*सिपाही धर्मेंद्र कुमार भी लाइन हाजिर, एएसपी कर रहे हैं जांच
रक्सौल।(vor desk)। आर्मी जवान को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर मारना और अमानवीयता का परिचय देते हुए घसीट कर रक्सौल थाना ले जाना यानी ‘पुलिस की वर्दी में गुंडागर्दी ‘रक्सौल थाना के पुलिस सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह को महंगा पड़ा। वर्दी की हनक और बद दिमागी दिखाने के बाद उन पर करवाई हुई है। घटना का मिनट टू मिनट विडियो वायरल होने के बाद पूर्वी चंपारण के एसपी कांतेश कुमार मिश्रा ने उन्हे लाइन हाजिर कर दिया है।साथ ही सिपाही धर्मेंद्र कुमार को भी लाइन हाजिर कर दिया है।वहीं, एसपी के निर्देश पर एएसपी सह रक्सौल डीएसपी चंद्र प्रकाश ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बिहार पुलिस के स्थापना दिवस पर डीजीपी के निर्देश पर राज्य भर में पुलिस सप्ताह मना रही पूर्वी चंपारण पुलिस ने भले ही ‘वर्दी पर लगा दाग धोने के लिए’ जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है,लेकिन,बुद्धिजीवी,आर्मी जवान के परिजन और आम लोग इस कारवाई को पर्याप्त नही मान रहे।इसमें सहयोगी पुलिस कर्मियों पर भी करवाई की मांग उठ रही है। आर्मी जवान का पक्ष नही सुना जाना भी एक तरफा कारवाई माना जा रहा है,क्योंकि,उनके परिजन भी रक्सौल थाना में न्याय के लिए बैठे रहे।लेकिन,दुर्घटना के शिकार तैय्यब मियां और पुलिस ने रक्सौल थाना में अपनी अपनी प्राथमिकी दर्ज कर ली है।वहीं,जवान को कारवाई करते हुए न्यायिक हिरासत भेज दिया गया। मामले में पीड़ित की पत्नी काजल देवी और सालियों की पीड़ा को नही सुना गया,जिनके सामने दौड़ा दौड़ा कर मारा गया था।यदि सोशल मीडिया नही होती तो,यह वाक्या दब गया होता।थाना में पुलिस की तरफ दारी होगी ही,क्योंकि,अधिकारी और पुलिस कर्मी उनके हैं।इसलिए पीड़ित आर्मी जवान के परिजन स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं।जिला प्रशासन से उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है।राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग को भी लिखा गया है।परिजनों का आरोप है कि तैयब मियां से पुलिस ने दबाव दे कर प्राथमिकी दर्ज कराई है।क्योंकि,इलाज कराने और क्षति पूर्ति देने पर सहमति बन गई थी।
पूरे मामले में यह गौर करने वाली बात है की पुलिस का रवैया आम जन के प्रति कैसा है?क्या इसे ही पीपुल्स फ्रेंडली कहते हैं?जब देश की रक्षा करने वाले आर्मी जवान और परिवार के साथ यात्रा कर रहे एक व्यक्ति के साथ ऐसा हो सकता है,तो,और क्या क्या होता होगा?यह समझने की बात है!भले ही पुलिस की हनक के आगे लोग चुप हो जाएं ,लेकिन, रक्सौल में जिस तरह की ट्रैफिक व्यस्था रक्सौल पुलिस ने कायम कर रखी है,और रोज रोज मामले आते जाते हैं,उसमे यह दाग आसानी से धुलने वाला नही है,क्योंकि,पुलिस विभाग पुलिस बल की कमी का रोना रो कर दाएं बाएं घुमा देती है,और आम नागरिक को गाजर मूली समझती है,इसमें कोई शक नही,वरना,सीमा पार होते क्या मजाल जो नेपाल में ट्रैफिक रूल टूट जाएं,लेकिन,यहां यह भी पुलिसकर्मियों के लिए एक ‘अवसर’ है। वाहनों से अवैध वसूली का विडियो पहले भी वायरल होता रहा है।ट्रैफिक पुलिस को इसी विवाद में हटा दिया गया था,इस तरह यह शहर लम्बे समय से बिना ट्रैफिक पुलिस का बना हुआ है।
फिलहाल,पुलिस के साथ गाली गलौज,मार पीट और पुलिस कार्य में बाधा डालने के आरोप में आर्मी जवान को अग्रतर करवाई करते हुए न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है।
रक्सौल थाना में इस मामले में आईपीसी एक्ट के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की गई है।जिसमे एक प्राथमिकी दुर्घटना के शिकार रक्सौल के लक्ष्मीपुर निवासी तैयब मियां की ओर से आवेदक नसीम अख्तर द्वारा कार चालक और वाहन पर कांड संख्या 85/2023 दर्ज की गई है।वहीं,दूसरी प्राथमिकी पुलिस सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह ने थाना कांड संख्या 86/2023 आर्मी जवान के विरुद्ध की है।जो पुलिस के कार्य में बाधा डालने, और हाथा पाई करने अपशब्द का प्रयोग करने आदि से संबंधित है।
इसकी पुष्टि एएसपी चंद्र प्रकाश ने करते हुए बताया कि तैयब मियां को आर्मी जवान ने अपनी कार से ठोकर मारी थी,जिसमे वे गंभीर घायल हो गए और हाथ में सिरियस फ्रेक्चर हुआ है।उसके बाद हाथ में प्लास्ट भी हुआ है । उनका उपचार जारी है।इस मामले में पीड़ित तैयब आलम की ओर से एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
