Saturday, November 23

बिना पास चार पहिया नेपाली वाहन नहीं आ सकेंगे भारत:दूतावास से जारी हुआ पत्र

रक्सौल।(vor desk)।भारत-नेपाल सीमा पर उस वक्त अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। जब नेपाल से आने वाली चार पहिया गाड़ियों को कस्टम के द्वारा रोका जाने लगा।इस कारण मंगलवार की सुबह से ही वीरगंज बॉर्डर पर नेपाली वाहनों की कतार लग गई,बाद में जब इंट्री नहीं मिली तो उन्हे वापस लौटना पड़ा।अधिकांश लोग वाहन छोड़ पैदल ही रक्सौल मार्केट आते दिखे।

बताया गया है कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के द्वारा एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें रक्सौल के लोकल प्रशासन के साथ-साथ कस्टम को यह निर्देश दिया गया है कि नेपाल से आने वाली चार पहिया गाड़ी को भारत में तभी इंट्री मिलेगी, जब उक्त वाहन के स्वामी के द्वारा वीरगंज स्थित महावाणिज्य दूतावास या भारतीय दूतावास काठमांडू से परमिट यानी आवश्यक पास प्राप्त किया जायेगा।

*दो पहिया वाहनों पर नहीं लागू होगा नियम

पहले रक्सौल तक आने के लिए नेपाली चार पहिया वाहनो को किसी तरह की पास की जरूरत नहीं होती थी। अब नया नियम लग जाने के बाद मंगलवार को सैकड़ो गाड़ियों को वापस भेज दिया गया है। हालांकि यह नियम नेपाल से आने वाली दो पहिया वाहनों पर लागू नहीं है,बाइक बे धड़क आ सकेंगे। दूतावास से जारी पत्र के अनुसार अब नेपाली चार पहिया वाहनो को रक्सौल तक भी आने के लिए पास लेना होगा। जो दूतावास से जारी किया जाता है।

अब तक नियमों में ढील के कारण बड़ी संख्या में नेपाली गाड़ियां रक्सौल से सुगौली, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर यहां तक पटना एयरपोर्ट तक भी बिना रोकटोक के चली जाती थी। जिससे भारत सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता था। अब देखना होगा कि मंगलवार से लगाया गया नया नियम कब तक काम करता है। इधर, इस नियम का नेपाल सीमा क्षेत्र में विरोध भी शुरू हो गया है। वहीं नेपाल जाने वाले भारतीय वाहनो के लिए इंट्री और कस्टम कराने का नियम पहले से चला आ रहा है।जबकि, रक्सौल कस्टम में नेपाली वाहनों की इंट्री शुरू की गई थी,हो,अपरिहार्य कारण से फिलहाल तक बंद था।

*सुरक्षा चुनौती को देखते हुए सख्ती के संकेत

विगत दिनों रक्सौल बॉर्डर पर दो चीनी नागरिक पकड़े गए।इससे पहले पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर के अवैध ढंग से भारत आने की चर्चा अभी थमी नही है।दिन ब दिन ऐसे हालातों की वजह से सुरक्षा चुनौती बढ़ी है।वीरगंज बॉर्डर पर सिक्स लेयर सुरक्षा बंदोबस्त है।बावजूद ऐसी गतिविधियां सामने आ रही हैं।इसी सुरक्षा चुनौती के मद्देनजर रक्सौल समेत भारतीय बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त करने के संकेत मिल रहे हैं ।यूपी से लगे नेपाल सीमा के कुछ बॉर्डर पॉईंट पर पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।

* व्यापारी और प्रबुद्ध लोगों ने किया पुर्नविचार की अपील

सीमा के दोनो ओर के व्यापारी ,प्रबुद्ध लोग और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस नियम को वापस लेने की मांग की है।इसके लिए भारतीय महा वाणिज्य दूतावास के अधिकारियो से अनुरोध किया गया कि ऐसा होने से परेशानी होगी।इस बाबत महावाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने इसे सकरात्मक तौर पर लिया है।

दूसरी ओर,नेपाल सीमा क्षेत्र में भी इस नियम का कुछ लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है,क्योंकि,हाल ही में नेपाल सरकार ने भारतीय सीमा क्षेत्र के बाजार से 100रुपए का समान खरीद कर जाने पर कस्टम टैक्स देने का नियम लागू कर रखा है।इसे विराट नगर के रानी बॉर्डर पर लागू कर दिया गया है।हालाकि,वीरगंज बॉर्डर पर यह नियम लागू नही है।उधर,भारतीय वाहनों से नेपाल में मनमानी और वसूली होना भी एक मुद्दा रहा है।हाल ही में भारतीय वाहनों पर टैक्स बढ़ाने से भी नाराजगी दिख रही है,जबकि,नेपाली वाहनों की ना तो इंट्री होती है,न उनसे कस्टम शुल्क लिया जाता है।

*नेपाली वाहनों का इंट्री जरूरी

नेपाल अथवा बिहार सीमा क्षेत्र में क्रॉस बॉर्डर क्राइम में नेपाली वाहनों का इस्तेमाल भी सर दर्द साबित होता रहा है।मीडिया फॉर बॉर्डर हार्मोनी के केंद्रीय अध्यक्ष प्रो उमाशंकर प्रसाद का कहना है कि नेपाली वाहनों के लिए पास जरूरी हो ना या ना हो,लेकिन,बॉर्डर पर आते जाते समय इंट्री अवश्य होनी चाहिए,ताकि,दुरुपयोग और मनमानी रुके।

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