रक्सौल।( Vor desk )। पूर्वी चंपारण के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर शरत चंद्र शर्मा ने रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया।इस क्रम में बैठक कर डेंगू रोग से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी की समीक्षा की। साथ ही डेंगू वार्ड बनाने के लिए अस्पताल कक्ष का चयन किया गया।
उन्होंने इस दौरान अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन कुमार और स्वास्थ्य प्रबंधक आशीष कुमार को यह स्पष्ट निर्देश दिया कि रक्सौल में 5जून तक वार्ड बनाकर उसमें आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, चिकित्सकों, सहायकों की प्रतिनियुक्ति और उसका रोस्टर बना कर इससे संबंधित रिर्पोट जिला को भेजनी है।उन्होंने कहा कि वार्ड में डेंगू और मलेरिया जांच किट उपलब्ध रहनी चाहिए,क्योंकि,अस्पताल में ही जांच होनी है।लैब रुम में टोटल ब्लड काउंट मशीन और एनलाइजर मशीन के संचालन की जानकारी ली और कहा कि किसी कीमत पर जांच बंद होने की नौबत नहीं आनी चाहिए,क्योंकि, डेंगू रोग में प्लेटलेट्स की जांच जरूरी होती है।अनुमंडल अस्पताल में डेंगू वार्ड पांच बेड का होना चाहिए,जो सभी मछडदानी युक्त रहना जरूरी है।उन्होंने ताकीद किया की 15जून से मौनसुन शुरू हो जाएगा,जिस कारण चमकी बुखार के रोग में कमी आती है और डेंगू बढ़ जाता है।ऐसे में लोगों को अभी से डेंगू रोग के लक्षण और साफ सफाई के प्रति जागरूक करने का काम भी शुरू कर दें।बताएं कि डेंगू का मच्छड़ जिद्दी होता है,दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है।इसलिए गमला,कूलर,छत , टायर और घर के आस पास वर्षात का पानी का जल जमाव न होने दें।
उन्होंने लू वार्ड और ए ई एस/जेई वार्ड का निरीक्षण भी किया और ड्यूटी पर तैनात जी एन एम मोहम्मद अरशद और अमरजीत कुमार से पूछ ताछ की और जरूरी निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने नियमित टीकाकरण कार्य का भी समीक्षा किया और लक्ष्य के अनुरूप कार्य कराने के लिए सभी स्टॉक होल्डर के साथ मिलकर काम करने की बात कहीं।वहीं, कोविड टीकाकरण का भी जायजा लिया और कहा कि अब अस्पताल में कोविड वैक्सिन की कमी नही होने दी जाएगी।
मौके पर अस्पताल प्रबंधक आशीष कुमार, दंत चिकित्सक डॉ अजय कुमार,डॉ युनिसेफ के बीएमसी अनिल कुमार गुप्ता,मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी जय प्रकाश कुमार ,आदि मौजूद थे।