रक्सौल (vor desk)।देश में एक ओर बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ का नारा दिया जा रहा है,दूसरी ओर,भारतीय रेलवे के यात्री ट्रेन में लगातार लडकियो को लावारिश छोड़ जाने का मामला चर्चा में है। ताजा मामले में सीतामढ़ी से रक्सौल की तरफ आने वाली लोकल ट्रेन में आदापुर पहुंचने के दौरान आठ महीने की बच्ची को ट्रेन की बोगी में छोड़कर महिला फरार हो गई।
फिर कलयुगी मां द्वारा एक बच्ची को ट्रेन में छोड़ फरार हो जाने की घटना के बाद ट्रेन की बोगी में मौजूद अमित नाम के यात्री आगे आए ।बेतिया की तरफ जाने वाले अमित ने बच्ची को रक्सौल पहुंचने के दौरान जीआरपी को सौंपा।
अमित ने जीआरपी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार से बताया कि आदापुर में जब ट्रेन रुकी उसी समय उक्त बच्ची को एक महिला ने ट्रेन में छोड़ ट्रेन से फरार हो गई। अमित ने बताया कि जब ट्रेन खुली तो महिला को खोजा भी गया लेकिन उक्त महिला स्टेशन से चली गई थी।
वही जीआरपी प्रभारी ने धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि एक मामला दर्ज कर बच्ची को रेलवे चाइल्ड हेल्प लाइन को सौप दिया गया है। जिसे स्वास्थ जांच करा कर बच्ची को मोतिहारी बाल गृह रखा जाएगा। वही रेलवे चाइल्ड लाइन के केस वर्कर राहुल कुमार, कुंदन कुमार व बबलू कुमार ने जीआरपी में कागजी कार्रवाई कर बच्ची को मेडिकल जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल ले गए , जहां स्वास्थ्य जांच के बाद बच्ची को बाल गृह में सौपने की प्रक्रिया शुरू की गई।
बीते सोमवार को एक नवजात बच्ची को लोकल ट्रेन से बरामद किया गया था। जिसे स्वास्थ्य जांच करा कर रेलवे चाइल्ड लाइन के द्वारा बाल गृह भेजा गया था। उस बच्ची के परिजन कौन है उसका अभी तक पता नही चला। इससे ऐसा लगता है कि लड़की जान बच्चे के माता व पिता उसे लावारिस अवस्था मे छोड़ दे रहे है। जो मानवता को शर्मसार कर रहा है।
इससे पहले गत माह एक बच्ची रक्सौल हावड़ा एक्सप्रेस से बरामद हुई थी जिसके एच आई वी संक्रामित होने की पुष्टि हुई थी।जिसे इलाज और संरक्षण के लिए मोतिहारी भेजा गया था, जहां इलाज के क्रम में मौत हो गई थी।