रक्सौल।(vor desk)।भारत विविधताओं का एक लोकतांत्रिक देश है।इस देश में विविध जाति,धर्म,संप्रदाय,क्षेत्र और लिंग के लोग रहते है,जिनकी अलग अलग भाषा,बोली,रंग,धर्म और धार्मिक ग्रंथ हो सकता है लेकिन हमारा राष्ट्रीय ग्रंथ भारतीय संविधान ही मुक्कमल है।इसके अधीन हम अपने कर्तव्यों व अधिकारों को सुनिश्चित करते है।उक्त बातें संविधान दिवस के मौके पर रविवार को अम्बेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम ने कही।उन्होंने इस मौके पर संविधान के प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया तथा इसमें निहित अधिकार और कर्तव्यों के बारे में विशद चर्चा करते हुए नशामुक्त–शिक्षायुक्त समाज की स्थापना के लिए कार्य करने का शपथ दिलाया।
यह कार्यक्रम अम्बेडकर ज्ञान मंच के तत्वावधान व मंच के अनुमंडल अध्यक्ष प्रकाश पासवान की अध्यक्षता में आहूत हुई।इस मौके पर शहर के प्रधान पथ स्थित अंबेडकर चौक पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी गई।वही,मंच के दीपक अग्निरथ ने संविधान के मूल भावना से स्कूली छात्रों को अवगत कराने तथा सरकार से प्रत्येक नागरिकों को संविधान की मूल प्रति निशुल्क मुहैया कराने की अपील की गई।
इस मौके पर मंच के कोषाध्यक्ष श्रेयांश कुमार उर्फ बिट्टू गुप्ता, भाग्य नारायण साह,अनुज कुमार,अर्जुनदेव पासवान,ताराचंद राम,सोहन राम,चंद्रकिशोर पाल,राजद के वरीय नेता रामबाबू यादव,प्रमुख समाजसेवी मो.नुरुल्लाह खान, डा मुराद आलम,शशांक शेखर, कमलेश कुमार,सुनील कुशवाहा,मो.सैफुल्लाह ,उमेश कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।