*रेल दुर्घटना में करीब 280 यात्री की मौत,900 से ज्यादा यात्री घायल
*रामगढवा के चिकनी गांव में मातम,कई के घर में नहीं जले चूल्हा
रक्सौल।(vor desk)।उड़िसा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसा में अनुमंडल के रामगढ़वा पंचायत के वार्ड नंबर 18 चिकनी गांव के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है ।वह पेंटर का काम करते थे।वहीं 8 लोग घायल हो गए हैं,इसमें दो लोगों की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, रामगढवा के चिकनी गांव के ही 9 लोग केरल मजदूरी करने के लिए जा रहे थे ,जिसमे इस हादसे में राजा पटेल (25वर्ष) की मौत हो गई।
मृतक का डेढ़ वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी।हादसे के बाद मृतक की पत्नी सुनीता देवी का रो रोकर हुआ बुरा हाल हो गया है।
परिजनों का आरोप है कि शव को लाने के लिए एंबुलेंस वाले 45हजार रुपए मांग रहे हैं ।सरकार कोई सहयोग नही कर रही।खाने के पैसे नहीं हैं,तो एंबुलेंस के पैसे कहां से देंगे।
गौरतलब है कि पेंटिंग का काम करने वाले उक्त लोग रामगढ़वा स्टेशन से गुरूवार को केरल जाने के लिए मिथिला ट्रेन से हावड़ा गए ।जहां से शुक्रवार को केरल के लिए कोरोमंडल एक्सप्रेस पर सवार हुए,जो, उड़ीसा के बालासोर में हादसा का शिकार हो गई ।
मृतक अपने परिवार में एक मात्र कमाने वाला था,जो हादसे का शिकार हो गया।सूत्रों ने बताया कि भुवन पटेल और ललित देवी के दो पुत्र हैं,जिसमे राजा पटेल की मौत हो गई है।जबकि,दूसरा काफी छोटा है। पिता भी शारीरिक रूप से अस्वस्थ्य चल रहे हैं।घर भी नही है ,गरीबी झेल रहे इस परिवार का दर्द सुनने और देखने वाला कोई नही दिखता।
इधर, विजय पासवान और अंजीत पटेल की स्थिति नाजुक है। मां भगवती देवी ने बताया कि पति 6 माह पहले ही दुनिया छोड़ चले थे।अब दो बेटे ही सहारा हैं, वे भी रेल हादसा में घायल हो गए है। जिससे उन्हें अपने घर के भरण पोषण का चिंता सता रही है ।
इस मामले में उप प्रमुख अरविंद कुमार पांडेय भी कहते है कि चिकिनी गाँव के 9 लोग पेंटर के रूप में काम हेतु ट्रेन से गए जिसमे एक युवक की मौत हो गई।दो गंभीर घायल हो गए ।यथा सम्भव सहयोग किया जा रहा है।
इधर,उड़िसा के ट्रेन हादसा में बनकटवा प्रखंड के भवानीपुर गांव के तीन मजदूर जख्मी हुये। उक्त गांव निवासी विवेक पासवान (28 वर्ष)
पिता- रामेश्वर पासवान,
दीपक पासवान(29 वर्ष) अशोक पासवान, व नन्हक मांझी (23 वर्ष) पिता – आशीष मांझी रोजी रोटी के तलाश में केरला जा रहे थे।सूत्रों ने बताया कि गुरुवार के दिन सभी रक्सौल से ट्रेन पकड़े थे। जो ट्रेन से हादसे के शिकार हो जख्मी हो गए।