रक्सौल(vor desk)। रक्सौल पाटलीपुत्र इंटर सिटी एक्सप्रेस ट्रेन की मांग को ले कर रक्सौल में विगत 12 दिनो से जारी आंदोलन रेल अधिकारियों के आश्वासन के बाद सोमवार को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
उड़ीसा में बालासोर रेल हादसे को देखते हुए आंदोलन कमेटी ने रेल अधिकारियों के आग्रह और आश्वासन पर इस आंदोलन और सात दिन से जारी अनशन को स्थगित करने का सर्वसम्मत निर्णय लिया ,जिसके बाद रात्रि दस बजे इसे स्थगित करने की घोषणा हुई।
इस मौके पर रक्सौल के स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार सिंह, अनुमंडलिय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन कुमार,मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर मुराद आलम,अंबेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम,भारत विकास परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह समेत अन्य रेल अधिकारियों ने स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता श्लोक कुमार को जूस पिला कर अनशन स्थगित कराया।
इंटर सिटी ट्रेन परिचालन के लिए प्लेटफार्म,ट्रैक आदि की व्यवस्था के लिए समय देने एवं रक्सौल से भाया सुगौली से मुजफ्फरपुर के बीच परिचालित होने वाली मेमू ट्रेन 05288 का समय परिवर्तन करने के आश्वासन पर यह आंदोलन फिलवक्त स्थगित हुआ।
रेल हादसा और मानवीय संवेदना के मद्देनजर अनशन स्थगित करने के इस फैसले के मौके पर उपस्थित अमित अग्रवाल, अनिल साह, बिट्टू कुमार,दिग्विजय पार्थ,अमलेश श्रीवास्तव,सैमुएल मसीह , गौरव केशान,निर्मल गुप्ता ,मोहम्मद लालबाबू आदि ने ताली बजा कर स्वागत किया और दो मिनट का मौन रख कर रेल हादसे के मृतकों के प्रति अपनी संवेदना भी जाहिर की।
बता दे कि स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्लोक कुमार सर्राफ 25 मई से शहर के रेल परिक्षेत्र स्थित रामजी चौक के पास धरना प्रदर्शन शुरू किये था,जो 29 मई से अनशन में तब्दील हो गया।इसी कड़ी में आंदोलन को और धारदार बनाने के लिए सम्पूर्ण क्रांति दिवस पर सोमवार की सुबह से अन्न जल त्याग आमरण अनशन पर चले गए थे।इस बीच एसडीओ रविकांत सिन्हा के नेतृत्व में अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन एवं मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर मुराद आलम ने मेडिकल चेक अप की,जिसमे दोनो की स्वास्थ्य स्थिति चिंताजनक पाई गई।
*मांग पूरी नहीं हुई तो फिर होगा आंदोलन
स्वच्छ रक्सौल संस्था के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने आमरण अनशन स्थगित करने के बाद कहा कि यदि रेलवे द्वारा दिए गए आश्वासन के तहत मांगो को पूरा नहीं किया गया तो फिर से व्यापक और निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।जरूरी पड़ा तो समस्तीपुर रेल मंडल तक जायेंगे।उन्होंने आंदोलन में सहयोग समर्थन करने के लिए रक्सौलवासियो को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह मांग पूरे रक्सौल अनुमंडल क्षेत्र की जनता के लिए है।जिसकी उपेक्षा बर्दाश्त नही की जायेगी।यदि देश के समक्ष यह ह्रदय विदारक रेल हादसा नहीं होता,तो आमरण अनशन हरगिज खत्म नहीं करते,चाहे जान ही क्यों नहीं चली जाती।इस रेल हादसा में रामगढ़वा के एक मजदूर समेत पूर्वी चंपारण जिले के तीन लोग की मौत हो चुकी है।
*क्या है मामला
रक्सौल से पाटलिपुत्र के लिए इंटर सिटी ट्रेन परिचालित होती थी,जिसे कोरोना काल में बंद कर दिया गया।इसके पहले भी 2019में उक्त ट्रेन को बंद किया गया था,जो जन विरोध के बाद परिचालित होने लगी थी।खुद सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने भी वर्ष 2019में रेलवे की बैठक में उक्त इंटरसिटी ट्रेन संख्या 15201और 15202 को रद्द नही करने की मांग की थी। कोरोना काल के बाद जब ट्रेन परिचालन शुरू हुआ,तो,इंटर सिटी का परिचालन लंबित रहा।जिसको ले कर आंदोलन शुरू हो गया।इस बीच अप्रैल 2023में मोतिहारी से पाटलिपुत्र के लिए इंटर सिटी ट्रेन को परिचालित होने के बाद आक्रोश भड़क गया।
सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल का कहना था कि रक्सौल से पाटलिपुत्र के लिए भाया सीतामढ़ी इंटरसिटी ट्रेन चल रही है।डेमू ट्रेन को इंटर सिटी बताए जाने के बाद स्वच्छ रक्सौल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ने आंदोलन की घोषणा की और अनशन पर बैठ गए।
*ठगे महसूस कर रहे रक्सौलवासी
रक्सौल से पाटलिपुत्र के लिए इंटर सिटी ट्रेन परिचालन से रक्सौल, मसनाडीह, रामगढवा,धर्मीनिया , सुगौली क्षेत्र की जनता को काफी फायदा था।इंटर सिटी ट्रेन बन्द किए जाने के बाद पटना के साथ ही जिला मुख्यालय जाने वाले यात्रियों को भी काफी परेशानी शुरू हो गई।इसके बाद नरकटियागंज से चलने वाली इंटर सिटी ट्रेन के लिंक के लिए रक्सौल से सुबह 5.50बजे चलने वाली मेमू ट्रेन को सुबह के 4.55 बजे परिचालन शुरू हुआ।इस वजह से जिला मुख्यालय मोतिहारी में कोर्ट,इलाज,पढ़ाई,समेत अन्य कार्यों से आने जाने वाले लोगों की समस्या बढ़ गई,क्योंकि,यह ट्रेन सुबह के 6.38बजे पहुंच जाती थी।इसके बाद काफी समय जाया होता था,वहीं,इंडो नेपाल बॉर्डर सुबह 5 बजे खुलती है,ऐसे में वीरगंज समेत सीमा क्षेत्र के लोगों की ट्रेन छूट जाती है।यही नहीं सुगौली में इंटर सिटी ट्रेन में भीड़ होने से लगेज और परिवार के साथ यात्रा करने वाले भी काफी मुश्किल में रहते हैं।यह समस्या कोई दशक पूर्व रक्सौल से चलने वाली चंपारण एक्सप्रेस बंद होने से बाद ही बढ़ गई थी,क्योंकि,यह ट्रेन रक्सौल से 7.15बजे खुलती थी और वापस 7.15बजे रक्सौल पहुंच जाती थी।अब इंटरसिटी ट्रेन तो चालू नही हो सकी है,लेकिन,मेमू ट्रेन के समय परिवर्तन के आश्वासन पूरा होने से क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय जाने हेतु फायदा जरूर मिलेगा,ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।हालाकि,भाया सुगौली पटना जाने के लिए समस्या बनी हुई है।(रिपोर्ट/पीके गुप्ता)