रक्सौल।(vor desk )।भारत-नेपाल सीमा पर नशे का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है, जिस पर अब शिकंजा कसता दिख रहा है।बीते दिनों आश्रम रोड में हुई पुलिस छापेमारी में ‘ड्रग्स कैफे ‘चलाने वाले महेश पटेल को प्रतिबन्धित नशीली दवा के साथ गिरफ्तार किया गया था।अब एक बड़ी कार्रवाई करते हुए हरैया ओपी पुलिस ने हजारों बोतल नशीली प्रतिबंधित कफ सिरप को गुप्त सूचना के आधार पर बरामद किया है। हालांकि इसमें किसी प्रकार की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिसकी जानकारी देते हुए हरैया ओपी थानाध्यक्ष विवेक कुमार जायसवाल ने बताया कि हमें गुप्त सूचना मिली की थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या-03 श्रीकृष्ण नगर में अवैध रूप से प्रतिबंधित कफ सिरप का भंडारण किया गया है, जिसका प्रयोग नशा के रूप में किया जाता है और इसकी तस्करी होनी है, फिर एक टीम बनाकर छापेमारी करते हुए 68 कार्टून में रखे 7 हजार 7 सौ 80 पीस कफ सिरप बरामद किया गया। बताया गया कि इसमें नकली डाइजिपाम इंजेक्शन भी बरामद हुआ।जिसका रैपर भी मिला।
सूत्रों के मुताबिक,नकली रैपर लगा कर इन दवाओं को असली कीमत पर बेच कर मोटी कमाई की जाती है।जिसका जाल नेपाल तक फैला हुआ है।इस भंडाफोड़ के बाद अब मकान मालिक रामभरोस प्रसाद पर मामला दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि रक्सौल के आश्रम रोड, डंकन रोड,गांधी नगर,बैंक रोड,ब्लॉक रोड, नेपाली स्टेशन ,कौड़िहार,समेत विभिन्न क्षेत्रों में के देखरेख में यह धंधा फल-फूल रहा है।जिसमें सशक्त गिरोह लगा हुआ है।पकड़े गए लोग कुछ ही दिनों में छूट जाते हैं।विरोध करने वालो की हत्या तक कर दी जाती है।इन्हें कतिपय भ्रष्ट पुलिस-प्रशासन ,पार्षदों व सफेदपोशों का संरक्षण मिलता रहता है।अहम सवाल यह है कि ड्रग्स इंस्पेक्टर के विरुद्ध जांच क्यों नही होती?आखिर प्रतिबन्धित नशीली दवा धंधेबाजो को कैसे मिल जाती है?मंगलवार की छापेमारी में भी धंधेबाज का भाग निकलना पुलिस की भूमिका को कटघरे में खड़ा कर रहा है।क्योंकि,ये कार्रवाई खानापूर्ति से आगे नही बढ़ते।