रक्सौल।( vor desk )।देश से 2025 तक टीबी को जड से उखाड फेंकने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन 25 के तहत भारत सरकार के एनएचएम अंतर्गत सेंट्रल टीबी डिवीजन व डब्लू एचओ की टीम ने सोमवार को रक्सौल स्थित अनुमण्डलिय अस्पताल व डंकन हॉस्पिटल में पहुंच कर क्षय रोग निवारण कार्यक्रम व अभियान की समीक्षा की।टीम का नेतृत्व सेंट्रल टीबी डिवीजन के नेशनल प्रोग्राम ऑफिसर किरण राडे कर रहे थे।डब्लू एचओ(बिहार ) के सीनियर कंसल्टेंट डॉ उमेश त्रिपाठी भी साथ थे।टीम ने सरकार की ओर से जारी प्रावधानो एवं योजनाओं को क्रियान्वित करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2025 तक हर हाल में टीबी मुक्त भारत बनाने की है।यहां लक्ष्य के विरुद्ध सन्तोषनजक उपलब्धि है।इसे और भी बढ़ाना होगा।ताकि,प्रदर्शन सूबे में बेहतर हो।
सुपरवाइजरी विजिट के तहत आई टीम ने अनुमण्डलिय अस्पताल के यक्ष्मा केंद्र,एचआईवी /एड्स इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर आदि का गहन नीरिक्षण किया व आवश्यक पूछ ताछ की।लैब में टीबी जांच के लिए हाल ही में लगे अत्याधुनिक मसीन सिबिनट ( जिन एक्सपर्ट ) के रख रखाव व जांच कार्य का अवलोकन किया।जिसमे बताया गया कि पिछले 16 जुलाई को यह मसीन लगा।जिसमे कुल 16 लोगों की जांच में 5 मरीज पॉजिटिव पाए गए।इससे पहले एसप्रुटम फॉर एचबी का जांच होता था।टीम ने लैब टेक्नीशियन दीप राज देव,नवीन कुमार,उज्ज्वल कुमार,जीएनएम अरशद से इस बारे में आवश्यक पूछ ताछ कर दिक्कतों-कमियों की जानकारी जुटाई।इस दौरान एलटी की कमी को दूर करने व टीबी जांच के लिए स्पेशल ट्रेनिंग पर भी चर्चा हुई।इसके साथ ही आईसीटीसी के काउंसलर डॉ प्रकाश मिश्रा से टीबी मरीजो की एचआईवी /एड्स जांच के बारे में जानकारी ली।जिसमे बताया गया कि प्रति माह औसतन 30 टीबी मरीज की जांच होती है।हाल के दिनों में जांच में एक भी टीबी मरीज पॉजिटिव नही पाया गया है।टीम ने अनुमण्डल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन कुमार के साथ एक बैठक कर टीबी कार्यक्रम की समीक्षा की।जिसमे डॉ जीवन चौरसिया, डॉ मुराद आलम,स्वास्थ्य प्रबन्धक आशिष कुमार,डॉक्टर्स फ़ॉर यू के प्रोग्राम मैनेजर रंजन वर्मा, ट्रीटमेंट कार्डियो दिव्य कुमार,जीत के टीपीटी कॉर्डिनेटर नीरज कुमार आदि मौजूद रहे।उपाधीक्षक डॉ राजीव रंजन के साथ टीम ने डॉट्स कार्यक्रम के तहत करीब डेढ़ सौ मरीजो को टीबी की मुफ्त दवा उपलब्धता व निक्षय पोषण योजना की ग्राउंड लेबल पर तस्दीक के लिए क्षेत्र के नागा रोड, इस्लामपुर,तुमड़िया टोला,मौजे,हरदिया आदि में दर्जन भर मरीजो के यहां डोर टू डोर पहुंच कर जांच की।जिसमे मरीजो से इलाज में परेशानी- दिक्कतों,दवा के कुप्रभाव,अस्पताल में मिलने वाले रिस्पॉन्स व बिहैव के बारे में भी जानकारी ली।वहीं,रक्सौल स्थित डंकन हॉस्पिटल पहुंच कर टीबी जांच के लिए लैब में लगे ट्रू नेट मशीन व सरकारी स्तर पर उपलब्ध कराए जाने वाले टीबी की दवा के रख रखाव का नीरिक्षण किया और समीक्षात्मक बैठक में सरकारी अस्पताल प्रबंधन को सपोर्ट करने पर जोर देते हुए कहा कि अनुमण्डल अस्पताल में हो रही निःशुल्क जांच का फायदा मरीज को दिलायें।