रक्सौल।(vor desk)। हमारी मांगे पूरी हो, चाहे जो मजबूरी हो. 6 हजार में दम नहीं, 20 हजार से कम नहीं आदि नारों के साथ प्रखंड क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रखंड परिसर स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय पर एक दिवसीय भूख हड़ताल का आयोजन किया. आयोजन का नेतृत्व संघ की प्रखंड अध्यक्ष लता देवी ने की. लता देवी ने बताया कि 5 सुत्री मांगों को लेकर बिहार की सभी सेविका-सहायिका आंगनबाड़ी केन्द्रों पर तालाबंदी कर अनिश्चितकालिन हड़ताल पर है. जब तक सरकार के द्वारा हम सभी के मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं किया जाता है, तब तक संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालिन हड़ताल जारी रहेगा.
पांच सुत्री मांगों में मुख्य रूप से बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि 10 हजार सुनिश्चित किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बिहार में भी ग्रेजुएटी का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये. केन्द्र सरकार के द्वारा सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए क्रमश: ग्रेड सी और डी में समायोजन किया जाये. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा प्राप्त नहीं होता है, तब तक कम से कम 20 हजार की मानदेय राशि दी जाये. योग्य सहायिका से सेविका में बहाली हेतु अतिरिक्त 10 बोनस अंक देने का प्रावधान लागू किया जाये व सेविका को पर्यवेक्षिका के रूप में समय-समय पर बहाल किया जाये. 16 मई 2017 व 20 जुलाई 2022 के समझौते के आलोक में लंबित मांगों का भुगतान किया जाये आदि मांग शामिल है. मौके पर सेविका वीणा देवी, मंजू देवी, बबीता देवी, आशा देवी, सुनिता देवी, शैल देवी, मीरा देवी सहित सैकड़ो की संख्या में आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका शामिल थी. इस दौरान सेविकाओं ने एक मांग पत्र सीडीपीओ कुमारी राखी को सौंपा.