रक्सौल।(vor desk)।पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डा अंजनी सिंह के निर्देश पर गठित जांच टीम ने बुधवार को रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल में पहुंच कर फर्श पर हुए प्रसव और विडियो वायरल प्रकरण की जांच की।टीम में शामिल सदर अस्पताल के प्रभारी डा श्रवण कुमार पासवान ,जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा शरत चंद्र शर्मा, डीपीएम ठाकुर विश्व मोहन शामिल थे।जांच टीम ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल में रह कर विभिन्न बिंदुओं पर बारिक जांच की।इस दौरान अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार के कक्ष में अस्पताल उपाधीक्षक समेत स्वास्थ्य प्रबंधक आशीष कुमार, बीसीएम सुमित कुमार सिन्हा,आरोपित जीएन एम ,ममता कार्यकर्ता ,सिक्युरिटी गार्ड समेत अन्य से अलग अलग पूछ ताछ की।जांच की करवाई बंद कमरे में चली, जहां किसी को जाने की अनुमति नही थी।इस दौरान भेलाही एडिशनल पीएचसी के प्रभारी सह अनुमंडल अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डा एस के सिंह भी पहुंचे।उनसे भी बन्द कमरे में गुफ्गू हुई। जिस पर चर्चा और अटकल कायम रही।हालाकि,कक्ष से निकलने के बाद वे तैश में दिख रहे थे।उन्होंने डेंटल ओपीडी को भी देखा और सवाल किया कि आखिर जब हमने अपने समय में इसे व्यवस्थित किया था,तो,यह खुलता क्यों नही है। दंत चिकित्सा किस वजह से बन्द है?मीडिया द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि मेरा जांच टीम से कोई लेना देना नही है।कटसी में मिलने आए थे।
इस बीच,बताया गया कि जांच इस बात पर केंद्रित थी की प्रसव में लापरवाही कैसे हुई?विडियो कैसे वायरल हुआ?क्या इसके पीछे कोई साजिश थी या यह आकस्मिक घटना थी।बार बार ऐसी घटना क्यों हो रही है।इस घटना के क्रम में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका क्या थी।हालाकि,इस जांच के दौरान टीम ने पूरी गोपनीयता बरती और मिडिया से दूरी बनाए रखी।पूछने पर टीम में शामिल डा श्रवण कुमार और डा शरत चंद्र शर्मा
ने संयुक्त रूप से बताया कि टीम द्वारा जांच की गई है,जिसे गोपनीय रखा गया है।जांच रिपोर्ट सिविल सर्जन को सौंपी जाएगी।उन्ही के स्तर से अग्रतर करवाई होगी।
टीम के मुताबिक, विगत 13 सितम्बर को अस्पताल के न्यू नेटल वार्ड में रक्सौल के बड़ा परेउवा की एक गर्भवती महिला का फर्श पर ही कथित प्रसव होने और शिशु के मृत होने का लापरवाही पूर्ण मामला सामने आने और इसका विडियो वायरल होने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन डा अंजनी कुमार सिंह ने जांच टीम गठित कर दी थी।इस मामले में प्रसव के लिए भर्ती की गई रक्सौल के सिहोरवा की एक महिला रेखा देवी के सामने इस प्रकरण के होने के बाद उसे रेफर किए जाने ठीक से इलाज न करने और कथित रूप से उसे धमकी दिए जाने के बाद इस बाबत जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को की गई शिकायत को भी गंभीरता से लिया गया।हालाकि,अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार इस दौरान छुट्टी पर थे।प्रबंधन की ओर से लापरवाही को ले कर संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों पर सो कॉज जारी की गई थी।
बता दे कि पिछले 8सितम्बर को प्रसव कक्ष में एक महिला के प्रसव के बाद पी पी एच के बीच अवैध उगाही,ममता कार्यकताओं के आपस में भिड़ने और जी एन एम द्वारा एक आशा कार्यकर्ता पार्वती देवी को तमाचा मारे जाने को ले कर उठे विवाद और फिर आशा कार्यकर्ताओ द्वारा प्रसव कक्ष में हंगामा और जी एन एम से दुर्व्यवहार की घटना से तनाव कायम रहा।इससे पहले अगस्त माह में प्रसव कक्ष का एक वीडियो भी वायरल हुआ था,जिसमे एक जी एन एम डीलीवरी के लिए पैसे मांगते देखी जा रही थी।इस पूरे प्रकरण के दौरान अस्पताल उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार पर हुए हमले की घटना भी काफी चर्चे में रही,जिसे अस्पताल की गुटबाजी से जोड़ कर देखा जा रहा है।सूत्रों का दावा है कि फर्श पर प्रसव का विडियो वायरल होना भी साजिश की कड़ी है।जिसके पीछे अस्पताल को बदनाम करने की नियत है,जिसमे मेडिकल माफिया गठजोड़ की सक्रियता रही है।
सो काज कर होती है खानापूर्ति
रक्सौल अनुमंडल अस्पताल में लगातार हो रहे प्रकरण को ले कर अस्पताल प्रबंधन सो काज कर देती है।इसका जवाब मिलता है ,लेकिन,बात खानापूर्ति से आगे नहीं बढ़ती।ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल और लापरवाही बढ़ती जा रही है,जिसका परिणाम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।हाल की घटनाओं को ले कर अस्पताल प्रबंधन ने लगातार ड्यूटी पर रहे जी एन एम ,ममता कार्यकर्ता,आशा कार्यकर्ता और सिक्यूरिटी गार्ड को सो कॉज किया लेकिन,एक भी मामले में कोई ठोस करवाई नही दिखी।बताते हैं कि प्रसव कक्ष में कभी जी एन एम और कभी ए एन एम की ड्यूटी लगाने और अवैध उगाही के मामले आने से लगातार विवाद और नीत नए प्रकरण सामने आ रहे हैं।