा है।इसके बनते ही भूमि अधिग्रहण के लिए अंतिम मुहर लगेगी और अधिग्रहण पूर्ण होते ही कार्य शुरू होगा।बता दे की प्रशासन ने इसके लिए 213एकड़ प्रस्तावित भूमि का दाखिल खारिज किया है।
नदी में गहराई का किया आंकलन
एयरपोर्ट के पश्चिम में एक नेपाली पहाड़ी नदी (तिलावे) है। उस नदी के ऊपर पुल बनाना है या कल्वर्ट लगाकर रन-वे बनाया जा सकता है। नदी की धारा को मोड़ने के बारे में भी आंकलन किया गया।उप महाप्रबंधक( स्ट्रक्चर) प्रवीण कुमार ने कहा कि इसका आकलन करने हम पहुंचे है। नदी में गहराई को नजदीक से जाकर देखा गया है। अब तकनीकी जानकार एंजेसी के माध्यम से इसका अंतिम सर्वे कराएंगे।
प्रवीण कुमार के साथ दरभंगा एयरपोर्ट के प्रबंधक नीरज प्रकाश व उप महाप्रबंधक अश्विन कुमार भी मौजूद थे। जमीन के संबंध में जानकारी देने के लिए अंचल कार्यालय रक्सौल के निरीक्षक सुमित कुमार व अमीन ग्यासुदिन अंसारी मौजूद थे। टीम ने तिलावे नदी के किनारे जाकर नदी के गहराई को देखा और उसका आंकलन किया। इसके साथ रन-वे सड़क और सुरक्षा पोस्ट आदि बनाने को लेकर जमीन की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक जानकारी ली।
जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद
बताया गया कि रक्सौल एयरपोर्ट के संचालन को लेकर भारत सरकार काफी सकारात्मक है। पीएम पैकेज से रक्सौल एयरपोर्ट को अग्रिम 250 करोड़ की राशि भी मिली हुई है। ऐसे में संभावना है कि जल्द ही अब रक्सौल एयरपोर्ट के निर्माण का काम शुरू हो जायेगा।लक्ष्य है कि 2026में इसे चालू कर दिया जाए,हालाकि,आधिकारिक घोषणा बाकी है,क्योंकि,अभी अनेकों प्रक्रिया शेष है।
1962 के भारत चीन युद्ध के बाद बना रक्सौल एयरपोर्ट
रक्सौल हवाई अड्डा का कोड ICAO : VERL है।भारत के बिहार राज्य के रक्सौल में स्थित एक हवाई अड्डा है । इसकी स्थापना 1962 के चीन-भारतीय युद्ध के बाद की गई थी, जब यह भारतीय सेना के लिए आपातकालीन लैंडिंग ग्राउंड के रूप में कार्य करता था । हवाई अड्डे का स्वामित्व रखने वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ( AAI) ने ATR-72 विमानों को संभालने के लिए हवाई अड्डे को अपग्रेड करने के लिए हवाई अड्डे पर एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन किया है। अतिरिक्त 121 एकड़ भूमि की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए एक मसौदा मास्टर प्लान राज्य सरकार को प्रस्तुत किया गया है। हवाई अड्डे के विस्तार के लिए हाल ही में प्रस्ताव आए हैं।