प्रारंभिक पढ़ाई शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय एस ए वी विद्यालय से की और अब मिली यह सफलता
रक्सौल।(vor desk)।अगर मन में जज्बा हो और कुछ कर गुजरने का हौसला, लगन और ईमानदारी हो तो किसी भी मंजिल को हासिल किया जा सकता है।इसको चरितार्थ कर दिखाया है रक्सौल निवासी बिशेष राज ने। बिशेष ने जिला सहित रक्सौल का भी मान सम्मान बढ़ाया है। बिशेष के पिता सुनील कुमार भगत, पटना में ही टिफिन का व्यवसाय करते है। बिशेष का इस परीक्षा में सफलता के बाद हौसला बुलंद है। बिशेष देश की प्रतिष्ठित एजेंसी एन टी ए अर्थात नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा ली जाने वाली जेईई मेंस की परीक्षा में 98.5 परसेंटाइल के साथ उत्तीर्ण किया है और जिले के मान को बढ़ाया है। बिशेष ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई शहर के एस. ए. वी. विद्यालय से की। अब उसने इस मुकाम को हासिल किया है। उसके इस उपलब्धि पर एस. ए. वी. विद्यालय के प्राचार्य साइमन रेक्स सहित शिक्षक विक्टर डेका, मनदीप कुमार, कुंदन कुमार, रामभरोष कुमार, इंद्रजीत कुमार, अतुल सर्राफ, कृष्णा कुमार इत्यादि ने बढ़ाई दी और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
पिता के जज्बे को सलाम कर रहे लोग
पिता सुनील कुमार भगत रक्सौल के नागा रोड ,बाबा मठिया के निवासी हैं।वे यहां किसी तरह रोजी रोटी जुटा कर बेटे को पढ़ा रहे थे।विशेष मैट्रिक परीक्षा में 97प्रतिशत मार्क्स हासिल कर सफलता पाई।तब पिता ने ठान लिया कि बेटे को मुकाम दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।उन्होंने रक्सौल छोड़ कर पटना को ठिकाना बना लिया।बेटे को पढ़ाने के साथ ही वहां टिफिन व्यवसाय करने लगे। दफ्तर दफ्तर खाना पैक कर टिफिन पहुंचाते थे।अब जब सफलता मिली,तो,उनके आंखो से आसू छलक आये।हालाकि,अभी संघर्ष के दिन खत्म नहीं हुए हैं।लेकिन,उन्होंने भी हिम्मत नही हारी है।उनका कहना है कि जब तक बेटा मुकाम नही पा लेता,मेरा भी संघर्ष जारी रहेगा।
क्या है एन. टी. ए.
एन. टी. ए. का पूरा नाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी है जो देश के राष्ट्रीय स्तर के परीक्षाओं का आयोजन करती है। इसके द्वारा देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश एवं फेलोशिप के परीक्षाओं का आयोजन कराया जाता है। इसका निर्माण मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा किया गया है। इसका प्रमुख उद्देश्य शिक्षा व्यवसाय में बड़े पैमाने पर सुधार करना है।