रक्सौल।(vor desk)। भारत की आजादी का अमृत महोत्सव तथा “विश्व धुम्रपान निषेध दिवस” को स्मरणार्थ, वीरगंज स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास द्वारा शुक्रवार को परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परिचर्चा में डा0 नीरजकुमार सिंह, डा0 आनन्दकुमार झा, डा0 प्रेरणा प्रियदर्शिनी झा और डा0 उदयनारायण सिंह की सहभागिता रही। जबकि कार्यक्रम में वाणिज्य दूतावास के करिब 35 सदस्यों की शरीक हुए।
भारतीय महा वाणिज्य दूत नितेश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सुर्ती, बीड़ी, सिगरेट के प्रयोग से परहेज करने पर बल देते हुए सुर्ति का सेवन छोड़ने के विभिन्न तरिका के बारे में बताया ।उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति के जरिए इस बुरी आदत को छोड़ा जा सकता है,जो जान के लिए घातक है।
इस मौके पर पैनल में शामिल डॉक्टरों ने धुम्रपान से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने पर विस्तृत जानकारी देते हुए तंबाकू सेवन को त्यागने की नसीहत दी। विशेष कर बालबालिका, किशोर किशोरी, युवा और वयस्क लोगों को तंबाकू, सुर्ती आदि का सेवन करना हानिकारक बताया। बताया गया कि विश्वभर में 13 वर्ष से 15 वर्ष के 1 करोड 40 लाख युवाओं द्वारा सुर्ती तंबाकू का प्रयोग किया जाता है। चर्चा परिचर्चा में उपस्थित लोगो ने तंबाकू, सुर्ति, ई सिगरेट आदि के प्रयोग से होने वाले खतरा के बारे में प्रश्न उत्तर के बीच अपने अनुभव को बताया।इस अवसर पर कंसुल शैलेंद्र कुमार,तरुण कुमार,शतीश पट्टापट्टू आदि उपस्थित थे।