रक्सौल।(vor desk)। रक्सौल के केसीटिसी कॉलेज में पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।कॉलेज शैक्षणिक माहौल की जगह सुन सान दिखता है।।कॉलेज में कुछ शिक्षक और छात्र छात्राएं आते हैं,तो,दोनो ही हाजरी बनाने के लिए ही पहुंचते हैं।यह हाल निरीक्षण के दौरान बुधवार को दिखा।इसका दृश्य जांच करने आई टीम के फोटोज को देख कर सामने आ जाता है।इस निरीक्षण से यह तस्वीर उभरती है कि भारी भरकम रकम खर्च कर खानापूर्ति से अच्छा है कि इसे बन्द ही कर दिया जाता।यह हम नही कह रहे,बल्कि,फोटोज सामने आने के बाद शहर के शिक्षा विद और सामाजिक कार्यकर्ता कह रहे हैं।निरीक्षण के फोटोज ने बिहार में उच्च शिक्षा का असली नजारा पेश किया है।यहां के शिक्षक पढ़ाई के कारण कम अपनी करतूतों के कारण ज्यादा चर्चित हैं।
फिलहाल,बीआरए बिहार विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त एसएनएस कॉलेज, मोतिहारी के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) प्रदीप कुमार द्वारा आज स्थानीय केसीटीसी कॉलेज का निरीक्षण कर विश्वविद्यालय को रिपोर्ट भेज दिया गया है।हालाकि,उन्होंने क्या रिपोर्ट दी है,इसका खुलासा यूनिवर्सिटी को सौपे गए रिपोर्ट से ही खुलासा होगा।
वैसे,इस क्रम में टीम ने छात्र एवं शिक्षकों की उपस्थिति पंजी, आयव्यय का लेखा जोखा एवं कॉलेज भवन का निरीक्षण किया। डॉ. कुमार ने बताया कि कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त पड़े फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और उर्दू के शिक्षकों की नियुक्ति, रसीद काउंटर पर कंप्यूटर की व्यवस्था, कार्यालय भवन के रेनोवेशन और कॉलेज के मूल भवन के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कॉलेज के भौतिक पूर्वाधार को विकसित किये जाने के साथ साथ पठन पाठन के वातावरण को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए इन सभी विन्दुओं को विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाने की बात कही।इस निरीक्षण कार्य में प्रो. (डॉ.) स्वयंभू शलभ विशेष रूप से मौजूद रहे।
इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) जयनारायण प्रसाद, डॉ. रामाशंकर प्रसाद, डॉ. जिच्छु पासवान, प्रो. सैफुल्लाह, प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव, अकाउंटेंट कुमार अमित आदि उपस्थित थे।