जबकि,दूसरी प्राथमिकी पुलिस ने आर्मी जवान के विरुद्ध दर्ज कराई है।
उन्होंने बताया की अब तक जांच में जो बात सामने आई है,उसमे दुर्घटना के बाद सहानुभूति दिखाते हुए और कार चालक को सेफ करने के दृष्टिकोण से पुलिस ने कार में सवार परीक्षार्थियों को हजारी मल प्लस टू स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र में ड्राप करने हेतु एलाऊ किया था।आर्मी ऑफिसर ने भी कहा था की स्वयं थाना आ जायेंगे। एफआईआर या कोई प्रक्रिया करना हैं,करें,यानी दुर्घटना के बाद सहयोगात्मक रवैया था।उन्होंने बताया कि 21फरवरी को आर्मी ऑफिसर तुरकौलिया से रक्सौल अपनी पत्नी समेत अन्य को परीक्षा दिलाने रक्सौल आए थे,इसी दौरान लक्ष्मीपुर में दुर्घटना हुई। मूव को देखते हुए पुलिस का पहला काम था,सेफ करना। लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करना। जो किया गया।दूसरी पार्टी यानी पीड़ित को एफआईआर करानी थी।जिसके लिए दुर्घटना करने वाले पक्ष की उपस्थिति जरूरी थी,इसको ले कर पुलिस ने खोज तलाश की,वरना पुलिस ऑफिसर ही कारवाई के जद में आ जाते।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद मामला बढ़ने पर मोबाइल पुलिस टीम पहुंची थी। उस दौरान सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह ने निर्देश दिया था कि परीक्षार्थीयों को ड्राप करके कार को थाना में लगाएं।लेकिन,आर्मी ऑफिसर ने ऐसा नहीं किया, बल्कि, कार को छुपाने के मकसद से शहर के नागा रोड में खड़ा कर दिया।यही नही उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों को बुला लिया और बात बढ़ी।जिससे उनकी नियत सहयोगात्मक नही दिखता है।
बताया गया कि जब पुलिस कार की खोज तलाश की और उसे थाना लाने पहुंची ,ताकि, जब्ती और कारवाई की जाए,तो,आर्मी ऑफिसर पुलिस से उलझ गया,हाथा पाई की,यही नही उसने भद्दी भद्दी गाली भी दी।धक्का मुक्की की और फिजिकल अवरोध पैदा किया।
इसके बाद बात बढ़ी और पुलिस ने कानूनी कारवाई शुरू की।आर्मी ऑफिसर और कार को थाना लाया।
एएसपी चंद्र प्रकाश ने मीडिया से कहा कि चूक दोनो ओर से हुई है,दोनो ओर से थोड़ी थोड़ी गलती हुई और बात बढ़ी। सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह कानूनी कारवाई में जुटे थे।लेकिन,जिस तरह दौड़ा दौड़ा कर मारने और इसी तरह के जो बाते विडियो के सामने आई,इसमें चूक हुई है।उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस एक सामान्य भारतीय नागरिक मान कर अपनी कानूनी कारवाई में थी,बाद में पता हुआ कि वह व्यक्ति आर्मी ऑफिसर है।उन्होंने स्वीकारा कि पुलिस से भी चूक हुई,बल प्रयोग नही करना था।पुलिस का काम ही है अवरोध के बीच सेल्फ कंट्रोल रख कर काम करना।लेकिन,जो विडियो वायरल हुआ है,उसमे आर्मी ऑफिसर गंदी गन्दी गाली देते दिख रहे हैं,जो शोभनीय नही है।
मामले में अभी जांच हो रही है।मामले में उचित करवाई होगी।पुलिस इस मामले में अपना प्रतिवेदन प्रेषित की है।
बता दे कि तुरकौलिया के सेमरा,बेलहट्टी निवासी प्रमोद गिरी के पुत्र आर्मी ऑफिसर राधा मोहन गिरी कारगिल के द्रास सेक्टर में पोस्टेड हैं।जिनका ससुराल रामगढ़वा के भटिया है, जहां से अपनी पत्नी और उसकी सहेलियों को मैट्रिक की परीक्षा दिलाने कार से रक्सौल आए थे।इसी दौरान जाम के बीच कथित रूप से लुकिंग ग्लास साइड मिरर से बुजुर्ग तैयब मियां दुर्घटनाग्रस्त हो गए। जिससे उनके पक्षधर आक्रोशित हो गए और मामला बढ़ गया।फिर आपसी सहमति से कार समेत परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र जाने दिया गया।बाद में विवाद बढ़ा और वीडियो वायरल हुआ जिसमे गाली गलौज तू तू मैं सामने आई।विडियो में आर्मी जवान सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह पर भड़कते हुए यह कहते सुना गया की आपने भी मुझे पीटा।जबकि,जितेंद्र सिंह उसकी बात काटते हुए कहा की नही हमने तुम्हे बचाया। वे यह कहते हुए भड़क कर थाना को फोन करते दिखे कि मां को गाली दी है, जल्द फोर्स के साथ आएं।
फिल्वक्त,आर्मी जवान और पुलिस के बीच का विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है ।कौन कैसा?इस पर छिड़ी बहस के बीच देखना है मामले में आगे क्या होता है…!