रक्सौल।(vor desk)।इस बार रिकॉर्ड तोड गर्मी पड़ रही है।इसलिए चुनाव के समय मौसम के मिजाज के कारण वोटरों को विपरीत स्थिति से जूझना पड़ा।महिला से पुरुष तक गर्मी और धूप से परेशान दिखे।त्रासदी के बीच वोट का उत्साह कम नही हुआ।खास कर महिलाए कड़ी धूप के बीच छाता की ओट में वोट की होड़ में दिखी।पसीना से तर बतर महिलाएं अपने साड़ी के पल्लू,दुपट्टा और रूमाल से पसीना पोछने और सर ढकने की कवायद में दिखीं।यह दृश्य रक्सौल स्थित एंबेसी परिसर में बने मतदान केंद्र पर दिखी।हालाकि,ऐसा दृश्य अधिकांश बूथ पर दिखी।महिलाओं की चुनाव आयोग के प्रति नाराजगी भी झलकी।आधी अधूरी तैयारी की आलोचना हुई।पेय जल और पंडाल को ले कर खीझ दिखी।शहर के हजारी मल हाई स्कूल में आदर्श बूथ बनाया गया था,लेकिन, वहां लगा एयर टाइट पंडाल वोटरों के लिए गुस्से की वजह थी,क्योंकि,पंडाल उमस बढ़ा रही थी।पंखे लगे थे,लेकिन,उसका कोई फायदा नही मिल रहा था।वोटर से ले कर मतदान कर्मी तक परेशान दिखे।एक महिला गायत्रि देवी ने शिकायत किया कि चुनाव आयोग को फरवरी मार्च में ही चुनाव करा लेना चाहिए था।नही तो व्यवस्था ऐसी रहनी चाहिए कि वोटर आराम से वोट दे सकें।इस बूथ पर सेल्फी स्टैंड लगा था,लेकिन,गर्मी और उमस के कारण उत्साह फीका था।वोटर वोट दे कर किसी तरह भागने की फिराक में दिख रहे थे।
बुर्के में वोट की होड़
रक्सौल के मतदान केंद्रों पर वोट देने के लिए महिलाएं आगे दिखी।नई नवेली दुल्हन से बुजुर्ग तक वोट देने पहुंची।बुर्के में मुस्लिम महिलाए भी वोट देने में पीछे नहीं थी।बुर्का में रक्सौल नगर के बूथ संख्या 31पर वोट देने पहुंची अहिरवा टोला की अंगूरी खातून,सबीरा खातून,आसमा खातून ने बताया कि जिम्मेवार नागरिक होने के नाते वोट डालना हमारा फर्ज है।मुल्क में अमन चैन और खुशहाली के लिए वोट करना जरूरी है।
व्यापारियों ने दिखाया उत्साह ,बंद रही शहर की दुकानें
रक्सौल,एक संवाददाता।आम नागरिकों के साथ शहर के व्यापारियों ने भी लोक तंत्र के पर्व के प्रति उत्साह दिखाया।मतदान में हिस्सा लेने का उत्साह ऐसा था कि इक्का दुक्का छोड़ कर शहर की प्रायः सभी दुकानें बंद रही।यूं कहिए कि बाजार बंद रहा। यहां तक की सवारी परिचालन भी नगण्य रहा।
इंडो नेपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता और कपड़ा व्यवसाई संघ के अध्यक्ष दिनेश धानोठिया ने बताया कि व्यापारी भी लोक तंत्र के मजबूती के लिए समर्पित हैं।इसी वजह से मतदान में उनकी सक्रियता दिखी।व्यापारिक संगठनो के आह्वान पर व्यापारियों ने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को बंद कर परिवार के साथ लोक तंत्र के महा पर्व में हिस्सा लिया।
सुरक्षा कर्मी थे निश्चिंत,याद आ रहे थे टी एन शेषण और के जे राव
रक्सौल।सीमावर्ती रक्सौल में शांति पूर्ण और भयमुक्त वातावरण में चुनाव संपन्न हो गया।सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।मतदान केंद्रों पर अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई थी।लेकिन,इस बार सुरक्षा कर्मी निश्चिंत दिख रहे थे,क्योंकि,उनके समक्ष कोई खास चुनौती नही थी।वे सहयोगी और दोस्ताना भूमिका में दिख रहे थे।इस माहौल से शहर और ग्रामीण क्षेत्र के वोटर भी खुश दिखे।आम चर्चा में पूर्व चुनाव आयुक्त टी एन शेष्ण और केजे राव याद किए गए। रक्सौल प्रखंड के पूर्व प्रमुख संतोष कुमार उर्फ पप्पू ने कहा कि बूथ लूटने के दिन लद गए।डिजिटल वोटिंग यानी ईविएम सिस्टम ने भी काफी सुरक्षित किया है,जिसमे बूथ पर धांधली संभव नही।यह सकारात्मक माहौल यूं ही नहीं बना है।चुनाव आयोग से ले कर सरकार तक की भूमिका है।नागरिक भी सजग हो गए है। डी एस पी धीरेंद्र कुमार ने दावा किया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर पुख्ता तैयारी की गई थी।प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रही।