रक्सौल।(vor desk)। इंडियन आर्मी के जवान मिथिलेश यादव को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।बीते दिनों इंडो चाइना बॉर्डर के सिक्किम(गंगटोक ) बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान पहाड़ पर पैर फिसलने से मिथिलेश की मौत हो गई।
पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत आदापुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर-पोखरिया पंचायत के बरहडवा विशुनपुरवा गांव निवासी रामायण प्रसाद यादव के इकलौते पुत्र इंडियन आर्मी के जवान मिथिलेश कुमार यादव ( 24) का शव सोमवार को पैतृक गांव पहुंचा।
अपने गांव में रियल हीरो के शाहिद होने की जानकारी मिलने के बाद गांव में मातमी सन्नाटा रहा, जब शव सेना के वाहन से गांव पहूंचा ,तो,जो जहां था वहीं से मिथिलेश के घर की ओर अंतिम दर्शन को चल दिए ।करीब सात किलो मीटर तक सड़क के दोनो ओर हजारों लोगों जमे रहे और नम आंखों से अंतिम विदाई दी।जगह जगह छतों से पुष्प वर्षा भी की गई।
सैनिक सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई।इससे पहले सेना के जवानों ने सलामी गारद की और शस्त्र सलामी दी।पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया।मौके पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी और जवानों के साथ आदापुर वीडियो सुनील कुमार,सीओ संजय झा,आदापुर थानाध्यक्ष डा ०राजीव नयन प्रसाद, दरपा थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार समेत जनप्रतिनिधि और क्षेत्रीय राजनीतिज्ञ उपस्थित रहे।
जवान का पार्थिव शरीर पहुंचे ही लोगों की उमड़ी भीड़
जैसे ही मिथिलेश यादव का पार्थिव शरीर को लेकर जवान पहुंचे, वैसे ही भारत माता की जय के नारे से गूंज उठा, मिथिलेश अमर रहें ,जय हिंद,जय भारत,जैसे नारे लगाने लगे।मुखाग्नि पिता रामायण यादव ने दी। जवान के पिता समेत मां निर्मला देवी और बहन सीमा का रो रोकर बुरा हाल है।
पिता ने ईट पथाई कर बेटे को सेना में भेजा
सेना के जवान स्वर्गीय मिथिलेश अपने पिता के इकलौते पुत्र थे, मिथिलेश के पिता रामायण यादव जो गांव में ही चिमनी में मजदूरी कर अपने बेटे को पढ़ाया और वर्ष 2019 में बेटे को सेना का जवान बना कर देश की सेवा में भेजा। जिसकी पोस्टिंग सिक्किम (गंगटोक) के चांगो झील पर जीडी आर्टिलरी 54वीं मध्य रेजिमेंट में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे। लेकिन उनकी मौत कैसे हुई है इस पर कोई भी सही जानकारी नहीं दे रहे है। बेटे की मौत की खबर सुनने में बाद मां निर्मला देवी और बहन सीमा कुमारी (18) बार बार बेहोश हो जा रही हैं।
अप्रैल में होने वाली थी मिथिलेश की शादी
मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की मिथिलेश की शादी की बात चल रही थी, उसकी शादी अप्रैल माह में होना की बात कही जा रही हैं। सेना में जवान शहीद मिथिलेश के पिता ने कहा मेरे पास तो मात्र एक बेटा था जो देश के लिए शहीद हो गया हैं। अगर मेरे पास 20 बेटे होते तो उन्हें भी देश की रक्षा में भेज देता।