रक्सौल।( vor desk )।उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से गिरफ्तार जैश -ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ मोहम्मद सैफुल्लाह के तार बिहार से जुड़े पाए गए हैं।यूपी के फतेहपुर में रहने वाला महम्मद सैफुल्लाह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है।उसे यूपी के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड ( एटीएस) ने 12 अगस्त 2022 को पकड़ा है और आतंकी कनेक्शन की निरन्तर जांच चल रही है।अब तक जो सूचना सामने आई है उसके मुताबिक,19 वर्षीय सौफुल्लाह की जड़े जैश ए मोहम्मद में काफी गहरी है।यही नही वह पाकिस्तान व अफगानिस्तान में बैठे संगठन के ‘हैण्डलरों ‘ से सोशल मीडिया के माध्यम से सीधे सम्पर्क में है और संगठन के लिए आईटी सेल का काम भी देखता है।बीजेपी के निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर ‘फिदायीन हमले’ की साजिश में जुटे जैश ए मोहम्मद के एक शीर्ष आतंकी मोहम्मद नदीम की सहारनपुर से हुई गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़ाव सम्बंधित इनपुट मिलने की वजह से मो. सैफुल्लाह पकड़ में आया। बिहार नेपाल सीमावर्ती रक्सौल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत रामगढ़वा प्रखंड के अधकपरिया गांव के मो.सैफुल्लाह के आतंकी संगठन से तार जुड़ने के मामले की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी फ़ैल गई है।सभी उसकी देशद्रोही गतिविधियों को लेकर अचंभित हैं।तिरवाह इलाके से जुड़े अधकपरिया के गांववासी इस खबर पर यकीन ही नही कर रहे।क्योंकि,इस गांव की पहचान अलग है।स्कूलों में देशभक्ति गीत और नाट्य प्रस्तुति अलग झलकियां देते हैं।
जब voiceofraxaul.com की टीम ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए पहुंची तो देखा की उसके एक झोपड़ीनुमा घर है,जिसमें ताला लटक रहा है।लोगों से पूछने पर पता चला की सैफुल्लाह का पिता जफरुल इस्लाम काफी तंगहाली में था ।जो रोजी- रोटी कमाने और परिजन के लालन- पालन के लिए करीब बीस वर्ष पहले सुदूर देहाती गांव तिरुवाह के अधकपरिया से यूपी के लिए चला गया ।तब से उसका पिता कभी कभार ही किसी शादी के मौके पर गांव आता है।उसकी या उसके भाई की कोई उपस्थिति नही मिलती। रिश्तेदारों की माने तो उनका कोई खास लगाव पट्टीदारों/परिजन से नही है।
उसके पिता भी चार भाई है और सैफुल्लाह भी चार भाई है।पिता के अन्य भाई भी निर्धन हैं। जिससे अन्य भाई भी कही कही कमा कर अपना घर चलाते है ।यहां तक की आरोपी का बड़ा भाई यूपी में एक प्राइवेट जॉब करता है और दो अन्य पढ़ते है।बताते है की उसके पिता एक बड़े नेकदिल इंसान है। जिस वजह से इस घटना ने सबको चौंका दिया है।बता दें की सिकरहना(बूढ़ी गंडक)नदी के मुहाने पर बसे इस गांव के अधिकतर लोग पढ़े -लिखे है,इस गांव ने एक आईपीएस, एक सीजीएम, एक अंचलाधिकारी,कई डॉक्टर बने है ।लेकिन,इस घटना से सभी काफी अचंभित है।गांव के मोहम्मद हसनैन शिक्षक हैं।वे कहते हैं कि इस सूचना से हम चकित हैं।सहसा विश्वास ही नही होता।वे कहते हैं कि यदि निष्पक्ष जांच हो तो हो सकता है कि वह निर्दोष साबित हो,लगता है कि यह परिवार किसी साजिश का शिकार हो गया है।गांव में ही रहने वाली सैफुल्लाह की चाची नूर जहा कहती हैं कि मैंने तो सैफुल्लाह को यहां कभी देखा ही नही, लेकिन,पिता शादी ब्याह या अन्य मौकों पर आते जाते रहते हैं।वे एक अच्छे व्यक्ति है।वहां कैसे क्या हुआ,यहां हम क्या बताएं?
मो.सैफुल्लाह का सपना: ‘गजवा ए हिन्द’ !
पकड़ा गया जैश-ए-मोहम्म्द से जुड़ा 19 साल वर्षीय आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला भी उन लोगों की कतार में शामिल है, जो कि देश में’ गजवा-ए-हिंद ‘का सपना देखते हैं। एटीएस से पूछताछ में उसने अपनी कट्टर सोच का पूरा प्रदर्शन किया और खुलकर अपनी बातें रखीं।
उसकी कट्टरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसे अफगानिस्तान में शासन कर रहे तालिबानियों का शासन भी शरीयत के हिसाब से नहीं लग रहा है। वह पूरी दुनिया में इस्लाम का शासन चाहता है और गैर इस्लामियों को काफिर मानता है।
फतेहपुर में जैसे ही एटीएस के हाथ सैफुल्ला के गिरहबान तक पहुंचे, छूटते ही उसने यही कहा कि वह सच्चा मुसलमान है और वही कर रहा है जो उसके दीन में कहा गया है। इसके बाद उससे पूछताछ का लंबा सिलसिला शुरू हुआ तो उसकी कट्टरपंथी सोच सामने आ गई।
जब उससे यह सवाल किया गया कि यह ऐसे कट्टरपंथी समूहों के संपर्क में क्यों है, तो उसने सीधा जवाब दिया कि उन सबका मकसद गजवा-ए-हिंद (इस्लाम के विस्तार के लिए भारत में युद्ध) है।
एटीएस ने उससे पूछा कि मौजूदा माहौल में क्या उसे विश्वास है कि ऐसा हो सकेगा तो उसने कहा कि ऐसा जरूर होकर रहेगा, क्योंकि हदीस में ऐसा ही लिखा है।
सैफुल्ला के मुताबिक तालिबान विश्व बिरादरी के दबाव में है। शरीयत के हिसाब से वहां की सभी महिलाएं इस बार बुर्के में नहीं हैं। सभी पुरुषों को दाढ़ी रखना अनिवार्य नहीं है। उसने पूछताछ में गैर मुस्लिमों के लिए काफिर शब्द ही प्रयोग किया।
यूपी एटीएस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि फतेहपुर से गिरफ्तार आतंकी सैफुल्ला ने बताया है कि वह सहारनपुर में पकड़े गए नदीम को जानता है। वह दोनों आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के लिए काम करते हैं।
वर्चुअल आईडी बनाने में माहिर सैफुल्ला अब तक नदीम समेत पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कई आतंकियों को 50 आईडी बना कर दे चुका है। सोशल मीडिया के माध्यम फेसबुक मैसेंजर, वाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए भी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बैठे हैंडलर्स से कनेक्ट हुआ था।
यूपी एटीएस के मुताबिक सैफुल्ला जेहादी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर बने ग्रुप में वायरल करता था। वीडियो में वह जेहाद के लिए दूसरों काे प्रेरित करता था। एटीएस ने उसके पास से मोबाइल फोन, चाकू बरामद किया है।
क्या कहते हैं अधिकारी:
यूपी के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस( एटीएस) नवीन अरोड़ा ने बताया कि यह साबित हो चुका है कि सैफुल्लाह के देश -विदेश तक इंटरनेशनल लिंक है।उसके खिलाफ ‘अवैध व देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से विधि सम्मत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।उसके नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।