रक्सौल। (Vor desk)। रक्सौल के पंटोका स्थित इन्टी ग्रेटेड चेक पोस्ट को पूर्ण रूप से संचालित करने की योजना अब तक अधर में है।कार्गो मुवमेंट को पूर्ण रूप से रक्सौल बीरगंज आईसीपी से कराने की कवायद चल रही है,जिसमे कई अवरोध आ रहे हैं।जबकि,आईसीपी के रास्ते पैसेंजर मुवमेंट शुरू करने की आश लगाए लोग अब तक निराश ही दिख रहे हैं ।अभी हाल ही में नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहाल दिल्ली दौरे से लौटे हैं।जिसके ठीक बाद क्षेत्रीय भाजपा सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल और यूपी के राज्य सभा सांसद सह
उत्तरप्रदेश की उपाध्यक्ष कांता कर्दम ने रविवार को संयुक्त रूप से रक्सौल आईसीपी का दौरा किया।उनके साथ स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा और पूर्व एम एल सी बबलू गुप्ता आदि मौजूद थे।
आईसीपी निरीक्षण के बाद आईसीपी प्रबंधक प्रवीण कुमार समेत अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक भी हुई।हालाकि,बैठक के पहलुओं पर मीडिया कोई जानकारी नहीं दी गई।
वहीं,इस बैठक के बाद आइसीपी को ले कर चर्चा परिचर्चा शुरू हो गई है कि क्या रक्सौल वीरगंज आईसीपी से पैसेंजर मूवमेंट शुरू होगा?यानी आम लोगों की आवाजाही शुरू होगी?क्या ‘विकास तीर्थ’ लोगों के लिए भी तीर्थ स्थल बनेगा?जिससे कि वीरगंज रक्सौल जाने आने के क्रम में लगने वाले जाम और आवागमन की गहन समस्या खत्म हो सकेगी !
भाजपा के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि मोदी सरकार के 9साल सेवा को लेकर 30 मई से 30 जून तक चल रहे महा-जनसम्पर्क अभियान के तहत
यूपी से आए राज्य सभा सांसद कांता कर्दम को आईसीपी रक्सौल जाकर ‘विकास तीर्थ’ का भ्रमण कराया।
जिसके बाद अब इसको ले कर क्षेत्र में चर्चा तेज है कि जल्द ही आईसीपी से पैसेंजर मूवमेंट शुरू हो सकता है,जो अमृत महोत्सव वर्ष में मोदी सरकार की ओर से सौगात की तरह होगी।हालाकि,सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने इस बारे में कुछ नही कहा है ,लेकिन,उन्होंने मोदी सरकार और स्वयं की पहल से हुई उपलब्धि में आईसीपी का निर्माण को शामिल किया ।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से जो कुछ हो सकता था किया और आगे भी करूंगा।
इधर, एन एच आई द्वारा आईसीपी तक बनाए जा रहे फ़ोर लेन आई सी पी बाईपास के साथ ही रेल ओवर ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है।रेलवे द्वारा निर्माणधीन आर ओ बी पर गार्डर लॉन्च किया जा चुका है।इसके बाद अब अप्रोच रोड का निर्माण तेजी से होगा।जिसके बाद नेपाल आने जाने की दिक्कत दूर होगी।
सूत्रों ने बताया कि रक्सौल आईसीपी में इमिग्रेशन कार्यालय भी स्थापित हो गया है।लेकिन,विदेशी पर्यटक भी आईसीपी से आवागमन नही कर रहे हैं।हालाकि,आईसीपी से भारी वाहन के आवाजाही से रक्सौल के मुख्य सड़क पर लोड काफी कम हुआ है।लेकिन,इसके लिए जन आंदोलन करना पड़ा था।बावजूद,अभी भी भारत नेपाल सीमा व्यवस्थापन,सीमा सुरक्षा,द्विपक्षीय व्यापार के दृष्टिकोण से सवा अरब रुपए की लागत से बने और भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट माने वाले इस आइसीपी का पूर्ण संचालन में नहीं होना,काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। फिलवक्त,आईसीपी गेट पर एस एस बी का पहरा रहता है और किसी आम व्यक्ति को प्रवेश अनुमति नही है,जबकि, पंटोका के काफी लोगों ने इस आईसीपी के लिए अपनी जमीन दी है।
सनद रहे की भारत नेपाल के बीच द्विपक्षीय व्यापार प्रर्वद्धन के दृष्टिकोण से 24अप्रैल 2010मे इस आईसीपी निर्माण का शिलान्यास तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रुप से किया था।68एकड़ भूमि मे निर्मित होने वाले आईसीपी का निर्माण लगभग दो सौ करोड़ रुपये की लागत मे हुआ था।जिसका संचालन अप्रैल 2018से शुरू हुआ।उसी वर्ष 7अप्रैल 2018 को नेपाल के वीरगंज में नवनिर्मित आईसीपी का उद्घाटन भारत नेपाल के प्रधानमंत्री के द्वारा रिमोट कन्ट्रोल से संयुक्त रूप से किया गया ।जिसके बाद से दोनों आईसीपी प्रारंभ तो हो गया।लेकिन, रक्सौल आईसीपी का विधिवत उद्घाटन तत्कालीन केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की राजधानी दिल्ली से रिमोट द्वारा 7 मार्च 2019में किया।तब से आज तक इसके पूर्ण संचालन की प्रतीक्षा में आम जन अधीर बने हुए हैं।