Wednesday, November 27

जीएसटी चोरी को मामले को ले कर रक्सौल के दर्जन भर फॉर्म पर डीजीजीआई का छापेमारी,कारोबारियों में खलबली,जांच और कारवाई जारी!

रक्सौल।(vor desk)। जीएसटी इंटेलिजेंस महा निर्देशालय (डीजीजीआई) की टीम ने रविवार की सुबह रक्सौल में अचानक धावा बोला,जिससे हड़कंप मच गया।टीम ने बिहार नेपाल में कारोबार करने वाले कपड़ा व्यापारी रामाशंकर प्रसाद सहित विभिन्न व्यापारियों के फॉर्म पर छापेमारी की।अहले सुबह रामा शंकर प्रसाद के यहां छापेमारी हुई।हालाकि,वे सूचना मिलते ही भूगिगत हो गए।टीम देर रात उनके विभिन्न ठिकानों पर छापा और जांच में जुटी हुई है।इस दौरान हाड़ी बाजार स्थित मकान और पास के दफ्तर,भरतीया कोलनी स्थित गोदाम,नागा रोड स्थित घर ,आश्रम रोड,मुख्य पथ, मिरचा पट्टी,बैंक रोड आदि घरों को भी खंगाला गया।सूचना मिली की घर में करोड़ो रुपए के साथ कागजात, जमीन के दस्तावेज,पास बुक,ज्वेलरी आदि बरामद हुई,लेकिन,इसकी आधिकारिक पुष्टि नही हो सकी है।जांच में उनके द्वारा कई फॉर्म संचालित होने की बात भी सामने आ रही है,जिसकी जांच हो रही है।टीम देर रात्रि तक कैंप करती रही।हालाकि,कोई अधिकारी इस बारे में कुछ बताने से परहेज कर रहे थे।घर,दफ्तर में लगातार जांच की प्रक्रिया जारी रही।इसके साथ ही शहर में संचालित करीब 10फॉर्म पर छापेमारी की गई है।इस दौरान बड़ी संख्या में जी एस टी चोरी का मामला सामने आया।सूचना के मुताबिक,अब तक 28करोड़ रुपए से अधिक की कर चोरी मिली है।जिन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में छापेमारी की गई है,उसमे मेसर्स श्री गणेश ट्रेडिंग,श्री लक्ष्मी ट्रेडिंग,श्री श्याम ट्रेडिंग,श्री राधे श्याम ट्रेडिंग समेत अन्य शामिल हैं।ये सभी व्यापारी रेडीमेड ,कपड़ो के कारोबार से जुड़े हुए हैं।ये व्यापारी नियम के खिलाफ कपड़े की बिलिंग सिर्फ कच्ची पर्ची पर करवा कर दूसरे राज्यों से माल मंगा रहे हैं और बिना बिल पर्ची के ही इन सामानों को स्थानीय बाजार में बेच रहे हैं।बिना कच्ची पर्ची के इन समान को मंगा कर इन्होंने सीधे तौर पर 5 प्रतिशत जी एस टी की चोरी की और इन माल को बिना उचित बिल के बेचकर भी टैक्स की चोरी कर ली।सूचना है कि काफी माल को अवैध तरीके से नेपाल भेज दिया गया।सूचना है कि रक्सौल में बड़ी संख्या में फर्जी फॉर्म।संचालन में है।एक एक व्यापारियों ने कई कई फार्म खोल रखा है।जो अपने करीबियों के नाम पर है।इस आड़ में जम कर सरकार को चुना लगाया जा रहा है।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान उक्त सभी के ठिकानों से छापेमारी के दौरान फर्जी जीएसटी रिटर्न से जुड़े कागजात के अलावा लैपटॉप,पेन ड्राइव,डायरी,कच्चा हिसाब लिखे पंजी, डायरी,के साथ ही फर्जी निर्यात से जुड़े कागजात भी बड़ी मात्रा में बरामद किए गए हैं।इससे यह साफ प्रतीत होता है की इन्होंने बिना बिल के इन सामानों को नेपाल निर्यात किया था और सरकार से धोखा घड़ी करके आई जीएसटी रिफंड का अनुचित लाभ ले लिया ।इस आधार पर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ भी ले लिया है।इसमें भी लाखो रुपए की टैक्स चोरी की भी बात सामने आई है।कुछ मामलों में नकली चालान से जुड़े कागजात भी मिले हैं।फिलहाल अभी जब्त दस्तवेजो के जांच चल रहे हैं।इसके बाद ही टैक्स चोरी से जुड़ी पूरी जानकारी सामने आएगी और करवाई बढ़ेगी।
इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के गोदामों की जांच में यह बात सामने आई है कि इन्होंने जितना माल इसके अंदर जमा कर रखा था,उसके आधार पर पंजी में इंट्री सही नही थी। न बिल ही उसके हिसाब से मौजूद था।कई माल के बड़ी संख्या में फर्जी बिल भी मिले हैं।कच्चे में काफी संख्या में लेन देन का हिसाब लिखा था। सूरत,मेरठ,कोलकात्ता,लुधियाना से बड़ी संख्या में बिना बिल के रेडीमेड कपड़ो ,कपड़ो को मंगवा कर सीधे तौर पर जीएसटी की चोरी की गई है।अधिकारियो ने बताया कि इससे संबंधित दस्तावेज की अलग से जांच होगी।

टीम में आईटी और ईडी के भी शामिल होने की चर्चा:

टीम में इनकम टैक्स और ईडी के भी अधिकारियो के शामिल होने की चर्चा रही।सबसे पहले यही बात शहर में फैली थी, जिससे कई कारोबारी भूमिगत हो गए थे, आस पास अधिकांश बड़ी दुकानें विलंब से खुली।जिस तरह टीम ने जगह जगह छापेमारी की और नामी बेनामी प्रॉपर्टी,ठिकाने की तफ्तीश की ,वह बड़ी करवाई का संकेत दे रहा था।खुद रामाशंकर प्रसाद ने स्वीकार किया कि आयकर और जीएसटी की दोनो टीम थी।

(रिपोर्ट:पीके गुप्ता)

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