रक्सौल ।(vor desk )। उग हो सूरज देव,भेल भिनसरवा,अरघ केरे बेरवा,पूजन केरे बेरवा हो ..!इस सुमधुर गीत के बीच सूर्योदय होते ही रक्सौल में छठ व्रतियों ने सूर्य देव को श्रद्धा पूर्वक अर्घ्य अर्पित कर पूजन किया।
उसके बाद पारण कर व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण किया।इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत खत्म हुआ।इस तरह लोक आस्था के महापर्व कार्तिकी छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान सोमवार को संपन्न हो गया।
इस बीच उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद घाट पर ही छठ व्रतियों ने सुहागिन महिलाओं को सिंदूर लगा कर उनके सौभाग्यवती होने की कामना की।साथ ही एक दूसरे को प्रसाद दिया।छठ पूजा को लेकर शहर के सबसे प्राचीन आश्रम रोड स्थित छठिया घाट,कस्टम चेक पोस्ट घाट,तुमड़िया टोला स्थित भकुआ ब्रह्म बाबा घाट,शिव हनुमान मंदिर घाट, कोइरीया टोला स्थित त्रिलोकी नगर घाट,सभ्यता नगर घाट, कौड़िहार चौक घाट,नागा रोड स्थित बाबा मठिया घाट, सूर्य मंदिर स्थित सूर्य मंदिर घाट, सहित कुल15 छोटे बड़े छठ घाट पर भक्तों ने रविवार को सझिया घाट और सोमवार को भोरवा घाट पर उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया।अहले सुबह से लोग घाट पर पहुंचने लगे थे़ । मन्नत पूरी होने पर कोसी की पूजा भी की गई।छठ घाट पर सुमधुर छठ गीत के बीच पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना की गईं ।
मौके पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बल के जवान तैनात थे।एसडीओ रवि कांत सिन्हा, एसडीपीओ धीरज कुमार,इंस्पेक्टर नीरज कुमार आदि सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करते दिखे।उन्होंने संयुक्त रूप से छठ घाट का निरीक्षण भी किया और श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।
सुमधुर गीत के बीच हुई पूजा,दंड देते श्रद्धालु
इस महापर्व के मौके पर श्रद्धालु दंडवत प्रणाम करते छठ घाट पर पहुंचे। मन्नत पूरी होने पर सड़क पर लोट कर दंड देते श्रद्धालु देखे गए।वहीं,कोसी पूजा के साथ ही दउड़ा ले कर जाते वक्त गाजे बाजे के साथ श्रद्धालु घाट पर आते जाते दिखे।’कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए भरिया जे हउवे कौन भरिया बहंगी घाटे पहुंचाय बाट ही पूछेला बटोहिया ई बहंगी केकरा के जाय’ आदि छठी मईया के गीतों से शहर भक्तिमय वातावरण में डूब गया। घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा।
रेलवे ट्रैक पर निगरानी:छठ पूजा खत्म होने तक आश्रम रोड छठ घाट पर रेलवे ट्रैक की निगरानी में आरपीएफ के जवान सक्रिय रहे।दूसरी तरफ,इस अवसर पर घाट की सुरक्षा का मुकम्मल प्रबंध था।
शहर के सभी घाटों में सबसे बड़ा और संवेदनशील आश्रम रोड घाट पर प्रशासन का पड़ाव स्थल था। चुकि उक्त घाट से सटे रेलवे लाइन होने के कारण रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे लोगों की भीड़ लगी थी। इस दौरान ट्रेन हादसा या कोई अन्य हादसा नही हो।इसके लिए विशेष चौकसी रखी गई।आश्रम रोड छठिया घाट पूजा कमिटी के द्वारा समय समय पर माइकिंग कर लोगो को सतर्क भी किया जाता रहा।
घाट पर मेडिकल टीम:रक्सौल के विभिन्न छठ घाट पर प्रशासन व विभाग के निर्देश पर मेडिकल टीम तैनात की गई थी।टीम में डॉ डॉ मुराद आलम,डॉ आफताब आलम, फर्मासिष्ट अली इरफान,
जी एन एम सूफिया ,जी एन एम फिरदौस आदि सक्रिय रहे।हालांकि, कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।इधर,छठ घाट और बॉर्डर पर बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने के लिए विशेष टीम तैनात रही।
छठ घाट पर शुभकामना प्रचार
रक्सौल के विभिन्न छठ घाटों पर नगर परिषद ने इस बार बिहार सरकार की ओर से शुभकामना संदेश लगवाया था। बड़े बड़े होर्डिंग बोर्ड पर बहस चलती रही।आश्रम रोड समेत कई घाटों पर विधायक प्रमोद सिन्हा के शुभकामना का भी होर्डिंग बैनर लगा था।लोक सभा चुनावी वर्ष में आश्रम रोड में नगर परिषद ने 25हजार500रुपए सहयोग राशि दिया था,तो,प्रखंड प्रमुख श्याम पटेल ने51हजार रुपए सहयोग राशि प्रदान किया था।पूजा कमेटी ने मंच से इसकी घोषणा की।ऐसे में यह चर्चा का विषय बन गया।
कस्टम घाट पर साझा संस्कृति: रकसौल-बीरगंज को जोड़ने वाले मैत्री पुल के नीचे कस्टम घाट ,भकुवा ब्रह्म बाबा और पंटोका छठ घाट पर भारत व नेपाल के श्रद्धालुओं ने मिल जुल कर पर्व मनाया।सरिसवा नदी के दोनों ओर छठ पर्व का दृश्य काफी विहंगम रहा।बताया गया कि वर्षो से रक्सौल व सीमा पार बीरगंज के इनरवा क्षेत्र के नागरिकों यहां मिल जुल कर छठ मनाते हैं।जो भारत नेपाल की एकता का संदेश भी देता है।