Sunday, November 24

सरिसवा नदी की प्रदूषण मुक्ति के लिए लगेगा एसटीपी,नमामी गंगा प्रोजेक्ट से जुड़े साइंटिस्ट की टीम 7अक्टूबर को आएगी रक्सौल!

रक्सौल।(vor desk)।सरिसवा नदी के प्रदूषण की समाप्ति के साथ-साथ रक्सौल नगर के नल नालों से आने वाला गंदा जल भी प्रदूषण मुक्त होगा। उक्त जानकारी देते हुए सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार सिन्हा ने देते हुए बताया कि लंबी लड़ाई एवं संघर्ष के बाद भारत सरकार के प्रयास से सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एसटीपी प्लांट लगाने का निर्णय हुआ है ।यह प्लांट सरिसवा नदी पर लगाया जाएगा जिससे नेपाल से गंदा पानी भारत में प्रवेश करते ही स्वच्छ होकर नदी में प्रवाहित होने लगेगा। रक्सौल नगर परिषद के से आ रहे नल नालों से आ रहे गंदे पानी को भी यह प्लांट प्रदूषण मुक्त कर नदी में प्रवाहित करेगा ।उन्होंने इस प्लांट के लगाने के निर्णय पर प्रसन्नता पर जाहिर करते हुए स्थानीय सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल को धन्यवाद दिया है। प्रोफेसर सिन्हा ने बताया कि सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए संघर्ष 2010 में प्रारंभ हुआ जिसमें भारत नेपाल सीमा को 5 घंटे तक बंद कर दिया गया और महा धरना का आयोजन किया गया ।उस धरना में स्थानीय सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल भी आकर बैठे थे। उन्होंने लोकसभा में प्रश्न उठाया जिसका परिणाम हुआ कि तत्कालीन विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी नेपाल सरकार को हेटोडा उद्योग केंद्र के बाद एस टी टी पी लगाने के लिए पैसा दिया था पर नेपाल में यह संभव नहीं हो सका और यह प्लांट अधिक दिनों तक कार्य नहीं कर पाया ।डॉक्टर जायसवाल के कारण इसे नमामि गंगे प्रोजेक्ट में लिया गया। प्रोफेसर सिन्हा ने बताया कि 7 तारीख को नमामि गंगे की टीम डा0 रघुवंशी साइंटिस्ट एनएमसीजी के नेतृत्व में आ रही है जो सरिसवा नदी में एसटीपी प्लांट लगाएगी। इससे सरिसवा नदी का पानी मुक्त होगा।

प्रोफेसर सिन्हा ने बताया कि यह आंदोलन की सबसे बड़ी जीत है ।उन्होंने रक्सौल, नेपाल के पत्रकारों सहित नागरिकों को बधाई देते हुए कहा है कि यह इन सबों के संघर्ष और सहयोग का परिणाम है कि आज सरिसवा नदी प्रदूषण मुक्त होने जा रही है। उन्होंने याद दिलाया कि नेपाल का नगर परिषद लाखों टन कूड़ा करकट नो मेंस लैंड पर नदी के किनारे गिराया करता था जो गंगा में बहकर के पहुंच जाता था। उसे भी संघर्ष के बाद रोका गया। आज वहां पेड़ लगाए गए हैं ।उन्होंने बताया कि नवंबर माह में एक सम्मेलन कर आम लोगों को इसके लिए बधाई दी जाएगी। 14 नवंबर को एक भव्य समारोह में सरिसवा नदी बचाओ आंदोलन के लिए धन्यवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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