Sunday, November 24

एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने किया रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण,महिला शौचालय में ताला बंद रहने पर लगाई फटकार!

रक्सौल।(vor desk)। नव पदस्थापित एसडीओ शिवाक्षी दीक्षित ने रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया।दोपहर काल उन्होंने पहुंच कर लेबर रूम,टीकाकरण कक्ष, एसआईसीटीसी केंद्र, परिवार नियोजन कार्यालय,इमरजेंसी वार्ड,जीविका दीदी की रसोई ,अस्पताल के विभिन्न कक्ष में लगे बेड आदि का निरीक्षण किया।उन्होंने चिकित्सको और स्वास्थ्य कर्मियो के एटेंडेंस रजिस्टर की भी जांच की।

ओपीडी में पहुंच कर मरीजों से हो रही दिक्कत के बारे में पूछा और सवाल किया कि क्या इलाज के लिए पैसे लिए जाते हैं?जिसका ज़बाब ना में मिला।

दवाखाना में भव्य पोर्टल के तहत दवाओं की ऑन लाइन इंट्री की जानकारी ली।दवा की उपलब्धता के बारे में पूछा।इस दौरान उन्होंने दवा खाना के सामने परिसर स्थित महिला शौचालय में ताला बंद रहने पर नाराजगी जताई और डांट पिलाई।इस पर तुरंत ताला खुलवाया गया।निर्देशित किया कि साफ सफाई की स्थिति को चुस्त दुरुस्त करें। रोस्टर वाइज सफाई कर्मियों की हाजिरी बनाने का निर्देश दिया।लैब में उपकरण की स्थिति के अवलोकन के साथ ही टीम द्वारा वायरल लोड जांच और रूटीन जांच की जानकारी ली।

इस बीच अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार के साथ उनके कक्ष में अस्पताल प्रबंधक आशीष कुमार,यूनिसेफ के बीएम सी अनिल कुमार,मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक जय प्रकाश कुमार,बीसीएम सुमित सिन्हा,
डा अजय कुमार,मुराद आलम,रिजवाना खुर्शीद,प्रिया साह,विजय कुमार,नसीम, जीएन एम राज नंदिनी सिंह ,गायत्री देवी समेत अन्य चिकित्सको ,स्वाथ्य कर्मियो से अस्पताल के बारे में जानकारी जुटाई और अवाश्यक निर्देश दिया। कहा कि अस्पताल में उपलब्ध जांच, दवा ,इलाज आदि प्रदत की जा रही सेवाओं का डिस्प्ले करे,ताकि,मरीजों को आसानी हो।उन्होंने अस्पताल में ई एन टी,आई समेत अन्य स्पेशलिस्ट चिकित्सको की कमी से अवगत होने के बाद कहा कि यह मॉडल अस्पताल है।इसमें रख रखाव और इलाज बेहतर होनी चाहिए।उन्होंने निर्देशित किया कि ड्यूटी पर मौजूद रहे ताकि,मरीजों को कोई दिक्कत ना हो।पूछने पर बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर बुधवारीय जांच में स्थिति सामान्य मिली।आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

जाने से पहले आई ए एस रैंक की अधिकारी सह एस डी ओ शिवाक्षी ने अस्पताल के पीछे के हिस्से का भी निरीक्षण किया। जहां बाउंड्री नही होने से असुरक्षित माहौल को देखा और पूछ ताछ कर हालत की जानकारी ली। न्शेडियो की जमघट और असामाजिक तत्वों के आवाजाही से उत्पन्न खतरे से अवगत होने के बाद बाउंड्री कराने और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए।

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