रक्सौल।(vor desk)। इन दिनों नेपाल बॉर्डर के रास्ते चीन निर्मित ई सिग्रेट की व्यापक तस्करी जारी है। इसका भंडाफोड़ करते हुए नेपाल के परसा जिला पुलिस ने करते हुए 4करोड़ 86लाख24हजार800रुपए कीमत का ई सिगरेट(वेप) की खेप बरामद किया है।इससे तस्कर गिरोह में हड़कंप है।गुप्त सूचना पर परसा जिला के एसपी कुमोद ढूंगेल के निर्देश पर वीरगंज के वार्ड6 स्थित रेलवे रोड निवासी राम प्रसाद बैरे के मकान में दोपहर हुई छापेमारी में उक्त बरामदगी हुई है।इस मकान को बिहार के सुदामा प्रसाद नामक व्यक्ति ने किराया पर ले कर गोदाम बना रखा था।गोदाम में अधिकृत भंडारण कर रखे गए ईएलएफ बार राया डी3 25000पफस नामक ई सिगरेट बरामद हुआ।यह 76कार्टून में पैक था ,जो प्रति कार्टून 200पिस के हिसाब से कुल 12हजार500पिस पाया गया।सूत्रों के मुताबिक,यह गोदाम डांफे ट्रांसपोर्ट से जुड़ा बताया गया है,जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है।इसकी पुष्टि करते हुए परसा जिला के एसपी कुमोद ढुंगेल ने बताया कि पहले 3/4पिस ई सिगरेट वीरगंज कस्टम एरिया से बरामद हुआ।जिसके बाद जांच में मिले सुराग पर छापेमारी में उक्त सफलता मिली।उन्होंने बताया की उक्त चीनी ई सिगरेट को भारत से तस्करी कर नेपाल लाया गया था अथवा भारत के रास्ते नेपाल लाया गया था,इसकी गहन जांच की जा रही थी।फरार भारतीय नागरिक सुदामा प्रसाद की तलाश की जा रही है।
बता दे कि ई सिग्रेट के अवैध धंधे में अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरोह सक्रिय है।जो बिहार,यूपी,दिल्ली,हरियाणा,पश्चिम बंगाल,पंजाब सहित विभिन्न राज्यों में सप्लाई कर रहे है।इनका खास टारगेट यूनिवर्सिटी,कॉलेज के स्टूडेंट्स ,युवाओं के साथ स्मोक बार,होटल,रेस्टुरेंट आदि हैं, जहां इसका जबर्दस्त क्रेज और डिमांड है।
क्या है कीमत
चीन निर्मित ई सिगरेट को नेपाल से ला कर तस्कर गिरोह भारत में ढाई से चार हजार रुपए में सप्लाई करते हैं।जबकि,खुदरा रूप में प्रति ई सिगरेट छह से आठ हजार रुपए में बिक्री होने की सूचना है।
जानिए क्या है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस है। इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम डिवाइस बैटरी से चलने वाले डिवाइस होते हैं। ये शरीर में निकोटीन पहुंचाने का काम करते हैं। सामान्य सिगरेट से अलग ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं भरा जाता है। और न ही इसे पीने के लिए कहीं से जलाने की जरूरत होती है। कई ई-सिगरेट पीने पर धुआं भी नहीं निकलता। तंबाकू की जगह एक कार्ट्रिज में लिक्विड निकोटीन भरा होता है। कार्ट्रिज खत्म होने पर उसे फिर से भरा जा सकता है। सिगरेट के दूसरे सिरे पर एक एलईडी बल्ब होता है। जो कश लेने पर जलता है। इस तरह ई-सिगरेट पीने वाले लोग धुएं की जगह भाप लेते हैं। इसमें मुख्य रूप से रिचार्जेबल लिथियम बैटरी होती है। एक निकोटीन कार्ट्रिज और फिर इवेपोरेट चैंबर, जिसमें एक छोटा हीटर लगा होता है, यह हीटर बैटरी से गर्म होकर निकोटीन को भाप में बदल देता है।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)