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रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल वीरगंज मैत्री पुल पर पिछले करीब छह माह से कायम एस एस बी चेक पोस्ट को हटा लिया गया है।सोमवार को दिन के 12 बजे से एस एस बी ने वहां लगे तंबू और जवानों को हटा दिया है।तीसरे देशों के नागरिकों और सीमा सुरक्षा के दृष्टि कोण से यह चेक पोस्ट 20सितंबर 2023को स्थापित किया गया था। एस एस बी के केन्द्रीय सर्कुलर के तहत मैत्री पुल पर कायम इस इस एस एस बी पोस्ट के बाद जहां जांच और चौकसी बढ़ी थी और चीनी नागरिकों के पकड़े जाने समेत कई सफलताएं मिली थी,वहीं,दूसरी ओर गहन जांच के साथ ही एस एस बी की कार्यशैली के कारण नागरिकों की मुश्किलों और जाम की समस्या से दोनो ओर व्यापार पर हो रहे असर को देखते हुए इस मैत्री पुल से हटाने की मांग हो रही थी।इस बीच,सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय के ताजा निर्णय और निर्देश के बाद अचानक से इस कैंप को हटा लिया गया है।इससे सीमा क्षेत्र के नागरिकों और व्यापारियों ने राहत की सांस ली है।
एस एस बी 47वीं बटालियन के उच्चाधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मैत्री पुल से पोस्ट को फिलहाल हटा लिया गया है।जाम और नागरिकों की परेशानी को देखते हुए इसे हटाया गया है।यदि भविष्य में आवश्यकता महसूस हुई,तो,फिर से इस पोस्ट को कायम किया जा सकता है।
इधर, रक्सौल मुख्य पथ पर ट्रांसपोर्ट कोलनी चौक स्थित एस एस बी के फिक्सिंग चेक पोस्ट को भी हटा लिया गया है,जो,पिछले6वर्ष से कायम था।
एस एस बी के एच यू टी के इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने स्वीकार किया है सोमवार से उच्चस्तरीय निर्देश पर पोस्ट को मैत्री पुल से हटा लिया गया है।उन्होंने बताया कि दोनो देशों के जनता के बीच बेटी रोटी संबंध के मद्देनजर यह निर्णय हुआ है ।जरूरत पड़ने पर दुबारा इसे स्थापित भी किया जा सकता है।
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इधर,सूत्रों ने बताया कि,मैत्री पुल पर कायम एस एस बी पोस्ट को ले कर सीमा क्षेत्र के नागरिकों की शिकायत और जाम की समस्या को ले कर हाई लेवल पहल के बाद इसे हटा लिया गया। वीरगंज स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास के समन्वय से यह संभव हुआ।इंडो नेपाल बॉर्डर मीटिंग में भी इस मसले को उठाया गया था।वीरगंज आए भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव से भी वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ के प्रतिनिधियों ने भी शिकायत करते हुए हटाने की मांग की थी।दोनो ओर के जनप्रतिनिधियों और व्यापारिक संस्थाओं ने भी इस पर ध्यानाकर्षण कराया था।यहां तक कि रक्सौल दौरे के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के समक्ष भी इस मामले को उठाया गया था,जिसमे उन्होंने उचित पहल का आश्वासन दिया था।
इस बीच,सीमा क्षेत्र के नागरिकों से बढ़ते दुर्व्यवहार के कारण जन स्तर संबंध के प्रभावित होने की बात सामने आने लगी।लगातार शिकायत के बाद यह मामला गर्म हो गया था और इस पोस्ट को हटाने की मांग जोर पकड़ गया था।
पिछले दिनों एक मैत्री पुल पर एक बोरा चावल ले कर रक्सौल से वीरगंज लौट रहे वीरगंज के छपकैया निवासी बलीराम साह सोनार के साथ दुर्व्यवहार और सर फूटने के विडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया।वीरगंज स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास ने रिपोर्ट भेजी,जिसके बाद भारत सरकार ने जांच बिठा दी।
इसके बाद दिल्ली से आए एसएसबी के डी आई जी सुरेश सुब्रह्मण्यम ने बीते शनिवार और रविवार को पहुंच कर स्थलीय जांच की ।निरीक्षण के क्रम में स्थानीय लोगों से जानकारी ली।परसा जिला के सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से भी वार्ता हुई।सभी पक्षों से बात और हालत समझने के बाद पोस्ट को हटाने का निष्कर्ष सामने आया है।
पुरे प्रकरण पर वीरगंज स्थित भारतीय महा वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि सीमा क्षेत्र के नागरिकों की भावना और दिक्कतों को देखते हुए दूतावास की पहल से यह पोस्ट हटा लिया गया है।
ग्रीन सिटी सामुदायिक संस्था (वीरगंज) के अध्यक्ष जय प्रकाश खेतान ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सोमवार को12,बजे दिन से पोस्ट को हटाया गया है।उन्होंने कहा कि हम लगातार मांग कर रहे थे,जो पूरी हुई।हमने इस एस बी के अधिकारियों से स्पष्ट रुप से इस पोस्ट को हटाने का अनुरोध किया था।इस पोस्ट से रक्सौल बाजार से खरीद कर लौटने वाले नेपाली नागरिक ज्यादा परेशान होते थे।अनाहक दुख देने और शारीरिक रूप से दुर्व्यवहार की शिकायत आम थी।
इधर,इस पोस्ट को हटाने का स्वागत करते हुए इंडो नेपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राज कुमार गुप्ता ने कहा कि यह अच्छी पहल है।सीमा क्षेत्र के नागरिक बेवजह परेशान हो रहे थे।मैत्री पुल की चौड़ाई कम है और इस पर जांच से जाम भी लगती थी।व्यापार पर भी असर हो रहा था।
वहीं,टेक्सटाइल्स चेंबर ऑफ कॉमर्स के संरक्षक शिव पूजन प्रसाद,महा सचिव विमल रुंगटा और कपड़ा व्यवसाई संघ के अध्यक्ष दिनेश धनोठिया ने कहा है की होली के मौके पर यह कदम स्वागत योग्य है।बोर्डर के दोनो ओर नागरिकों की सुविधा और आसान आवाजाही का ख्याल सुरक्षा एजेंसियों को रखा जाना चाहिए।भारत नेपाल के बीच जन स्तर और मैत्री संबंध है।सुरक्षा एजेंसियों को यह बात समझनी होगी।खास कर बॉर्डर पर कायम सिक्स लेयर सुरक्षा पर विचार करना चाहिए।निगरानी और जांच हो ,लेकिन,तंग करना और व्यापार में बाधक होने से जन स्तर रिश्ते प्रभावित होंगे।(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)