रक्सौल।(vor desk)।रक्सौल नगरीय क्षेत्र पर लगता है किसी की नजर लग गई है।ताजातरीन मामले में शहर की हृदयस्थली में स्थित राजकीय कस्तूरबा+2 माध्यमिक विद्यालय का है,जिसके एचएम की लापरवाही से एक हजार नौनिहालों का भविष्य दांव पर लग गया है।वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो इस वर्ष 2024 में होनेवाली मैट्रिक और इंटर की परीक्षा से करीब एक हजार बालिकाएं वंचित हो जाएंगी।इस मामले का खुलासा होने से पहले एचएम अजय कुमार श्रीवास्तव ने मनोकामना साइबर के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए साइबर संचालक राजेश आर्य व उनके पुत्र अभिषेक आर्य को अपने गिरफ्त में लेकर आवश्यक तफ्तीश कर रही है।इस खबर के प्रकाश में आने के बाद पीड़ित छात्राओं के बीच अफरा तफरी मच सकती है।इधर,लोगों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं।इस प्रयास के बीच एक ऐसा मामला सामने आया है,जिससे सुन कर आपके पैरों तले जमीन खिसक जायेंगे।यह मामला बिहार के पूर्वी चंपारण के रक्सौल स्थित कस्तूरबा बालिका+ 2विधालय का है। जहां के मैट्रिक और इंटर के 753 छात्राओं ने अपना परीक्षा फॉर्म भर दिया।इसकी तैयारी शुरू कर दी कि अगले वर्ष 2024 में परीक्षा में बैठेंगे।लेकिन,यहां कुछ और ही गुल खिल गया।ना तो उनका परीक्षा शुल्क जमा हुआ,ना उनका फॉर्म भरा गया।
ऐसे में उनका भविष्य तो अधर में लटक ही गया है,उनकी परीक्षा फॉर्म भरने की राशि भी गबन हो गई है।जिसके बाद शिक्षा विभाग में भूचाल है।
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद हुआ मामले का खुलासा
इस मामले में रक्सौल थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।जिसमे रक्सौल के राम जानकी मंदिर रोड स्थित मनोकामना साइबर कैफे के संचालक के खिलाफ आरोप लगाया गया है ऑन लाइन फॉर्म और रजिस्ट्रेशन के लिए उसे पैसे दिए गए थे।लेकिन,उसने अमानत में ख्यानत करते हुए ना फॉर्म भरा ना पैसा जमा किया।स्कूल प्रबंधन का कहना है कि विधालय में कंप्यूटर ना होने के कारण मनोकामना साइबर कैफे में यह ऑन लाइन फॉर्म भराने का कार्य पिछले 10/12वर्षों से किया जाता था, कभी कोई गड़बड़ी नही हुई।लेकिन,इस बार पैसा भी रख लिया और फार्म भी नही भरा गया।
11लाख रुपए से ज्यादा का गबन
दर्ज प्राथमिकी में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक अजय कुमार ने मनोकामना साइबर कैफे के संचालक पर यह आरोप लगाया है कि 2023 के दशम वर्ग के नियमित एवं पूर्व वर्ती 743 छात्राओं के ऑन लाइन फॉर्म भरने के लिए 6लाख52हजार 298रुपए एवं वर्ग 12वीं के 210 छात्राओं के फार्म के 2लाख57 हजार500 तथा नवम वर्ग के 643 छात्राओं के पंजीकरण का 2लाख 5हजार760रुपए यानी कुल 11लाख15हजार558रुपए गबन कर लिया है।यह रुपए 4सितम्बर से 28सितंबर 2023तक के बीच शहर के राम जानकी मंदिर रोड स्थित मनोकामना साइबर कैफे के संचालक अविनाश कुमार आर्य,अभिषेक कुमार आर्य एवं उनके पिता राजेश कुमार आर्य (निवासी :पुराना एक्सचेंज रोड , मौजे (रक्सौल) को प्रधानाध्यापक कार्यालय के द्वारा नकद रूप में लिया गया है।
दो हुए गिरफ्तार
इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद राजेश कुमार आर्य और उनके पुत्र अभिषेक कुमार आर्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।इसकी जानकारी देते हुए रक्सौल थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि मामले में थाना कांड संख्या 541/23 भादवी 420/406/120-34 के तहत मामला दर्ज कर दोनो को गिरफ्तार कर अग्रतर करवाई शुरू कर दी गई है।वहीं,फरार अविनाश की तलाश की जा रही है।
परीक्षा फॉर्म भरने की अंतिम तिथि बीतने के बाद खुलासा
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने फार्म भरने की अंतिम तिथि 11नवंबर 2023 तय की थी।प्रधानाध्यापक का कहना है कि 12 नवंबर को उन्हे इस धोखा घड़ी की जानकारी हुई।इस पूरे मामले में छात्राओं के भविष्य पर अनिश्चय की छाया पड़ने के साथ ही शैक्षणिक वर्ष और सत्र खराब होने का संकट है।वहीं,परीक्षा शुल्क का भी चुना लग गया है क्योंकि राशि गबन हो चुकी है।यह सवाल भी उठ रहा है कि परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि खत्म होने के बाद लेट फाइन के साथ भी फॉर्म जमा होता है।ऐसे में विधालय प्रबंधन भी सवालों के घेरे में है कि आखिर इतने दिन चुप्पी क्यों रही? छात्राओं के भविष्य के प्रति इतनी बड़ी लापरवाही क्यों और कैसे हुई?अब उनका क्या होगा?विधालय प्रबंधन ने परीक्षा समिति से फॉर्म भरे जाने या रजिस्ट्रेशन के मामले में त्वरित तौर पर तसदीक क्यों नही की?उधर परीक्षा समिति ने फार्म जमा न होने पर संज्ञान क्यों नही लिया?
परीक्षा नियंत्रक से गुहार की दुहाई
प्रधानाध्यापक अजय कुमार का कहना है कि इस मामले की जानकारी के बाद बिहार विधालय परीक्षा समिति के नियंत्रक उच्च माध्यमिक पटना को 15नवंबर को पत्र लिख कर परीक्षा की तिथि बढ़ाने का आग्रह किया गया है।जिसका कोई जबाब नही आया है।इसके लिए आवश्यक पहल और प्रयास जारी है ।वहीं,पिता पुत्रों ने सरकार को फॉर्म का जमा होने वाले राशि का गबन कर छात्राओं का भविष्य अधर में लटका दिया है।बाद में इन्होंने गलती भी स्वीकारी है।एक गैर न्यायिक स्टांप पर लिखित और हस्ताक्षर बना कर 30नवंबर तक राशि वापस लौटाने का करार किया,लेकिन,अब वे छल और धोखा घड़ी पर उतर आए।जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करानी पड़ी है।
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि कांड दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।पिता पुत्र हिरासत में लिए गए हैं।फरार अविनाश की तालाश जारी है।दोषियों के विरुद्ध कड़ी करवाई होगी।
क्या कहते है जिला शिक्षा अधीक्षक
पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा अधीक्षक (डी ई ओ)संजय कुमार ने बताया कि सूचना मिली है।प्रधानाध्यापक ने बताया है कि बोर्ड से परीक्षा फॉर्म स्वीकार करने और तिथि बढ़ाने का आग्रह किया गया है।उन्होंने कहा कि इस मामले में बरती गई लापरवाही की जांच कर इसके विरुद्ध करवाई की जायेगी।